🔥 युद्ध की ज्वाला में झुलसे निर्दोष: 18 दिन में 1,500+ नागरिक मौतें
15 जून 2025 तक, इजरायल-ईरान संघर्ष में 1,500 से अधिक आम नागरिक मारे गए, जिनमें 40% महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं। ईरान के सीरियाई दूतावास पर इजरायली हवाई हमले (1 अप्रैल 2025) ने इस जंग की शुरुआत की, जिसमें दमिश्क के आवासीय इलाके निशाने पर आए। यूएन रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के शिराज शहर में 12 मई को हुए रॉकेट हमले में एक बाज़ार ध्वस्त हो गया, जहाँ 68 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें स्कूली बच्चे भी थे। इजरायल का दावा है कि ईरानी मिलिशिया हिजबुल्लाह लेबनान से नागरिक क्षेत्रों में हथियार जमा कर रहा है, लेकिन यूएन ने दोनों पक्षों को नागरिकों को निशाना बनाने के लिए फटकार लगाई है ।
💣 युद्ध के असली कारण: तेल, हथियार और सत्ता का खेल
- तेल संसाधन: फारस की खाड़ी के 60% तेल भंडार पर ईरान का नियंत्रण, जिसे पश्चिमी देश चाहते हैं तटस्थ।
- हथियार व्यापार: ईरान परमाणु कार्यक्रम को रोकने के नाम पर इजरायल को अमेरिका ने 2024 में $15 अरब के हथियार दिए ।
- सत्ता संघर्ष: ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने खुलेआम कहा, “इजरायल को मिडिल ईस्ट से मिटा देना हमारा धर्म है” ।
🇺🇸 अमेरिका की दिलचस्पी: “रक्षक” या “फायदेभोगी”?
- रणनीतिक लाभ: ईरान पर प्रतिबंधों से अमेरिकी तेल कंपनियों को इराक और सऊदी अरब में अनुबंध मिले।
- सैन्य उपस्थिति: अमेरिका के 160 देशों में सैन्य अड्डे, जिनमें मिडिल ईस्ट प्रमुख है। रक्षा बजट 66 लाख करोड़ रुपये जिसका 40% इस क्षेत्र में खर्च होता है ।
- हथियार बिक्री: युद्ध शुरू होने के बाद सऊदी अरब, कतर और इजरायल ने अमेरिका से $9 अरब के हथियार ऑर्डर किए।
☮️ शांति की संभावना: क्या युद्ध के बाद खामोशी आएगी?
विश्लेषकों के अनुसार, “इस युद्ध का कोई विजेता नहीं होगा”। कारण:
- ईरान के पास दुनिया का सबसे बड़ा मिसाइल आर्सनल, जिससे इजरायल पूरी तरह सुरक्षित नहीं।
- हामास, हिजबुल्लाह और हूथी विद्रोही गुट शांति वार्ता को विफल कर सकते हैं।
- यूएन की चेतावनी: “मिडिल ईस्ट में यह संघर्ष वर्ल्ड वार-3 की चिंगारी बन सकता है”।
⚖️ मानवता के लिए खतरा: क्या यह युद्ध “नरसंहार” की ओर?
- पर्यावरण विनाश: खाड़ी क्षेत्र में तेल टैंकरों पर हमले से 2.5 लाख टन कच्चा तेल समुद्र में रिसा, जिसने समुद्री जीवन को खतरे में डाला।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था: तेल की कीमतें $150/बैरल पहुँचीं, भारत जैसे आयातक देशों में महँगाई ने रिकॉर्ड तोड़ा।
- मानवाधिकार: ईरान में बाल सैनिकों की भर्ती और इजरायल की “शॉक एंड ऑव” रणनीति ने नागरिकों को निशाना बनाया।
💰 नुकसान या फायदा? अमेरिका का “युद्ध लेखा-जोखा”
पक्ष | फायदा | नुकसान |
---|---|---|
अमेरिका | हथियार निर्यात 300% बढ़ा • तेल कंपनियों के शेयर ऊपर | सैन्य खर्च $200 अरब • 46 सैनिक मारे गए |
ईरान | रूस-चीन से सैन्य समर्थन • क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ा | तेल निर्यात 90% कम • 12,000 नागरिक मरे |
इजरायल | गाजा पर नियंत्रण मजबूत • अमेरिकी सहायता | 5,800 रॉकेट हमले • अर्थव्यवस्था में 25% गिरावट |
✍️क्या मानवता हार रही है सत्ता के खेल में?
इजरायल-ईरान युद्ध कोई “धार्मिक संघर्ष” नहीं, बल्कि तेल, हथियार और भू-राजनीतिक वर्चस्व का युद्ध है। जबकि अमेरिका अपने सैन्य-औद्योगिक परिसर को पाल रहा है, आम नागरिक मलबे के नीचे दफ्न हो रहे हैं। जैसा कि ईरान के खामेनेई ने धमकी दी: “अमेरिका कूदा तो उसे अपूरणीय क्षति होगी” , वैश्विक शांति के लिए यह संघर्ष एक जहरीली परीक्षा बन गया है। अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह आग पूरे मानवता के लिए घातक सिद्ध होगी।
स्रोत: अल जज़ीरा, यूएन रिपोर्ट्स, ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स ।