अमेरिका से भारत भेजे जाने वाले रेमिटेंस पर 3.5% टैक्स: भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर?

Smart Khabari Finance Desk | लेखक: अवधेश यादव | प्रकाशित: 23 मई 2025

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 22 मई को ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत विदेशी कामगारों द्वारा अपने देश भेजे जाने वाले धन (रेमिटेंस) पर 3.5% टैक्स लगाया जाएगा। यह प्रस्तावित 5% टैक्स दर से कम है, लेकिन भारत जैसे देशों के लिए यह चिंता का कारण बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस नीति का सबसे बड़ा असर भारतीय प्रवासियों पर होगा, जो अमेरिका से सबसे अधिक रेमिटेंस भेजते हैं।

क्या है ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’?

इस बिल का उद्देश्य अमेरिकी सरकार के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है। इसमें विदेशी कर्मचारियों द्वारा भेजे गए रेमिटेंस पर 3.5% टैक्स लगाने का प्रावधान शामिल है। यह टैक्स 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, बशर्ते सीनेट भी इस बिल को पास कर दे। ट्रम्प के अनुसार, यह नीति “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (MAGA) एजेंडे को मजबूती देगी।

भारत पर क्यों पड़ेगा सबसे बड़ा असर?

  • 2023-24 में भारत को 130 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस मिला, जिसमें से 30 बिलियन डॉलर (23.4%) अकेले अमेरिका से आया।
  • अमेरिका में करीब 45 लाख भारतीय कामगार हैं, जो इस रेमिटेंस का प्रमुख स्रोत हैं।
  • 3.5% टैक्स लागू होने पर भारत को 1.05 बिलियन डॉलर (लगभग 8,750 करोड़ रुपए) का अतिरिक्त वित्तीय बोझ झेलना पड़ेगा।

टैक्स कैलकुलेशन: आपके लिए क्या मायने?

  • 1 लाख रुपए भेजने पर टैक्स:
  • 1,00,000 × 3.5% = 3,500 रुपए
  • 1 करोड़ रुपए पर टैक्स:
  • 1,00,00,000 × 3.5% = 3,50,000 रुपए

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: 3 बड़े खतरे

  1. रेमिटेंस में कमी: भेजे जाने वाले धन पर टैक्स से प्रवासी कम रकम भेज सकते हैं।
  2. रियल एस्टेट और स्टॉक मार्केट: भारत में रेमिटेंस का बड़ा हिस्सा इन सेक्टर्स में निवेश होता है।
  3. कंजम्प्शन ग्रोथ: घरेलू खपत पर असर पड़ने से जीडीपी वृद्धि धीमी हो सकती है।

भारत के पास क्या हैं विकल्प?

  • अमेरिका से बातचीत: रेमिटेंस टैक्स पर छूट या राहत के लिए कूटनीतिक प्रयास।
  • अन्य देशों पर फोकस: कनाडा, जर्मनी, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में प्रवासियों के लिए नए अवसर तलाशना।
  • घरेलू रोजगार: स्टार्टअप्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देकर रेमिटेंस पर निर्भरता कम करना।

क्या अन्य देश भी लागू करेंगे ऐसी नीति?

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के इस कदम से प्रेरित होकर यूरोप और खाड़ी देश भी 1-2% रेमिटेंस टैक्स लागू कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में भारत का नुकसान और बढ़ सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या यह टैक्स सभी देशों पर लागू होगा?

हां, यह नीति अमेरिका में काम करने वाले सभी विदेशी कामगारों पर लागू होगी, चाहे वे किसी भी देश से हों।

क्या टैक्स दर भविष्य में बढ़ सकती है?

हो सकता है। अमेरिकी सरकार अपने राजस्व लक्ष्यों के आधार पर टैक्स दरों में बदलाव कर सकती है।

क्या यह नीति भारतीय प्रवासियों को अमेरिका जाने से रोकेगी?

नहीं, अमेरिका में वेतन और अवसरों के कारण प्रवासी अभी भी वहां जाएंगे, लेकिन टैक्स के कारण उनकी बचत कम होगी।

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भारत के लिए चुनौती और अवसर

अमेरिका का यह कदम भारत के लिए एक चेतावनी है कि वह रेमिटेंस पर निर्भरता कम करे। सरकार को डिजिटल पेमेंट्स, स्टार्टअप इनोवेशन, और विदेशी निवेश को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा।

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