News

बागेश्वर धाम में भयावह हादसा: टेंट गिरने से श्रद्धालु की मौत, 10 घायल, जन्मोत्सव की तैयारियों पर मंडराया साय

छतरपुर, मध्य प्रदेश 03 जुलाई 2025: विश्व प्रसिद्ध बागेश्वर धाम, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु भक्ति और आस्था के रंग में डूबने आते हैं, वहां गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। सुबह की आरती के दौरान अचानक एक टेंट धराशायी हो गया, जिसने वहां मौजूद श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मचा दी। इस भयावह घटना में एक श्रद्धालु की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मोत्सव की तैयारियों के बीच हुआ, जिसने भक्तों और आयोजकों को गहरे सदमे में डाल दिया।

जानिए, कब हुआ था बागेश्वर धाम में भयावह हादसा

गुरुवार सुबह करीब 7:30 बजे, बागेश्वर धाम के गढ़ा गांव परिसर में भारी संख्या में श्रद्धालु आरती में शामिल होने पहुंचे थे। मौसम ने अचानक करवट ली और तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए श्रद्धालु टेंट के नीचे जमा हुए। लेकिन किसी को क्या पता था कि यह टेंट, जो उनकी सुरक्षा का ठिकाना बना था, उनकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएगा। तेज हवा और बारिश के दबाव में टेंट का ढांचा कमजोर पड़ गया और अचानक लोहे का एक भारी पाइप नीचे आ गिरा। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी 50 वर्षीय श्याम लाल कौशल के सिर पर गंभीर चोट लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

बागेश्वर धाम में भयावह हादसा के बाद मची भगदड़

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टेंट गिरते ही वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। करीब 15-20 लोग टेंट के मलबे में दब गए। चीख-पुकार के बीच लोग अपनी और अपनों की जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। श्याम लाल कौशल के दामाद राजेश कौशल ने बताया, “हम परिवार के छह लोगों के साथ बुधवार रात अयोध्या से बागेश्वर धाम आए थे। सुबह हम बाबा के दर्शन के लिए गए थे। बारिश शुरू हुई तो हम टेंट के नीचे खड़े हो गए। अचानक टेंट गिरा और मेरे ससुर के सिर पर लोहे का पाइप लग गया।” राजेश की आवाज में दर्द और सदमा साफ झलक रहा था।

घायलों का हाल और राहत कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और धाम प्रबंधन हरकत में आ गए। पुलिस और एंबुलेंस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया। घायलों को तत्काल छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। एक घायल लड़की के सिर में गंभीर चोट की खबर है, जबकि अन्य घायलों की स्थिति स्थिर बताई गई है। कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर किया गया है।

हादसे की वजह: लापरवाही या प्रकृति का प्रकोप?

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि टेंट का ढांचा पुराना था और भारी बारिश के कारण उस पर पानी जमा हो गया, जिससे पाइपिंग सिस्टम कमजोर हो गया। कुछ सूत्रों ने निर्माण में खामी की बात भी कही है। प्रशासन ने इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। बागेश्वर धाम में 4 जुलाई को पं. धीरेंद्र शास्त्री का जन्मोत्सव और 7-8 जुलाई को गुरुदीक्षा महोत्सव जैसे बड़े आयोजन होने वाले हैं, जिसके लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जुटने की उम्मीद है। इस हादसे ने भीड़ प्रबंधन और अस्थायी ढांचों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

श्रद्धालुओं में शोक की लहर, आयोजन पर असर

यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री के 29वें जन्मदिन की तैयारियां जोरों पर थीं। धाम को भव्य रूप से सजाया गया था और 1 से 3 जुलाई तक बालाजी का दिव्य दरबार आयोजित हो रहा था। इस हादसे ने उत्सव के माहौल पर गहरा असर डाला है। श्याम लाल कौशल की बेटी सौम्या ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन का रुख

हादसे के बाद प्रशासन और धाम प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को और सख्त करने का फैसला लिया है। बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष श्रोती ने बताया, “टेंट में पानी भरने और तेज हवा के कारण यह हादसा हुआ। हमने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।” प्रशासन ने आयोजकों को अस्थायी ढांचों की मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।

बागेश्वर धाम में भयावह हादसा के बाद क्या कहते हैं स्थानीय लोग?

स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं में इस हादसे को लेकर गहरा आक्रोश है। गुना जिले से आए घनश्याम लोढ़ा, जो हादसे में घायल हुए, ने बताया, “हम करीब 50 लोग टेंट के नीचे थे। बारिश से बचने के लिए हम वहां खड़े थे। अचानक टेंट गिरा और सब कुछ तहस-नहस हो गया।” इस घटना ने धाम की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं, खासकर तब जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर दिन यहां पहुंचते हैं।

बागेश्वर धाम: आस्था और चमत्कारों का केंद्र

बागेश्वर धाम, जो आस्था और चमत्कारों का केंद्र माना जाता है, इस हादसे के बाद सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण बेहद दुखद है। प्रशासन और धाम प्रबंधन के सामने अब चुनौती है कि वे श्रद्धालुओं का भरोसा बनाए रखें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकें। पं. धीरेंद्र शास्त्री के जन्मोत्सव और गुरुदीक्षा महोत्सव जैसे बड़े आयोजनों को देखते हुए सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आस्था के साथ-साथ सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। बागेश्वर धाम में यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक चेतावनी भी है। क्या इस घटना से सबक लिया जाएगा, या यह महज एक और खबर बनकर रह जाएगी? यह सवाल हर किसी के मन में है।

क्या आपको लगता है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा को और सख्त करना चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस खबर को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *