शुभांशु शुक्ला: अंतरिक्ष के नायक (Shubhanshu Shukla: A Real Hero)

भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा गया है, और इसका श्रेय जाता है ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को। 25 जून 2025 को, Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरकर, शुभांशु ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के सपनों को पंख दिए। यह लेख आपको शुभांशु शुक्ला की प्रेरक कहानी, उनके करियर, और Ax-4 मिशन के महत्व के बारे में बताएगा। आइए, जानते हैं इस अंतरिक्ष नायक की यात्रा को।

शुभांशु शुक्ला: एक नजर में

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ था। उनके पिता, शंभू दयाल शुक्ला, एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, जबकि उनकी माता, आशा शुक्ला, एक गृहिणी हैं। शुभांशु ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से पूरी की।

1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर, उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में प्रवेश के लिए UPSC NDA परीक्षा दी और इसे पास किया।

2005 में, उन्होंने NDA से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में, उन्होंने भारतीय वायुसेना अकादमी में प्रशिक्षण लिया और जून 2006 में फाइटर स्ट्रीम में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्राप्त किया।

शुभांशु शुक्ला ने 2021 में बैंगलोर के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में M.Tech की डिग्री भी हासिल की। उनकी शैक्षिक और सैन्य पृष्ठभूमि ने उन्हें अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Shubhanshu Shukla: वायुसेना से अंतरिक्ष तक का सफर

शुभांशु शुक्ला एक अनुभवी टेस्ट पायलट और कॉम्बैट लीडर हैं, जिनके पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier, और An-32 जैसे विमानों में 2,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।

2019 में, भारतीय वायुसेना के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) ने उन्हें भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चुना। इसके बाद, उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर, स्टार सिटी में एक साल तक कठिन प्रशिक्षण लिया। 2021 में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्होंने बैंगलोर में ISRO के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में आगे की ट्रेनिंग जारी रखी।

27 फरवरी 2024 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम में ISRO के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में शुभांशु को गगनयान मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में घोषित किया। Ax-4 मिशन में उनकी भूमिका पायलट के रूप में थी, और वह इस मिशन के लिए NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन में प्रशिक्षण ले चुके हैं।

Axiom Mission 4: भारत का गौरव

Axiom Mission 4 एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है, जो Axiom Space, NASA, और SpaceX के सहयोग से आयोजित की गई। यह मिशन 25 जून 2025 को NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से फाल्कन 9 रॉकेट और Crew Dragon C213 (नाम: Grace) के साथ लॉन्च हुआ। मिशन का उद्देश्य ISS पर 14 दिन तक वैज्ञानिक प्रयोग, आउटरीच, और व्यावसायिक गतिविधियाँ करना है।

शुभांशु इस मिशन के पायलट हैं, और उनके साथ हैं:

  • कमांडर पेगी व्हिटसन (USA, Axiom Space)
  • मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोश उज्नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड, ESA)
  • मिशन स्पेशलिस्ट टिबोर कपु (हंगरी, HUNOR)

यह मिशन भारत, पोलैंड, और हंगरी के लिए 40 वर्षों में पहली बार सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान है। शुभांशु ISS पर पहुँचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।

Ax-4 में शुभांशु की भूमिका

शुभांशु शुक्लाने मिशन के दौरान ISRO और भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित सात वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें शामिल हैं:

  1. माइक्रोग्रैविटी में सायनोबैक्टीरिया की वृद्धि (ICGEB)
  2. माइक्रोग्रैविटी में फसल बीजों का विकास (IIST और केरल कृषि विश्वविद्यालय)
  3. मांसपेशियों की क्षति का अध्ययन
  4. स्क्रीन उपयोग के संज्ञानात्मक प्रभाव
  5. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर अध्ययन

इसके अलावा, शुभांशु शुक्ला ने ISS से योग सत्र और लाइव टॉक के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने के लिए आउटरीच गतिविधियाँ कीं। उन्होंने अपने कंधे पर तिरंगे के साथ कहा, “यह 1.4 अरब भारतीयों की उड़ान है।”

शुभांशु की प्रेरणा और व्यक्तिगत जीवन

शुभांशु ने राकेश शर्मा को अपना मेंटर माना और उनके 1984 के मिशन से प्रेरणा ली। उन्होंने मिशन में राकेश शर्मा के लिए एक गुप्त स्मृति चिन्ह भी ले गए, जिसका खुलासा उन्होंने वापसी के बाद करने का वादा किया।

