नई दिल्ली, 30 जुलाई: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाकर वैश्विक बाजारों में हड़कंप मचा दिया है। गिफ्ट निफ्टी में 174 अंकों की गिरावट ने निवेशकों की नींद उड़ा दी!
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया: गिफ्ट निफ्टी में उथल-पुथल, रूस से खरीद पर पेनाल्टी की धमकी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दुनिया भर में सनसनी फैला दी है। यह फैसला 1 अगस्त 2025 से लागू होगा और इसके पीछे भारत का रूस से सस्ता कच्चा तेल और हथियार खरीदना बताया जा रहा है। ट्रंप ने न केवल टैरिफ की घोषणा की, बल्कि रूस से ऊर्जा और सैन्य उपकरण खरीदने पर भारत को पेनाल्टी देने की भी चेतावनी दी है। इस खबर के बाद गिफ्ट निफ्टी में तगड़ी गिरावट देखी गई, जो 0.70% यानी 174 अंक लुढ़ककर 24,860 के स्तर पर आ गया। आखिर ट्रंप का यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार पर क्या असर डालेगा? आइए, इस खबर को गहराई से समझते हैं।
ट्रंप का टैरिफ: भारत पर क्यों निशाना?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर भारत को दोस्त बताते हुए भी कड़े शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “भारत हमारा मित्र है, लेकिन इसके टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। साथ ही, भारत रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदता है, जो यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है।” ट्रंप का यह बयान साफ तौर पर भारत के रूस के साथ बढ़ते व्यापारिक रिश्तों पर निशाना साधता है।
भारत पिछले कुछ सालों से रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात कर रहा है। 2022-24 के बीच भारत ने रूस से 132 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल खरीदा, जो युद्ध से पहले मात्र 2.5 बिलियन डॉलर था। यह सस्ता तेल भारत की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हुआ, लेकिन अब यह ट्रंप की आंखों में खटक रहा है। इसके अलावा, भारत का रूस से हथियारों की खरीद, जैसे S-400 मिसाइल सिस्टम, भी अमेरिका को नागवार गुजर रहा है।
गिफ्ट निफ्टी में गिरावट: बाजार में हड़कंप
ट्रंप के इस ऐलान के बाद वैश्विक और भारतीय शेयर बाजारों में उथल-पुथल मच गई। गिफ्ट निफ्टी, जो भारतीय शेयर बाजार का शुरुआती संकेतक माना जाता है, में 174 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट 0.70% की थी, और गिफ्ट निफ्टी 24,860 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। भारत वीआईएक्स (India VIX) में भी 2% की उछाल देखी गई, जो 12.56 पर पहुंच गया। यह निवेशकों में डर और अनिश्चितता का स्पष्ट संकेत है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि ट्रंप का यह टैरिफ भारतीय निर्यात को महंगा कर सकता है। भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात में फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, और आईटी सर्विसेज का बड़ा हिस्सा है। अगर ये सामान 25% महंगे हो जाएंगे, तो भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धी क्षमता पर असर पड़ सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के डीजी और सीईओ डॉ. अजय साहाय ने इस टैरिफ को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत कर रहे हैं। यह टैरिफ हमारी कोशिशों पर पानी फेर सकता है।” विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत रूस से तेल और हथियार खरीदना बंद करता है, तो उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रूस के साथ भारत की दोस्ती: क्यों है विवाद?
रूस और भारत के बीच दशकों पुराना रिश्ता रहा है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद जब पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए, तब भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। 11% डिस्काउंट पर मिलने वाला रूसी तेल भारत के लिए किसी सौगात से कम नहीं था। लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश इसे यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने वाला कदम मानते हैं।
ट्रंप ने साफ कहा कि रूस से तेल और हथियार खरीदने वाले देशों पर 100% तक सेकेंडरी सैंक्शंस लगाए जा सकते हैं। अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने तो यहां तक कहा कि भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया जाएगा अगर वे रूस से व्यापार जारी रखेंगे।
भारत का जवाब: हम सस्ता तेल कहां से लाएं?
भारत ने रूस से तेल खरीद पर अमेरिका और यूरोपीय संघ को दो टूक जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत वहां से तेल खरीदेगा, जहां से उसे सस्ता मिलेगा।” यह जवाब भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को दर्शाता है। लेकिन ट्रंप के टैरिफ और पेनाल्टी की धमकी ने भारत के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है।
अगर भारत रूस से तेल खरीद बंद करता है, तो उसे मिडिल ईस्ट या अन्य देशों से महंगा तेल खरीदना होगा, जिससे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा, और आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ेगा।
वैश्विक बाजारों पर असर: दुनिया में हलचल
ट्रंप का टैरिफ केवल भारत तक सीमित नहीं है। उन्होंने चीन पर 34%, वियतनाम पर 46%, और दक्षिण कोरिया व जापान पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। अमेरिका में डाउ जोंस और S&P 500 में 1% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। जापान के निक्केई में 7% और हांगकांग के हैंग सेंग में 10% की गिरावट ने निवेशकों में खौफ पैदा कर दिया।
भारत के सेंसेक्स और निफ्टी में भी 3.5% से ज्यादा की गिरावट की आशंका जताई जा रही है। यह वैश्विक व्यापार युद्ध की शुरुआत हो सकती है, जिसका असर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है।
क्या कर सकता है भारत?
भारत के सामने अब दो रास्ते हैं। पहला, वह अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत तेज करे और टैरिफ को कम करने की कोशिश करे। दूसरा, रूस के साथ अपने रिश्तों को बनाए रखते हुए वैकल्पिक बाजारों की तलाश करे। वाणिज्य मंत्रालय इस टैरिफ के असर का विश्लेषण कर रहा है और जल्द ही जवाबी रणनीति बना सकता है।
इसके अलावा, भारत अमेरिका से F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट और ड्रोन जैसी सैन्य खरीद बढ़ाकर व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश कर सकता है। लेकिन रूस के साथ दशकों पुराने रिश्तों को छोड़ना भारत के लिए आसान नहीं होगा।
आम आदमी पर क्या होगा असर?
ट्रंप के टैरिफ का असर सिर्फ शेयर बाजार या बड़े कारोबारियों तक सीमित नहीं रहेगा। अगर भारतीय निर्यात महंगा होता है, तो कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका बोझ अंततः आम उपभोक्ता पर पड़ेगा। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। साथ ही, भारत के आईटी और फार्मा सेक्टर को नुकसान होने से नौकरियों पर भी खतरा मंडरा सकता है।
आगे की राह: भारत की चुनौतियां और अवसर
डोनाल्ड ट्रंप का यह टैरिफ भारत के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन यह एक अवसर भी हो सकता है। भारत को अब अपनी आत्मनिर्भर भारत नीति को और मजबूत करना होगा। घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना, नए व्यापारिक साझेदार तलाशना, और वैश्विक मंच पर अपनी स्वतंत्र नीति को और मजबूती से पेश करना भारत के लिए जरूरी है।
ट्रंप की धमकी और टैरिफ ने भारत को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वह अपनी आर्थिक और सामरिक नीतियों को कैसे संतुलित करे। क्या भारत रूस के साथ अपनी दोस्ती को बनाए रखेगा या अमेरिका के दबाव में आएगा? यह सवाल आने वाले दिनों में भारत की विदेश और आर्थिक नीति की दिशा तय करेगा।
आपके लिए सवाल: क्या आपको लगता है कि भारत को रूस से तेल और हथियार खरीद बंद कर देनी चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करें।