Breaking News: गुजरात के वडोदरा में गंभीरा पुल ढहा, 13 की मौत, बचाव कार्य जारी
वडोदरा, (गुजरात) 9 जुलाई 2025: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक दुखद हादसा हुआ, जब महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल अचानक ढह गया। यह 40 साल पुराना पुल, जो वडोदरा और आनंद जिलों को जोड़ता था, सुबह करीब 7:30 बजे टूट गया, जिसके कारण पांच वाहन—दो ट्रक, एक एसयूवी, एक पिकअप वैन और एक ऑटो-रिक्शा—नदी में गिर गए। इस हादसे में कम से कम 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह लोग घायल हुए हैं।
वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने स्मार्टख़बरी को बताया कि, अभियान में स्थानीय तैराक, नावें, नगर निगम की टीमें, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। अब तक छह लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, और नदी में डूबे वाहनों को निकालने के लिए क्रेन और गोताखोरों की मदद ली जा रही है। एक टैंकर जो पुल पर अटका हुआ है, उसे गिरने से रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

1985 में बना था गंभीरा पुल
गंभीरा पुल, जो 1985 में बनाया गया था, मध्य गुजरात को सौराष्ट्र क्षेत्र से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग था। स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि गंभीरा पुल की स्थिति लंबे समय से खराब थी और मरम्मत की मांग को बार-बार अनदेखा किया गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “गंभीरा पुल के ढहने से पहले जोरदार आवाज आई, जैसे भूकंप आया हो। हमने गाड़ी रोकी और कूद गए, लेकिन कई लोग नदी में गिर गए।”
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “वडोदरा में गंभीरा पुल ढहने की घटना अत्यंत दुखद है। मैंने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दिए हैं और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया, “वडोदरा में गंभीरा पुल ढहने से हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “यह हादसा सरकार की उदासीनता का परिणाम है। इस महत्वपूर्ण मार्ग की मरम्मत की मांग को लंबे समय से नजरअंदाज किया गया।”
हादसे के कारण आनंद, वडोदरा, भरूच और अंकलेश्वर को जोड़ने वाला यह महत्वपूर्ण मार्ग बंद हो गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की है और लोगों से प्रभावित क्षेत्र से बचने की अपील की है।
यह घटना गुजरात में बुनियादी ढांचे की स्थिति पर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने पुलों की नियमित जांच और रखरखाव की कमी इस तरह के हादसों का कारण बन सकती है। 2022 में मोरबी में हुए पुल हादसे, जिसमें 135 लोगों की जान गई थी, के बाद भी ऐसी घटनाओं से सबक नहीं लिया गया।
बता दे, बीते दिनों 15 जून 2025 को महाराष्ट्र के पुणे में नारायणी नदी पर बना ब्रिज धराशायी हो गया था जिसमे 06 लोगो की मौत हो गई थी। बिहार में तो पुल ढहने की इतनी घटनाएं हुई कि सरकार को अब भी विपक्ष इस मुद्दे पर घेरता है और नीतीश सरकार को जबाब देते नही बनाता।
बचाव कार्य अभी भी जारी हैं, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हम इस दुखद घटना में जान गंवाने वालों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
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