अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट: टेकऑफ के बाद दोनों इंजन अचानक बंद, चौंकाने वाले खुलासे
अहमदाबाद, 12 जुलाई 2025: अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट ने भारत के विमानन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक के कारणों को उजागर किया है। 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के मात्र 32 सेकंड बाद मेघानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स सहित कुल 275 लोगों की जान चली गई। केवल एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से जीवित बचे। भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने इस हादसे के पीछे तकनीकी खराबी को प्रमुख कारण बताया है, जिसने विमानन सुरक्षा पर नए सवाल खड़े किए हैं।

अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट: इंजन फेल्योर का खुलासा
अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए। जांच में पाया गया कि ईंधन कटऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में RUN से CUTOFF स्थिति में चले गए, जिसके कारण इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से प्राप्त ऑडियो में एक पायलट को पूछते सुना गया, “आपने क्यों बंद (इंजन) किया?” जिसका जवाब दूसरे पायलट ने दिया, “मैंने नहीं किया।” यह संवाद इस ओर इशारा करता है कि इंजन बंद होने में मानवीय गलती की संभावना कम थी, और संभवतः यह एक गंभीर तकनीकी खराबी थी।
पायलटों ने इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की। इंजन 1 (N1) कुछ हद तक शुरू हुआ, लेकिन इंजन 2 क्रैश से पहले चालू नहीं हो सका। ब्लैक बॉक्स के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) से पता चला कि टेकऑफ थ्रस्ट चालू था, लेकिन थ्रस्ट लीवर डिस्कनेक्ट हो गए, जिसके कारण इंजनों को शक्ति नहीं मिली। जांच में यह भी पुष्टि हुई कि ईंधन की गुणवत्ता में कोई खराबी नहीं थी, जिससे यह सवाल उठता है कि ईंधन सप्लाई सिस्टम में ऐसी क्या खराबी थी जो इतनी तेजी से दोनों इंजनों को प्रभावित कर गई।
हादसे का समय और परिस्थितियाँ
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने 12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। विमान ने अधिकतम 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई हासिल की और 32 सेकंड बाद मेघानी नगर में क्रैश हो गया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान का पिछला हिस्सा हॉस्टल की इमारत से टकराया, जिसके बाद भीषण आग लग गई। हादसे के समय मौसम पूरी तरह साफ था, विजिबिलिटी सामान्य थी, और बर्ड स्ट्राइक या आंधी-तूफान जैसी कोई बाहरी समस्या नहीं थी। फ्लैप सेटिंग (5 डिग्री) और लैंडिंग गियर की स्थिति भी टेकऑफ के लिए सामान्य थी।
हादसे के बाद पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को मेडे कॉल भेजी, जो आपातकालीन स्थिति का संकेत देती है, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला। विमान का अंतिम सिग्नल 190 मीटर की ऊंचाई पर रिकॉर्ड किया गया। जांच में पाया गया कि इंजन बंद होने के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) स्वचालित रूप से सक्रिय हो गया। यह एक छोटी प्रोपेलर जैसी डिवाइस है जो हवा की गति से बिजली और हाइड्रॉलिक पावर उत्पन्न करती है, जिसने विमान के नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम को कुछ समय तक चालू रखा।
पायलटों का अनुभव और स्वास्थ्य
अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट में पायलटों की योग्यता और स्वास्थ्य पर भी प्रकाश डाला गया है। कैप्टन सुमित सभरवाल के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे का उड़ान अनुभव था। दोनों पायलट मेडिकली फिट थे, और उनकी ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं पाई गई। कॉकपिट ऑडियो से यह भी स्पष्ट है कि पायलटों ने आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी, लेकिन विमान की कम ऊंचाई और तेजी से बिगड़ती स्थिति ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया।
जांच की प्रगति और सरकारी कदम
अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट को AAIB ने 8 जुलाई 2025 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपा। जांच में भारतीय वायु सेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), और अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के विशेषज्ञ शामिल हैं। बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के प्रतिनिधि भी दिल्ली में AAIB की लैब में तकनीकी विश्लेषण में सहयोग कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि ब्लैक बॉक्स (FDR और CVR) की जांच भारत में ही हो रही है, और इसे विदेश नहीं भेजा जाएगा।
