पब्लिशर: Smart Khabari Health Desk, प्रकाशन तिथि: 27 मई 2025
मई 2025, भारत एक बार फिर कोरोना वायरस के बदलते स्वरूपों और बढ़ते मामलों की आहट सुन रहा है। देश में कुल मामलों की संख्या 1045 तक पहुँच चुकी है, जिसमें केरल (430 सक्रिय केस), महाराष्ट्र (210 केस) और दिल्ली (104 केस) जैसे राज्य विशेष रूप से प्रभावित हैं। पिछले एक हफ्ते में ही 787 नए मरीज दर्ज किए गए हैं और कुछ दुखद मौतें भी हुई हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने देश में चार नए वैरिएंट्स – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 – की उपस्थिति की पुष्टि की है। इन खबरों के बीच आम आदमी के मन में चिंता और भय का होना स्वाभाविक है। लेकिन, क्या हमें वाकई घबराने की जरूरत है? या फिर सही जानकारी और सतर्कता से हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं? इस लेख में हम जानेंगे ICMR की सलाह: कोरोना के नए रूपों से बिना चिंता कैसे सतर्क रहें? ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सके।
जाने, कोविड-19 के नए वैरिएंट
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने स्पष्ट किया है कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट्स की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि “मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इन वैरिएंट्स को फिलहाल “चिंताजनक” (Variant of Concern) नहीं माना है, बल्कि “निगरानी में रखे गए वैरिएंट” (Variant Under Monitoring) के रूप में वर्गीकृत किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि चीन सहित एशिया के अन्य देशों में भी कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट्स प्रमुखता से दिख रहे हैं।
इनमें JN.1 वैरिएंट भारत में सबसे आम है, और आधे से ज्यादा सैंपलों में यही पाया जा रहा है। यह ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है और अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, यह अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा है।
इसी तरह, NB.1.8.1 में कुछ ऐसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन (A435S, V445H, T478I) हैं जो इसे तेजी से फैलने और इम्यूनिटी को चकमा देने में मदद करते हैं, लेकिन समग्र रूप से स्थिति पैनिक वाली नहीं है।
ICMR की सलाह: कोरोना के नए रूपों से बिना चिंता कैसे सतर्क रहें?
जब विशेषज्ञ कह रहे हैं कि घबराना नहीं है पर सतर्क रहना है, तो सवाल उठता है कि यह सतर्कता कैसे बरती जाए? ICMR और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सामान्य सलाहों के आधार पर, यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
व्यक्तिगत स्वच्छता ही पहला हथियार (Personal Hygiene is the First Weapon)

- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं, खासकर बाहर से आने के बाद, खाने से पहले और खांसने या छींकने के बाद।
- यदि साबुन और पानी उपलब्ध न हो, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- अपनी आँख, नाक और मुँह को अनावश्यक रूप से छूने से बचें।
मास्क का सही इस्तेमाल और शारीरिक दूरी (Correct Use of Masks and Physical Distancing)

- भीड़भाड़ वाली जगहों, खराब वेंटिलेशन वाले बंद स्थानों और जब आप किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में हों, तो अच्छी गुणवत्ता वाला मास्क (जैसे N95 या सर्जिकल मास्क) अवश्य पहनें।
- अन्य लोगों से, विशेषकर जिन्हें सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे लक्षण हों, एक सुरक्षित दूरी बनाए रखने का प्रयास करें।
H3: वेंटिलेशन है महत्वपूर्ण (Ventilation is Important)
- घरों और कार्यालयों में ताजी हवा का अच्छा प्रवाह सुनिश्चित करें। खिड़कियां और दरवाजे खोलकर रखें, खासकर जब अधिक लोग एकत्रित हों।
लक्षणों को पहचानें और तुरंत जांच कराएं (Recognize Symptoms and Get Tested Immediately)
- कोरोना के आम लक्षण (जो JN.1 वैरिएंट में भी देखे जा रहे हैं) जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, शरीर में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या गंध का जाना आदि पर ध्यान दें।
- यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत खुद को आइसोलेट करें और अपनी कोविड-19 जांच कराएं। जल्दी जांच और पहचान संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करती है।
अपनी इम्यूनिटी को मजबूत रखें (Keep Your Immunity Strong)

- संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)।
- तनाव कम करने के लिए योग या ध्यान का सहारा लें।
विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें (Get Information Only from Reliable Sources)
- कोविड-19 और इसके वैरिएंट्स के बारे में केवल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, ICMR, WHO और अपने डॉक्टर जैसे आधिकारिक और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।
- सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और गलत सूचनाओं से बचें, क्योंकि ये अनावश्यक भय पैदा कर सकती हैं।
यदि आप संक्रमित हो जाते हैं तो (If You Get Infected)
- घबराएं नहीं। अधिकांश मामले हल्के होते हैं और घर पर ही ठीक हो जाते हैं।
- अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और उनके द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें।
- खुद को दूसरों से अलग रखें ताकि संक्रमण और न फैले।
- यदि सांस लेने में तकलीफ, सीने में लगातार दर्द या दबाव, भ्रम की स्थिति, या होंठों/चेहरे का नीला पड़ना जैसे गंभीर लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
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लॉन्ग कोविड की संभावना को न करें नजरअंदाज
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि JN.1 वैरिएंट या कोरोना के अन्य रूपों के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। यदि आपके लक्षण ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह “लॉन्ग कोविड” की स्थिति हो सकती है। ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
सतर्कता ही बचाव है, चिंता नहीं
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों और नए वैरिएंट्स की उपस्थिति निश्चित रूप से हमें यह याद दिलाती है कि महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। लेकिन, जैसा कि ICMR और WHO ने स्पष्ट किया है, वर्तमान स्थिति अत्यधिक चिंताजनक नहीं है, बशर्ते हम सतर्क रहें और बचाव के उपायों का पालन करें।
ICMR की सलाह: कोरोना के नए रूपों से बिना चिंता कैसे सतर्क रहें?
का मूलमंत्र यही है कि हम घबराएं नहीं, बल्कि सूचित और जिम्मेदार नागरिक बनें। व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का प्रयोग (आवश्यकतानुसार), लक्षणों पर ध्यान देना और सही जानकारी का पालन करना – ये कुछ सरल उपाय हैं जिनसे हम न केवल खुद को बल्कि अपने समुदाय को भी सुरक्षित रख सकते हैं। आइए, मिलकर इस चुनौती का सामना करें, सावधानी से, समझदारी से।