शुभांशु ने भारतीय व्यंजन जैसे मैंगो नेक्टर, गाजर हलवा, और मूंग दाल हलवा को अंतरिक्ष में ले जाकर भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया।

शुभांशु की शादी डॉ. कामना मिश्रा से हुई है, जो पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी स्कूल की सहपाठी थीं। दंपति का एक बेटा है। उनकी बहन, शुचि मिश्रा, ने उनके मिशन को “पूरे देश के लिए गर्व का पल” बताया।

मिशन की चुनौतियाँ और सफलता

Ax-4 मिशन को कई बार स्थगित करना पड़ा। पहले मई 2025 में निर्धारित, यह मिशन जून तक टला, जिसमें फाल्कन 9 में लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव और ISS के ज्वेज्दा मॉड्यूल में दबाव रिसाव जैसे तकनीकी कारण शामिल थे।

अंततः, 25 जून 2025 को सुबह 12:01 बजे IST पर मिशन लॉन्च हुआ, और 26 जून को दोपहर 4:30 बजे IST पर Crew Dragon ISS के साथ डॉक हुआ।

शुभांशु ने लॉन्च के बाद कहा, “हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधे पर तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ।” उनकी यह बात हर भारतीय के दिल को छू गई।

भारत के लिए महत्व

Ax-4 मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 2027 में भारत की पहली स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष उड़ान का लक्ष्य रखता है। यह मिशन भारत-USA अंतरिक्ष सहयोग का परिणाम है, जिसकी नींव 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की USA यात्रा के दौरान रखी गई थी। शुभांशु की उड़ान ने न केवल भारतीय युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को प्रदर्शित किया।

FAQ: शुभांशु शुक्ला और Ax-4 मिशन

1. शुभांशु शुक्ला कौन हैं?

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और ISRO के अंतरिक्ष यात्री हैं। वह Axiom Mission 4 के पायलट हैं और ISS पर पहुँचने वाले पहले भारतीय हैं।

2. Axiom Mission 4 क्या है?

Ax-4 एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जो Axiom Space, NASA, और SpaceX के सहयोग से ISS पर वैज्ञानिक प्रयोग और आउटरीच के लिए आयोजित किया गया। यह 25 जून 2025 को लॉन्च हुआ।

3. शुभांशु Ax-4 में क्या कर रहे हैं?

शुभांशु मिशन के पायलट हैं और ISS पर 14 दिन तक रहकर सात भारतीय वैज्ञानिक प्रयोग, योग सत्र, और लाइव टॉक जैसे आउटरीच कार्य कर रहे हैं।

4. Ax-4 में भारत की क्या भूमिका है?

भारत ने ISRO के माध्यम से सात वैज्ञानिक प्रयोग डिज़ाइन किए, और शुभांशु को पायलट के रूप में भेजकर गगनयान कार्यक्रम के लिए अनुभव प्राप्त किया।

5. Ax-4 मिशन में और कौन शामिल हैं?

मिशन में पेगी व्हिटसन (कमांडर, USA), स्लावोश उज्नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड), और टिबोर कपु (हंगरी) शामिल हैं।

6. शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में क्या ले गए?

शुभांशु शर्मा मैंगो नेक्टर, गाजर हलवा, मूंग दाल हलवा, और राकेश शर्मा के लिए एक गुप्त स्मृति चिन्ह लेकर गए है।

7. Ax-4 मिशन की लागत क्या थी?

शुभांशु की सीट की अनुमानित लागत लगभग 500 करोड़ रुपये (मध्य-60 मिलियन USD) थी।

8. यह मिशन भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए अनुभव प्रदान करता है और वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

अंत में

शुभांशु शुक्ला की Ax-4 मिशन में भागीदारी भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक स्वर्णिम पल है। लखनऊ के एक साधारण लड़के से लेकर ISS पर तिरंगा लहराने वाले अंतरिक्ष यात्री तक का उनका सफर हर भारतीय को प्रेरित करता है। उनकी कहानी न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों की है, बल्कि सपनों, मेहनत, और देशप्रेम की भी है। जैसा कि शुभांशु ने कहा, “यह मेरी नहीं, 1.4 अरब भारतीयों की उड़ान है।”

स्रोत:
Avadhesh Yadav
Avadhesh Yadav
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