बिहार गयाजी गैंगरेप की घटना ने एक बार फिर बिहार के जंगलराज को उजागर किया है। होमगार्ड भर्ती परीक्षा देने आई युवती के साथ हुई इस शर्मनाक घटना ने बिहार के सुशासन की पोल खोल कर रख दिया है।
बिहार गयाजी में होमगार्ड भर्ती: चलती एंबुलेंस में दरिंदगी की हदें पार
बिहार के गयाजी जिले में एक ऐसी घटना ने समाज को झकझोर दिया है, जिसने इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए। होमगार्ड भर्ती के लिए आई एक 26 वर्षीय महिला के साथ चलती एंबुलेंस में गैंगरेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
बिहार गयाजी गैंगरेप: एक सामान्य दिन, जो बन गया दर्दनाक हादसा
24 जुलाई 2025, गुरुवार। बिहार के बोधगया में बीएमपी-3 परेड ग्राउंड में होमगार्ड भर्ती की शारीरिक परीक्षा चल रही थी। सैकड़ों युवतियां अपने सपनों को साकार करने के लिए दौड़ रही थीं। इन्हीं में से एक थी 26 वर्षीय युवती, जो गयाजी जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली थी। वह अपने परिवार की उम्मीदों को कंधों पर लिए इस फिजिकल टेस्ट में हिस्सा लेने पहुंची थी। लेकिन किसे पता था कि यह दिन उसकी जिंदगी का सबसे काला दिन बन जाएगा?
दौड़ के दौरान अचानक वह चक्कर खाकर मैदान में गिर पड़ी। मौके पर मौजूद आयोजकों ने तुरंत उसे प्राथमिक उपचार के लिए बैठाया और फिर एंबुलेंस बुलाकर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजने का फैसला किया। लेकिन यहीं से उसकी जिंदगी में एक ऐसा दर्दनाक मोड़ आया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।
चलती एंबुलेंस में दरिंदगी की कहानी
पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में जो बताया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उसने कहा, “मैं दौड़ते समय बेहोश हो गई थी। मुझे ग्राउंड में थोड़ी देर बैठाया गया। फिर एंबुलेंस बुलाई गई। ड्राइवर और टेक्नीशियन ने मुझे गाड़ी में बैठाया। जब एंबुलेंस बीएमपी-3 के गेट से निकलकर डोभी-पटना मुख्य मार्ग पर पहुंची, तो दोनों ने पहले यह पूछा कि मेरा कोई जानने वाला तो नहीं है। जब उन्हें कोई परिचित नहीं मिला, तो गाड़ी अस्पताल की ओर बढ़ी।”
टेक्नीशियन की घिनौनी हरकत
पीड़िता के मुताबिक, रास्ते में टेक्नीशियन ने इलाज के बहाने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू की। उसने बताया, “टेक्नीशियन ने मेरे चेहरे पर कोई स्प्रे मारा, जिससे मैं पूरी तरह बेहोश हो गई। मुझे सिर्फ हल्की-हल्की आवाजें सुनाई दे रही थीं। उसी दौरान उसने मेरे साथ दुष्कर्म किया।” इसके बाद सिकरिया मोड़ के पास एंबुलेंस को सुनसान जगह पर रोका गया, जहां ड्राइवर ने भी इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया।
अस्पताल में खुला सच
जब पीड़िता को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में होश आया, तो उसे महसूस हुआ कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। उसने तुरंत वहां मौजूद महिला डॉक्टर को अपनी आपबीती सुनाई। डॉक्टरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पीड़िता की शिकायत पर बोधगया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की।
पुलिस की कार्रवाई व बयान
गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आनंद कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने बताया, “शुक्रवार देर रात हमें सूचना मिली। दो घंटे के भीतर ही हमने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।” आरोपियों की पहचान एंबुलेंस ड्राइवर विनय कुमार (गयाजी जिले के उतरेन गांव) और टेक्नीशियन अजीत कुमार (नालंदा जिले के चांदपुर गांव) के रूप में हुई।
सबूतों ने खोली पोल
पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में साफ दिखा कि एंबुलेंस कुछ समय के लिए मुख्य मार्ग से गायब हुई और फिर वापस लौटी। इसके अलावा, फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की टीम ने एंबुलेंस के अंदर से कई अहम सबूत जुटाए। पीड़िता और आरोपियों के कपड़े भी जांच के लिए जब्त किए गए। मेडिकल जांच की रिपोर्ट का इंतजार है, जो इस मामले में और साफ तस्वीर पेश करेगी।
राज्य में आक्रोश, सियासत गर्म
बिहार गयाजी गैंगरेप की घटना ने न सिर्फ गयाजी, बल्कि पूरे बिहार में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं, तो फिर कहां जाएं? केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है। दोषियों को पकड़ा गया है, लेकिन यह दिखाता है कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब है। मैं ऐसी सरकार का समर्थन करने पर शर्मिंदा हूं।”
विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मामले को उठाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, “यह घटना बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का जीता-जागता सबूत है। हमारी पार्टी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
क्या है होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया?
बिहार में होमगार्ड भर्ती एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें हजारों युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए हिस्सा लेते हैं। इस साल 2025 में 28,000 पदों के लिए भर्ती की घोषणा की गई थी। इसमें लिखित परीक्षा के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) होती है, जिसमें दौड़, ऊंची कूद और अन्य टेस्ट शामिल हैं। लेकिन इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में ऐसी घटना ने सुर्खियां बटोरी हैं। पहले भी भर्ती प्रक्रियाओं में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भर्ती स्थलों पर महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए। जैसे, महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती, एंबुलेंस में महिला स्टाफ की मौजूदगी, और सीसीटीवी की कड़ाई से निगरानी।
पीड़िता की हालत और आगे की जांच
वर्तमान में पीड़िता मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन मानसिक आघात से वह पूरी तरह टूट चुकी है। पुलिस ने बोधगया एसडीपीओ सौरभ जायसवाल के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। एसएसपी आनंद कुमार ने कहा, “हम जल्द ही चार्जशीट दाखिल करेंगे। इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।”
क्या अन्य लोग भी शामिल?
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि एंबुलेंस में तीन से चार लोग मौजूद थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस अपराध में और लोग शामिल थे। सीसीटीवी फुटेज और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुट गई है।
आगे क्या?
बिहार गयाजी गैंगरेप का यह मामला न सिर्फ एक महिला की जिंदगी से जुड़ा है, बल्कि यह पूरे समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इसके लिए जरूरी है कि:
- भर्ती प्रक्रियाओं में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं।
- एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं में महिला स्टाफ की अनिवार्यता हो।
- सीसीटीवी और जीपीएस के जरिए हर गाड़ी की रीयल-टाइम निगरानी हो।
- दोषियों को त्वरित और सख्त सजा दी जाए।