पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों ने भारत में व्यापक विरोध और बहिष्कार की लहर को जन्म दे दिया है। देशभर में विभिन्न राज्यों और व्यापारिक संगठनों ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जिससे भारत-तुर्की व्यापार संबंधों पर असर पड़ सकता है।राज्यों में उठी भारत में तुर्की पर प्रतिबंध की मांग
इन राज्यों में तेज हुई तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की मांग:
1. महाराष्ट्र (पुणे):
पुणे के व्यापारियों ने ‘तुर्की पर प्रतिबंध लगाओ’ का नारा लगाते हुए तुर्की सेबों का बहिष्कार किया है। इस निर्णय के बाद बाजार से तुर्की सेब गायब हो गए हैं, जिससे सेब की कीमतों में वृद्धि हुई है।
2. महाराष्ट्र (मुंबई):
शिवसेना ने मुंबई एयरपोर्ट पर कार्यरत तुर्की कंपनी के साथ हुए समझौते को रद्द करने की मांग की है। उनका आरोप है कि यह कंपनी भारत में मुनाफा कमाकर पाकिस्तान की मदद कर रही है।
3. गुजरात:
गुजरात के टूर ऑपरेटर्स ने तुर्की और अजरबैजान के टूर पैकेज और बुकिंग को रद्द करने का फैसला किया है। यह निर्णय इन देशों द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने की खबरों के बाद लिया गया है।
4. हिमाचल प्रदेश:
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार से तुर्की से सेब सहित सभी आयातित वस्तुओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि तुर्की से हर साल भारत लगभग एक लाख 29 हज़ार 882 मिट्रिक टन सेब का आयात करता है, जिससे हिमाचल प्रदेश के बागवानों को नुकसान उठाना पड़ता है।
तुर्की से भारत में आयातित प्रमुख वस्तुएं
भारत तुर्की से विभिन्न वस्तुओं का आयात करता है, जिनमें प्रमुख हैं:
- सेब: भारत तुर्की से हर साल लगभग 1.3 लाख टन सेब का आयात करता है, जिसका मूल्य लगभग ₹1,000 करोड़ है।

- क्रूड पेट्रोलियम: तुर्की से भारत को क्रूड पेट्रोलियम का आयात होता है, जिसका मूल्य $1.23 बिलियन है।
- मार्बल और ट्रैवर्टीन: $182 मिलियन मूल्य के मार्बल और ट्रैवर्टीन का आयात होता है।
- सोना: $173 मिलियन मूल्य का सोना आयात किया जाता है।
- प्लास्टिक उत्पाद: ₹77.70 करोड़ मूल्य के प्लास्टिक उत्पादों का आयात होता है।
संभावित प्रभाव
यदि तुर्की पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इसके कई प्रभाव हो सकते हैं:
- सेब की कीमतों में वृद्धि: तुर्की से सेब आयात बंद होने से सेब की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं पर भार बढ़ेगा।
- निर्माण उद्योग पर प्रभाव: मार्बल और ट्रैवर्टीन के आयात में कमी से निर्माण उद्योग प्रभावित हो सकता है।
- वैकल्पिक स्रोतों की तलाश: भारत को इन वस्तुओं के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करनी होगी, जिससे व्यापारिक संबंधों में बदलाव आ सकता है।
तुर्की पर प्रतिबंध लगाने से क्या होगा इसका असर?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने के बाद तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की मांग देश में व्यापक और तेज हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न राज्यों और व्यापारिक संगठनों ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जिससे भारत-तुर्की व्यापार संबंधों पर असर पड़ता हुआ कही-कही दिखाई देने लगा है।
हालांकि सरकार को इस मुद्दे पर संतुलित निर्णय लेना होगा, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के बीच संतुलन बना रहे। वही दूसरी तरफ अगर तुर्की फिर ऐसी हरकत करता है तो जो सामना भारत उससे खरीदता है उसे किसी अन्य मित्र देश से खरीदने का विकल्प भी खोजना होगा।