New India Co-operative Bank Scam 2025: RBI ने कड़े प्रतिबंध लगाए, बोर्ड बर्खास्त।

New India Co-operative Bank Scam: New India Co-operative Bank में ₹122 करोड़ के घोटाले के बाद RBI ने सख्त पाबंदियां लगाईं, बैंक के बोर्ड को बर्खास्त किया और निकासी पर रोक लगा दी। जानिए, पूरा मामला।

New India Co-operative Bank Fraud: RBI Takes Strict Actions

घोटाले का खुलासा और RBI की सख्त कार्रवाई

New India Co-operative Bank में ₹122 करोड़ के घोटाले के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया गया है और निकासी पर छह महीने की रोक लगा दी गई है। इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा की जा रही है।

बैंक अधिकारियों पर गंभीर आरोप

मुंबई पुलिस ने बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर और हेड ऑफ अकाउंट्स सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ ₹122 करोड़ की हेराफेरी का मामला दर्ज किया है।

बैंक के कार्यवाहक CEO देवर्षि घोष ने दादर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर जांच शुरू हुई। आरोप है कि पूर्व जनरल मैनेजर हितेश मेहता और उनके सहयोगियों ने प्रभादेवी और गोरेगांव ब्रांच से यह गबन किया।

कानूनी धाराएं और पुलिस की कार्रवाई

मुंबई पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(5) (आपराधिक विश्वासघात) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया है।

RBI ने बैंक पर सख्त पाबंदियां लगाईं

गुरुवार को RBI ने बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुए खाताधारकों की निकासी पर छह महीने के लिए रोक लगा दी। शुक्रवार को बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया गया और 12 महीनों के लिए एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया गया।

SBI के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत को बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है। इसके अलावा, रविशंकर सप्रा (पूर्व GM, SBI) और अभिजीत देशमुख (CA) को सलाहकार समिति में शामिल किया गया है।

ग्राहकों में हड़कंप, बैंक शाखाओं के बाहर भीड़

RBI के फैसले के बाद ग्राहकों में हड़कंप मच गया। बैंक की 28 शाखाएँ मुंबई में, 2 सूरत और 1 पुणे में स्थित हैं। शुक्रवार सुबह से ही ग्राहक अपनी जमा राशि निकालने के लिए बैंक शाखाओं के बाहर जमा हो गए, लेकिन उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

घोटाले का पर्दाफाश कैसे हुआ?

RBI ने बैंक की स्पॉट इंस्पेक्शन के दौरान कई अनियमितताएं पाईं। बैंक के मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) ने जब EOW को सूचना दी, तब यह मामला खुलकर सामने आया।

RBI ने बैंक को नए लोन देने और ग्राहकों की जमा राशि निकालने पर छह महीने की रोक लगा दी है।

बैंक की खराब आर्थिक स्थिति और बढ़ता NPA

बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ रही थी। मार्च 2024 तक:

  • बैंक की कुल परिसंपत्तियां ₹1,175 करोड़ रह गईं (पिछले वर्ष ₹1,330 करोड़ थी)।
  • ग्रॉस NPA रेशियो 7.96% तक पहुंच गया।
  • कुल जमा राशि ₹2,436 करोड़ थी, जिसमें से दो-तिहाई फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में था।

RBI के निर्देशानुसार, बैंक बिना अनुमति कोई नया लोन, निवेश या देनदारी स्वीकार नहीं कर सकता।

ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है या नहीं?

RBI के अनुसार, बैंक के 1.3 लाख ग्राहकों में से 90% के खाते में ₹5 लाख या उससे कम की राशि है। डिपॉजिट इंश्योरेंस योजना के तहत, ऐसे खाताधारकों को उनकी पूरी जमा राशि वापस मिलने की संभावना है। हालांकि, जिनके खाते में ₹5 लाख से अधिक जमा है, उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

आगे की संभावित कार्रवाई

EOW मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि गबन की गई राशि कहां गई और इसमें और कौन शामिल था।

RBI बैंक की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

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