भारत ने पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी को किया निष्कासित, 8 दिनों में दूसरी बड़ी कार्रवाई।

भारत-पाकिस्तान कूटनीतिक तनाव में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब भारत ने पाकिस्तानी हाई कमीशन के एक और अधिकारी को जासूसी के आरोप में ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दे दिया।

जासूसी के आरोप में भारत ने पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी को देश छोड़ने का दिया आदेश।

21 मई 2025 को भारत ने एक बार फिर पाकिस्तानी हाई कमीशन के एक अधिकारी को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। यह 8 दिनों में दूसरी ऐसी कार्रवाई है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव को दर्शाती है। इससे पहले 13 मई को भी एक पाकिस्तानी अधिकारी को इसी तरह निष्कासित किया गया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि संबंधित अधिकारी अपने पद के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा था। सूत्रों का दावा है कि इस अधिकारी पर भारत के खिलाफ जासूसी जैसे गंभीर आरोप हैं।

‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ क्या है?

‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है ‘अवांछनीय व्यक्ति’। कूटनीति में यह शब्द किसी विदेशी राजनयिक को उस देश में अवांछित घोषित करने के लिए उपयोग किया जाता है, जहां वह तैनात है। इसे कूटनीतिक स्तर पर सबसे सख्त कदमों में से एक माना जाता है। जब किसी राजनयिक को इस तरह घोषित किया जाता है, तो उसे तत्काल प्रभाव से उस देश को छोड़ना पड़ता है। भारत द्वारा हाल की कार्रवाइयां इस बात का संकेत हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का कारण

भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। हाल के महीनों में जासूसी के आरोपों ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, निष्कासित अधिकारी पर संवेदनशील जानकारी एकत्र करने और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी अधिकारियों पर इस तरह के आरोप लगे हैं। पहले भी कई मौकों पर भारत ने ऐसी कार्रवाइयां की हैं, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय राजनयिकों के खिलाफ कदम उठाए हैं।

हाल की घटनाओं का विश्लेषण

  • 13 मई की कार्रवाई: भारत ने एक पाकिस्तानी अधिकारी को जासूसी के आरोप में निष्कासित किया था।
  • 21 मई की घटना: 8 दिन बाद ही एक और अधिकारी को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया।
  • विदेश मंत्रालय का बयान: मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि अधिकारी अपने कूटनीतिक दायित्वों का उल्लंघन कर रहा था।

ये लगातार कार्रवाइयां भारत के सख्त रुख को दर्शाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को और गहरा कर सकता है।

भारत का सख्त रुख क्यों?

भारत ने हमेशा से अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। जासूसी जैसे मामलों में भारत का रवैया हमेशा से कड़ा रहा है। हाल के वर्षों में, खासकर कश्मीर मुद्दे और सीमा पर तनाव के बाद, भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों पर कड़ी नजर रखी है। यह कार्रवाई न केवल एक कूटनीतिक जवाब है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इसका महत्व

यह घटना केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों तक सीमित नहीं है। वैश्विक स्तर पर, कूटनीतिक निष्कासन एक गंभीर संदेश देता है। यह अन्य देशों को भी यह संदेश देता है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। साथ ही, यह दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति के लिए एक चुनौती भी बन सकता है।

भारत द्वारा पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी को निष्कासित करना एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है। यह न केवल दोनों देशों के बीच तनाव को दर्शाता है, बल्कि भारत के सख्त रुख को भी उजागर करता है। ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ जैसे कदम कूटनीति में असाधारण माने जाते हैं और इनका असर लंबे समय तक देखा जा सकता है।

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