यूपी के बदायूं दरोगा रेप केस में इंसाफ की आस में पीड़िता अभी भी डटी हुई है। कम उम्र में दुःखो का पहाड़, ऊपर से दरोगा की दरिंदगी। अब आगे सिस्टम को साबित करना होगा कि वह उसकी आवाज़ बन सकता है या दस्तावेजों में दबकर रह जाएंगी नाबालिंग की चीख?
“आरोप है कि दरोगा ने तमिलनाडु से बरामद करने के बाद नाबालिंग का बलात्कार किया। दरोगा ने ट्रेन में छेड़ा, थाने के कमरे में 15 मिनट तक रेप किया… जबरदस्ती चुप रहने को कहा” – पीड़िता का आँसुभरा बयान
थाने के अंदर दरोगा की दरिंदगी: नाबालिग को बचाने गया पुलिसकर्मी ही बना दरिंदा
बदायूं, 4 जुलाई 2025 – उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पुलिस विभाग की साख को एक बार फिर गहरा झटका लगा है। यहाँ थाना कादरचौक के दरोगा हरिओम पर आरोप लगा है कि उसने तमिलनाडु से बरामद की गई 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ ट्रेन में छेड़छाड़ की और फिर थाना परिसर में अपने कमरे में जबरन दुष्कर्म किया। हैरान करने वाला पहलू यह है कि इस लड़की को उसकी ही रिश्तेदार दादी ने संपत्ति विवाद के बदले ₹2.5 लाख में बेच दिया था, और उसे बचाने जाने वाला पुलिस अधिकारी ही उसके साथी यातना का नया अध्याय बन गया ।
⚡ पूरा मामला 10 पॉइंट्स में:
- घिनौना अपहरण: 9 जून को पीड़िता खेत से लौट रही थी, तभी ममता (चचेरी दादी), मुजक्किर, पप्पू और बिलाल ने सफेद कार से उसे अगवा कर लिया। उसे बस से चेन्नई ले जाया गया, जहाँ मुजक्किर ने उसे 16 दिन तक एक कमरे में कैद रखा। इस दौरान वह रोज़ उसके साथ रेप करता था ।
- दादी की साजिश: परिवार के अनुसार, ममता पुराने संपत्ति विवाद से नाराज़ थी। उसने भमुइया गाँव के मुजक्किर से ₹2.5 लाख में लड़की को बेच दिया। ट्रांजैक्शन के दौरान वह चेन्नई तक गई और रोज़ मुजक्किर से बात करती रही ।
- पुलिस “रिस्क्यू” मिशन: 23 जून को दरोगा हरिओम, महिला कांस्टेबल पूजा और सिपाही मोहित** की टीम ने लड़की को तमिलनाडु से बरामद किया। चेन्नई से आगरा ट्रेन में हरिओम ने उससे अश्लील बातें कीं और छेड़छाड़ की, लेकिन पीड़िता डर से चुप रही ।
- थाने में काला दिन: सुबह 7 बजे थाना पहुँचने के बाद, पूजा और मोहित चले गए। हरिओम ने पीड़िता को अपने कमरे में बुलाकर “लल्ली, तुझसे कुछ पूछना है” कहा। वहाँ उसने 15-16 मिनट तक उसका रेप किया और “शिकायत करोगी तो जेल में डलवा दूँगा” की धमकी दी ।
- कोर्ट ने दर्ज किया बयान: पीड़िता ने बदायूं के सीजेएम कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया। उसने ट्रेन में छेड़छाड़ और थाने में दुष्कर्म का विवरण दिया, लेकिन स्पष्ट किया कि तमिलनाडु में उसके साथ कुछ नहीं हुआ ।
- मेडिकल जांच पर सवाल: लड़की को वन स्टॉप सेंटर भेजा गया, जहाँ मेडिकल जाँच हुई। हालाँकि, पीड़िता का आरोप है कि डॉक्टरों ने रेप के सबूतों को दर्ज नहीं किया ।
- आरोपी दरोगा फरार: हरिओम को 25 जून को शाहजहाँपुर ट्रांसफर कर दिया गया। वह फोन नहीं उठा रहा है। एसएसपी ने एसआई नाहर सिंह को नई जाँच सौंपी है ।
- गिरफ्तारियाँ अधूरी: मुख्य आरोपी मुजक्किर गिरफ्तार है, लेकिन ममता और पप्पू फरार हैं। पुलिस का दावा है कि वे “लोकेशन ट्रेस” कर रही है ।