केंद्र सरकार ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक हाई-लेवल कमेटी गठित की है, जो तीन महीने में अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। DGCA ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की गहन सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, हादसे के बाद फ्लाइट नंबर AI-171 को बंद कर दिया गया है, जो विमानन उद्योग में घातक हादसों के बाद आम प्रथा है।
विमान का रखरखाव और तकनीकी इतिहास
जांच में यह भी सामने आया कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर लगभग 12 साल पुराना था। इसके दाहिने इंजन को मार्च 2025 में बदला गया था, और जून 2023 में इसकी विस्तृत मेंटेनेंस जांच की गई थी। अगली जांच दिसंबर 2025 में निर्धारित थी। हालांकि, प्रारंभिक जांच में मेंटेनेंस में कोई बड़ी खामी नहीं पाई गई, लेकिन DGCA ने हादसे के बाद एयर इंडिया के बेड़े में शामिल सभी ड्रीमलाइनर विमानों की अतिरिक्त जांच का आदेश दिया है।
रिपोर्ट में रनवे की स्थिति, जैसे घिसे हुए टायर और धुंधली लाइनें, और मेंटेनेंस में लापरवाही की बात भी सामने आई है, लेकिन ये हादसे का प्रत्यक्ष कारण नहीं माने गए। विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन कटऑफ स्विच की स्वचालित गड़बड़ी एक डिज़ाइन या सॉफ्टवेयर त्रुटि हो सकती है, जिसकी गहन जांच अभी चल रही है।
हादसे का प्रभाव और राहत कार्य
हादसे ने अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके को झकझोर दिया। विमान के हॉस्टल परिसर में गिरने से 34 मेडिकल छात्रों और स्टाफ की जान गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय लंच का वक्त था, और कई छात्र मेस में थे। हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू हुआ, जिसमें NDRF की सात टीमें शामिल थीं। गुजरात सरकार ने 230 कर्मचारियों और 192 एम्बुलेंस की व्यवस्था की, और DNA टेस्ट के जरिए 247 शवों की पहचान की गई। अब तक 232 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
एयर इंडिया ने मृतकों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये और टाटा ग्रुप ने 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। हादसे के बाद अहमदाबाद सिविल अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी के कारण शवों को हाथ ठेलों पर ले जाना पड़ा, और O-निगेटिव ब्लड की कमी के लिए डोनेशन की अपील की गई।
विमानन सुरक्षा पर सवाल
अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। यह पहली बार है जब 2011 में लॉन्च हुए इस मॉडल का इतना बड़ा हादसा हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि टेकऑफ के दौरान इंजन फेल्योर की घटनाएँ दुर्लभ हैं, और इस मामले में दोनों इंजनों का एक साथ बंद होना एक असामान्य तकनीकी खराबी की ओर इशारा करता है। बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने हादसे पर दुख जताते हुए जांच में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे से भारत में विमानन सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की जरूरत है। यूरोपियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी काउंसिल के अनुसार, 90% विमान हादसे तकनीकी खराबियों के कारण होते हैं, और टेकऑफ व लैंडिंग के दौरान सबसे ज्यादा जोखिम होता है।
भविष्य के लिए सबक
अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा 2025 जांच रिपोर्ट ने विमानन उद्योग के लिए कई सवाल खड़े किए हैं। क्या बोइंग 787 के डिज़ाइन में कोई खामी थी? क्या मेंटेनेंस प्रक्रियाओं में और सुधार की जरूरत है? क्या पायलटों को ऐसी आपातकालीन स्थिति के लिए और बेहतर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए? इन सवालों के जवाब अंतिम जांच रिपोर्ट में मिलने की उम्मीद है, जो एक साल या उससे अधिक समय ले सकती है।
फिलहाल, केंद्र सरकार और DGCA ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है। एयर इंडिया ने अपने बेड़े की जांच शुरू कर दी है, और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का वादा किया है। हादसे ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक विमानन समुदाय को हिला दिया है, और इससे भविष्य में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जाएँगे।