बिहार के बांका जिले में एक ऐसी प्रेम कहानी ने तहलका मचा दिया, जिसने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया। दो बच्चों की मां ने अपने ही भांजे संग मंदिर में शादी रचाई और पति को तस्वीरें भेजकर सनसनी फैला दी।
बांका/भगलपुर (बिहार) 08 अगस्त: बांका में सनसनीखेज प्रेम कहानी का यह मामला बिहार के बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव से सामने आया है। यहां एक महिला, पूनम कुमारी, ने अपने पति और दो बच्चों को छोड़कर अपने दूर के रिश्ते के भांजे अंकित कुमार के साथ मंदिर में शादी कर ली। इस घटना ने न केवल स्थानीय समाज को हक्का-बक्का कर दिया, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूनम ने अपने पति शिवम कुमार को इस शादी की तस्वीरें भेजकर मामले को और चर्चा में ला दिया। पीड़ित पति ने अब अमरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
क्या है पूरा मामला?
रघुनाथपुर गांव के शिवम कुमार की जिंदगी उस वक्त उथल-पुथल हो गई, जब उनकी पत्नी पूनम कुमारी अचानक अपने दो बच्चों—आकाश (10 साल) और ऋषि (8 साल)—के साथ घर से गायब हो गईं। शिवम ने बताया कि 2014 में उनकी शादी अमरपुर के दिग्घीपोखर मोहल्ले की पूनम कुमारी से हुई थी। शुरूआती सालों में सब कुछ ठीक था, लेकिन पिछले एक साल से पूनम के व्यवहार में बदलाव आया। इसकी वजह थी खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर थाना क्षेत्र के भुरिया दियारा गांव के अंकित कुमार, जो पूनम के दूर के रिश्ते में भांजा लगता है।
शिवम के मुताबिक, अंकित का उनके घर आना-जाना शुरू हुआ, और धीरे-धीरे पूनम और अंकित के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। “मैंने कई बार पूनम को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी। दो दिन पहले वह बच्चों को लेकर घर से चली गई। फिर मुझे मोबाइल पर उसकी मंदिर में शादी की तस्वीरें मिलीं,” शिवम ने दुखी मन से बताया।
पति की शिकायत, पुलिस की कार्रवाई
शिवम ने इस घटना के बाद अमरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत में गंभीर आरोप हैं—उनका कहना है कि पूनम और अंकित ने सुनियोजित तरीके से यह कदम उठाया। साथ ही, उन्होंने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। “मेरे बच्चे छोटे हैं। मुझे डर है कि उनकी ठीक से देखभाल नहीं हो रही होगी,” शिवम ने पुलिस को बताया।
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अमरपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। “हम दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं। बच्चों की बरामदगी और महिला की मंशा का पता लगाया जा रहा है। जल्द ही मामले की तह तक पहुंच जाएंगे,” थानाध्यक्ष ने कहा।
सामाजिक मर्यादाओं पर सवाल: रिश्तों की उलझन
यह मामला सिर्फ एक प्रेम कहानी तक सीमित नहीं है। पूनम और अंकित के रिश्ते ने सामाजिक मर्यादाओं को चुनौती दी है। भारतीय समाज में रिश्तों की पवित्रता को बहुत महत्व दिया जाता है, खासकर जब बात मामा-भांजे जैसे रिश्तों की हो। पूनम का अपने भांजे के साथ प्रेम विवाह करना गांव वालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं।
गांव के बुजुर्ग रामदेव यादव ने कहा, “हमारे यहां ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह रिश्तों की मर्यादा को तोड़ने वाली घटना है। समाज में ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।” वहीं, कुछ युवाओं का मानना है कि प्रेम व्यक्तिगत पसंद का मामला है, लेकिन बच्चों को इस तरह साथ ले जाना गलत है।
बांका में प्रेम प्रसंगों का सिलसिला
बांका जिला पहले भी ऐसे कई प्रेम प्रसंगों के लिए चर्चा में रहा है। मई 2024 में, शंभूगंज थाना क्षेत्र में एक शादीशुदा महिला अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई थी, जिसके बाद उसके पति को धमकियां मिलने लगीं। इसी तरह, जयपुर थाना क्षेत्र में 2023 में ग्रामीणों ने एक शादीशुदा प्रेमी जोड़े को पकड़कर उनकी शादी करा दी थी।
इन घटनाओं से साफ है कि बांका में प्रेम प्रसंग और उनसे जुड़े विवाद कोई नई बात नहीं हैं। लेकिन पूनम और अंकित का मामला इसलिए खास है, क्योंकि इसमें रिश्तों की जटिलता और बच्चों का सवाल शामिल है।
पति-पत्नी के बीच बढ़ते विवाद: पारिवारिक टकराव
पूनम के इस कदम ने न केवल शिवम को आहत किया, बल्कि उनके परिवार को भी बिखरने की कगार पर ला दिया। शिवम ने बताया कि वह अपनी पत्नी को वापस लाने की हरसंभव कोशिश करेंगे, लेकिन बच्चों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। “मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे मेरे पास हों। पूनम जो चाहे करे, लेकिन बच्चों को इस तरह ले जाना गलत है,” उन्होंने कहा।
कानूनी तौर पर, यह मामला जटिल है। चूंकि पूनम और अंकित दोनों बालिग हैं, उनकी शादी को अवैध नहीं माना जा सकता। लेकिन बच्चों को साथ ले जाना और पति की सहमति के बिना घर छोड़ना कानूनी विवाद का कारण बन सकता है। वकील संजय मिश्रा के अनुसार, “अगर पति यह साबित कर देता है कि बच्चों की देखभाल में लापरवाही हो रही है, तो कोर्ट कस्टडी पति को दे सकता है।”
मनोवैज्ञानिक डॉ. अनीता सिंह का कहना है कि ऐसे मामलों में भावनाएं और सामाजिक दबाव दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। “प्रेम एक जटिल भावना है, जो कभी-कभी सामाजिक नियमों को चुनौती देती है। लेकिन बच्चों को शामिल करना और परिवार को तोड़ना गंभीर परिणाम ला सकता है,” उन्होंने कहा।
वहीं, समाजशास्त्री प्रो. रमेश यादव का मानना है कि बदलते सामाजिक परिवेश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। “आधुनिकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नाम पर लोग रिश्तों की मर्यादा को भूल रहे हैं। समाज को इसे स्वीकार करने में समय लगेगा,” उन्होंने कहा।
बांका में सनसनीखेज प्रेम कहानी न केवल एक परिवार की कहानी है, बल्कि यह समाज में बदलते रिश्तों और मूल्यों का भी प्रतीक है। पूनम और अंकित की इस कहानी का अंत क्या होगा, यह तो जांच और समय ही बताएगा। लेकिन यह सवाल जरूर उठता है कि क्या प्रेम की खातिर रिश्तों की मर्यादा को तोड़ा जाना जायज है?