वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि GST दरों में कम की जाएगी। भारतीय शेयर बाज़ार में आए जबरजस्त भूचाल के बाद आखिरकार सरकार जनता पर टैक्स का बोझ कम करने की जुगत में भीड़ गई है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि जीएसटी दरें और कम होंगी। उन्होंने कहा कि कर दरों और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है। आइये जानते है टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव और इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
GST दरों में होगी कटौती! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान
मुंबई: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को और सरल बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि GST दरों (Tax Rates) और स्लैब (Tax Slabs) को युक्तिसंगत (Rationalization) बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
GST दरों में कितनी कटौती हो सकती है?
सीतारमण ने बताया कि जीएसटी लागू होने के समय राजस्व तटस्थ दर (Revenue Neutral Rate – RNR) 15.8% थी, जो अब घटकर 11.4% हो गई है। यह दर्शाता है कि सरकार टैक्स रेट को और कम करने पर काम कर रही है ताकि जनता को राहत मिले।
GST में बदलाव क्यों जरूरी?
- महंगाई (Inflation) पर नियंत्रण: कम टैक्स दरों से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी।
- व्यवसायों को लाभ (Business Growth): कम टैक्स से छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
- अर्थव्यवस्था को मजबूती (Economic Growth): टैक्स घटने से मांग बढ़ेगी, जिससे बाजार को फायदा होगा।
कौन से टैक्स स्लैब बदल सकते हैं?
वर्तमान में भारत में चार प्रमुख जीएसटी स्लैब (GST Slabs) हैं – 5%, 12%, 18% और 28%। माना जा रहा है कि 12% और 18% के स्लैब को मिलाकर एक नई दर तय की जा सकती है, जिससे टैक्स सिस्टम और आसान होगा।
जनता और उद्योगों पर क्या असर होगा?
- खुदरा उपभोक्ता (Consumers): रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें सस्ती हो सकती हैं।
- स्टार्टअप्स और MSMEs: कम टैक्स का लाभ छोटे व्यापारियों को मिलेगा।
- ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स: महंगे सामानों पर टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद।
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करदाताओं के लिए राहत की उम्मीद
GST दरों में संभावित कटौती से आम आदमी और उद्योग दोनों को फायदा होगा। सरकार कर प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है। आने वाले महीनों में जीएसटी काउंसिल (GST Council) इस पर अंतिम फैसला ले सकती है।