आजकल एथेनॉल स्कैम सुर्खियों में बना हुआ है विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है कि सस्ते रूसी तेल का फायदा आम जनता तक क्यों नहीं पहुंचा है? कांग्रेस नेता पवन खेरा ने बीजेपी को घेरते हुए सवाल दागा है कि नितिन गडकरी के बेटों की कंपनियों ने महज़ 1 साल में अपना मुनाफा 4000% कैसे बढ़ाया? आइए विपक्ष के इन सवालों को विस्तार से जानते है।
नई दिल्ली, 05 सितम्बर 2025: देश में एथेनॉल ब्लेंडिंग को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एथेनॉल नीति पर गंभीर आरोप लगाए। खेड़ा ने दावा किया कि रूस से आने वाले सस्ते कच्चे तेल का फायदा आम जनता तक नहीं पहुंचा, बल्कि इससे कुछ चुनिंदा औद्योगिक घरानों और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गडकरी के बेटों की कंपनियों ने एथेनॉल व्यवसाय से एक साल में 4000% से अधिक का मुनाफा कमाया है ।
एथेनॉल स्कैम: जानिये क्या है पूरा मामला? आरोपों पर एक नजर
पवन खेड़ा के अनुसार, सरकार ने देश को बताया कि रूस से सस्ता कच्चा तेल आ रहा है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आएगी। लेकिन असल में यह तेल मोदी जी के दोस्त की रिफाइनरी में गया, फिर मोदी जी के भतीजों की कंपनी में गया, जहां एथेनॉल मिलाया गया। इसके बाद दिल्ली में बैठे नरेंद्र मोदी ने उस तेल में टैक्स मिला दिया । खेड़ा ने आगे कहा कि एथेनॉल ब्लेंडिंग से वाहनों के इंजन खराब हो रहे हैं और लोगों की कमाई बर्बाद हो रही है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
एथेनॉल ब्लेंडिंग के दावे और हकीकत
सरकार ने एथेनॉल ब्लेंडिंग को बढ़ावा देते हुए दावा किया था कि इससे वाहनों का माइलेज बेहतर होगा और इंजन के रखरखाव की चिंता खत्म होगी। लेकिन पवन खेड़ा ने बताया कि नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, एथेनॉल ब्लेंडिंग से वाहनों के माइलेज में 6% की गिरावट आई है । साथ ही, 2023 से पहले बने सभी इंजन एथेनॉल के साथ कंपैटिबल नहीं हैं, जिससे इंजन डैमेज हो रहे हैं और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
गडकरी के बेटों की कंपनियों को मुनाफा
पवन खेड़ा ने नितिन गडकरी के बेटों की कंपनियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां – Cian Agro Industries & Infrastructure Ltd और Manas Agro Industries And Infrastructure Ltd – एथेनॉल उत्पादन करती हैं। निखिल गडकरी की कंपनी Cian Agro का जून 2024 में राजस्व 18 करोड़ रुपये था, जो जून 2025 में बढ़कर 723 करोड़ रुपये हो गया।
इस कंपनी के शेयर की कीमत जनवरी 2025 में 37 रुपये थी, जो अब बढ़कर 895.20 रुपये हो गई है – यानी इन कीमतों में 2184% की बढ़ोतरी हुई है । खेड़ा ने इसे “पिता नीति बना रहे हैं, बेटे पैसा बना रहे हैं” का मामला बताया।
पर्यावरण और किसानों पर असर
खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि एथेनॉल उत्पादन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। देश में जितनी भी एथेनॉल डिस्टिलरीज हैं, वे RED श्रेणी (अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाली) में आती हैं। साथ ही, एथेनॉल बनाने के लिए प्रति लीटर 3000 लीटर पानी की खपत होती है, जो पानी की कमी वाले देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है । किसानों को एथेनॉल नीति का कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है, बल्कि उनसे सस्ते दामों पर गन्ना और अनाज खरीदा जा रहा है।
रूसी तेल और टैक्स का मामला
अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण 50% टैरिफ लगाया है, लेकिन सरकार ने इसके बावजूद रूसी तेल का आयात जारी रखा . हालांकि, इस सस्ते तेल का फायदा आम जनता तक नहीं पहुंचा। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई खास कमी नहीं आई, क्योंकि सरकार ने टैक्स के माध्यम से अपना राजस्व बनाए रखा . एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमत का 40% से अधिक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को जाता है .
किसे मिल रहा है फायदा?
इन तमाम आरोपों और तथ्यों के आधार पर सवाल उठता है कि आखिर एथेनॉल नीति और रूसी तेल का फायदा किसे मिल रहा है? आम जनता को तो इससे कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि उन्हें इंजन खराब होने और महंगे ईंधन का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को भी कोई खास फायदा नहीं मिला। पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में, केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों को ही इस नीति का फायदा मिल रहा है। सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और आम जनता के हितों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
नोट: यह खबर विभिन्न समाचार स्रोतों और सार्वजनिक बयानों पर आधारित है। सरकार की तरफ से अभी तक इन आरोपों का कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।