- परिवार की गुहार: पीड़िता के पिता खेती करते हैं। परिवार में 6 बच्चे हैं। माँ रोते हुए बताती है— “मेरी बच्ची को दादी ने बेच दिया, और पुलिस ने उसकी इज्ज़त लूट ली” ।
- ऊँचे स्तर पर जाँच: डीआईजी बरेली रेंज अजय साहनी ने स्वतंत्र जाँच शुरू की है। थाने के सीसीटीवी फुटेज की जाँच की जा रही है ।
🔥 प्रशासनिक गड़बड़ियाँ और सवाल:
- पुलिस का रवैया: 20 जून को परिवार और विश्व हिंदू परिषद ने थाना घेरा, क्योंकि पुलिस ने रिश्वत मांगी थी। सीओ उझानी ने हस्तक्षेप कर धरना खत्म कराया ।
- जिले में पुलिस की छवि खराब: इस मामले से पहले बिनावर थाने के 25 पुलिसकर्मियों पर एक युवक को फर्जी ड्रग केस में फँसाने का आरोप लगा था ।
💬 प्रतिक्रियाएँ:
- पीड़िता: “थाने में दरोगा ने मुझे 15 मिनट तक रोका… पहले गंदी बातें कीं, फिर जबरदस्ती की। मैंने कोर्ट में सब बता दिया।”
- एसएसपी डॉ. बृजेश सिंह: “मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ उझानी से जाँच कराई जा रही है। न्यायालयीन बयानों का विधिक परीक्षण होगा।”
📈 आँकड़ों में बदायूं पुलिस का रेकॉर्ड:
घटना | तारीख | विवरण |
---|---|---|
फर्जी ड्रग केस | जुलाई 2024 | 25 पुलिसकर्मियों पर युवक को झूठे केस में फँसाने का आरोप |
शव का अपमान | मई 2025 | पोस्टमॉर्टम हाउस में स्ट्रेचर पर रखकर सिपाही को गार्ड ऑफ ऑनर |
महिला उत्पीड़न | जुलाई 2025 | मेले में अभद्रता करने वालों ने सिपाही पर हमला किया |
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❓बदायूं दरोगा रेप केस: अब आगे क्या?
- डीआईजी की जाँच तय करेगी कि दरोगा हरिओम के खिलाग यौन उत्पीड़न और धमकी के मामले दर्ज होंगे या नहीं।
- सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में महत्वपूर्ण सबूत होंगे।
- ममता और पप्पू की गिरफ्तारी पर पुलिस का रवैया सिस्टम की नीयत पर सवाल खड़े करता है।
“जिस पुलिस पर हम भरोसा करते हैं, वही अगर दरिंदा बन जाए तो आम आदमी कहाँ जाए?” — पीड़िता के पिता का सवाल अब आगे क्या?
- डीआईजी की जाँच तय करेगी कि दरोगा हरिओम के खिलाग यौन उत्पीड़न और धमकी के मामले दर्ज होंगे या नहीं।
- सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में महत्वपूर्ण सबूत होंगे।
- ममता और पप्पू की गिरफ्तारी पर पुलिस का रवैया सिस्टम की नीयत पर सवाल खड़े करता है।
“जिस पुलिस पर हम भरोसा करते हैं, वही अगर दरिंदा बन जाए तो आम आदमी कहाँ जाए?” — पीड़िता के पिता का सवाल
✍️बदायूं दरोगा रेप केस: क्या होगीं बर्बरता की निष्पक्ष जांच?
यूपी के बदायूं का यह मामला न सिर्फ़ एक नाबालिग के साथ हुई बर्बरता की कहानी है, बल्कि पुलिस व्यवस्था के पतन का दस्तावेज़ भी है। जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलती और पुलिस सुधार पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ऐसी घटनाएँ समाज के विश्वास को तोड़ती रहेंगी। पीड़िता का संघर्ष न्याय की उम्मीद को जीवित रखे हुए है, लेकिन सिस्टम को साबित करना होगा कि वह उसकी आवाज़ बन सकता है।