नई दिल्ली 03 मार्च 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने Election Commission पर voter list में हेरफेर का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, लाखों नए वोटर्स जोड़कर चुनाव आयोग ने BJP के पक्ष में मतदान कराया।
इस संदर्भ में कांग्रेस नेता ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि, एक ही EPIC नंबर पर कई लोगो को Election Commission ने मतदाता बना वोटर आईडी कार्ड जारी कर दिया।
वही इस मुद्दे पर वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भारतीय चुनाव आयोग व भाजपा को घेरा है।
मालूम हो, प्रत्येक मतदाता को एक यूनिक EPIC नंबर जारी करने का प्रावधान है। ऐसे में एक ही EPIC नंबर पर कई लोगो को वोटर कार्ड जारी किया जाना एक गंभीर मुद्दा बनता नजर आ रहा है।
Election Commission पर Rahul Gandhi का बड़ा आरोप – वोटर लिस्ट में धांधली?
राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस; कांग्रेस पार्टी ने 3 मार्च 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में Election Commission पर बड़ा हमला बोला। राहुल गांधी ने खुलासा किया कि कई वोटर्स को एक ही Voter ID Number दिया गया, जिससे चुनावी नतीजे प्रभावित हुए। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया। आइए, जानते हैं पूरी रिपोर्ट—
1. कांग्रेस का चौंकाने वाला खुलासा!
कांग्रेस पार्टी का दावा है कि चुनाव आयोग (Election Commission) ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की है। पार्टी के मुताबिक—
- एक ही वोटर ID नंबर का उपयोग कई राज्यों और एक ही निर्वाचन क्षेत्र में अलग-अलग वोटर्स के लिए किया गया।
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मात्र 5 महीनों में 40 लाख नए वोटर जुड़े, जबकि 2019-2024 में केवल 32 लाख जुड़े थे!
- इनमें से ज्यादातर नए वोटर्स ने BJP के पक्ष में मतदान किया, जिससे नतीजों में भारी बदलाव आया।
राहुल गांधी ने इस गड़बड़ी को ‘Electoral Fraud’ करार दिया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
2. BJP को फायदा, कांग्रेस को नुकसान?
कांग्रेस का कहना है कि यह धांधली BJP के इशारे पर की गई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान कई निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही इमारत में हजारों नए वोटर जोड़े गए। इनका झुकाव एकतरफा BJP की ओर दिखा।
राहुल गांधी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया और कहा:
“यह सिर्फ कांग्रेस का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर हमला है। हम इसे चुनाव आयोग, संसद और कोर्ट— हर जगह उठाएंगे!”
3. चुनाव आयोग की सफाई और चुप्पी!
जब कांग्रेस ने प्रूफ के साथ चुनाव आयोग से जवाब मांगा, तो पहले यह कहा गया कि—
“Voter ID नंबर राज्य के भीतर यूनिक होता है, लेकिन दो राज्यों में एक जैसा हो सकता है।”
लेकिन जब कांग्रेस ने एक ही राज्य में एक ही नंबर के दो वोटर्स का उदाहरण दिया, तो आयोग चुप्पी साध गया।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मोदी सरकार के दबाव में काम कर रहा है और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
4. कांग्रेस की अगली रणनीति?
कांग्रेस ने साफ कर दिया कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ा हुआ है। पार्टी इस गड़बड़ी के खिलाफ—
- कानूनी कार्रवाई करेगी।
- चुनाव आयोग से जवाब मांगेगी।
- संसद में इस पर चर्चा कराएगी।
राहुल गांधी ने डॉ. अंबेडकर के लोकतंत्र की रक्षा के सपने को याद करते हुए कहा:
“हम इस लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ेंगे, ताकि चुनाव निष्पक्ष हों और जनता की आवाज न दबे!”
वही इस मुद्दे पर एक निजी टीवी चैनल पर बोलते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग ढांडा ने कहा कि, “क्या एक PAN नंबर पर दो लोगों के पैन कार्ड हो सकते हैं? क्या एक आधार नंबर पर दो लोगों के आधार कार्ड हो सकते हैं? अगर एक EPIC नंबर पर दो लोगों के वोट बने हुए हैं तो इससे गंभीर बात लोकतंत्र में क्या हो सकती है। क्या बीजेपी और चुनाव आयोग वाकई ये खेल, ‘खेल रहे हैं?”
कांग्रेस की महिला नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता रितु चौधरी (Ritu Choudhary) सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखती है कि, “चुनाव आयोग ने एक EPIC ID से हजारों वोटर्स अलग अलग राज्यों में बना दिया और जब चोरी पकड़ी गई तो कह रहे हैं कि हम इसको ठीक करेंगे। चुनाव आयोग ने ये बात पहले क्यों नहीं स्वीकारी? इससे तो यही साबित होता है कि नेता विपक्ष ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर जो सवाल उठाए थे वो सही था।”
BJP का चुनाव आयोग के साथ साठ-गांठ – ममता बनर्जी।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान जारी कर भाजपा और Election Commission पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि, केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार फर्जी मतदाताओं का उपयोग करके अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए चुनाव आयोग के साथ साठ-गांठ कर लिया है।
उधर Election Commission ने भी माना है कि कुछ मतदाताओं के पास एक जैसे EPIC नंबर हैं जो अलग-अलग राज्यों से हैं। लेकिन चुनाव आयोग के इतना कह देने भर से यह मामला ठण्डा होता नही दिखाई दे रहा है क्योंकि हर एक मतदाता का एक यूनिक EPIC नंबर जारी किए जाने का प्रावधान है।
चुनाव की निष्पक्षता पर उठा सवाल।
देश में चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाने वाले इस खुलासे ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। यदि कांग्रेस के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे बड़ा चुनावी घोटाला हो सकता है।
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अब देखने वाली बात होगी कि चुनाव आयोग और बीजेपी सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं? क्या यह मामला सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहेगा या कोई बड़ी कार्रवाई होगी।
EPIC का क्या मतलब है?
एपिक (EPIC) का पूरा नाम इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (Electors Photo Identity Card) है। जिसे आम तौर पर वोटर आईडी के नाम से भी जाना जाता है।
इसे भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा जारी किया जाता है।इसके साथ ही यह पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो मुख्य रूप से देश के राज्य और आम चुनावों में वोट डालते समय भारतीय नागरिकों के लिए पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
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