यूके जिसे युनाइटेड किंगडम के नाम से जाना जाता है। यहां एक 22 वर्षीय युवती लाउरा ने अपनी वर्जिनिटी की बिक्री 18 करोड़ रुपये यानी करीब (1.7 मिलियन पाउंड) में एक हॉलीवुड स्टार को ऑनलाइन कर दी है। यह घटना अमेरिका और यूरोप में ‘सेल ऑफ वर्जिनिटी’ की बढती होड़ को उजागार करने के लिए काफी है।
पंजाब केसरी के अनुसार, वर्जिनिटी की बिक्री की नीलामी एक प्रतिष्ठित एस्कॉर्ट एजेंसी की वेबसाइट पर गुप्त रूप से आयोजित की गई, जिसमें राजनेता, बिजनेसमैन और सेलेब्रिटीज ने भाग लिया। किसी बैचलर लड़की के वर्जिनिटी की बिक्री के लिए लगी इस बोली में शामिल इन बड़ी-बड़ी शख्सियत को देखकर मन में यह सवाल उठता है कि, आखिर इतना आकर्षण क्यो है? तो आइये जानते है।
UK के उस युवती की कहानी जिसने बेची अपनी वर्जिनिटी
पेशे से स्टूडेंट लाउरा ने बताया कि इस नीलामी में कई अमीर बिजनेसमैन और प्रभावशाली राजनेता शामिल थे, लेकिन अंत में एक हॉलीवुड अभिनेता ने सबसे ऊंची बोली लगाई। डील को अंतिम रूप देने से पहले इस हॉलीवुड अभिनेता ने वर्जिनिटी की पुष्टि के लिए मेडिकल टेस्ट भी करवाया।
लाउरा को इस पर कोई पछतावा नही है उसका मानना है कि, लड़कियां बिना किसी कारण के अपनी वर्जिनिटी ऐसे ही खो देती हैं। लेकिन मैंने इसे अपने भविष्य को सुरक्षित करने का माध्यम बनाया और इस पर मुझे कोई पछतावा नहीं है बल्कि यह मेरा स्मार्ट डिसीजन है।
मिडिया रिपोट्स के अनुसार यह लड़की मैनचेस्टर की स्टूडेंट है और 2023 में ही वर्जिनिटी को बेचने का डिसीजन ले लिया था। इस धन का इस्तेमाल वह अपने कैरियर बनाने में करेगी।
सेल ऑफ वर्जिनिटी: एक विवादास्पद प्रवृत्ति
‘सेल ऑफ वर्जिनिटी’ एक ऐसी प्रथा है, जिसमें महिलाएं अपना कुंवारीपन ऑनलाइन नीलाम करती हैं। यह प्रक्रिया गुप्त रूप से की जाती है, और अमीर लोग इसमें बोली लगाते हैं। हालांकि, ऐसी नीलामियों में से 10 में से 9 सौदे पूरे नहीं हो पाते। फिर भी, यह प्रवृत्ति समाज में चर्चा का विषय बनी हुई है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: कुंवारी कन्याओं का आकर्षण
इतिहास गवाह है कि पुरुषों का कुंवारी कन्याओं के प्रति एक विशेष आकर्षण रहा है। राजा, बादशाह, सौदागर और सामान्य व्यक्ति भी कुंवारी कन्याओं को पसंद करते थे। इसके पीछे कई कारण हैं:
1. शुद्धता और पवित्रता की धारणा: कुंवारीपन को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह धारणा धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है।
2. सामाजिक प्रतिष्ठा: कुंवारी कन्याओं से विवाह करना सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक था। यह परिवार की इज्जत से जुड़ा हुआ था।
3. वंशवादी सोच: कुंवारी कन्याओं से विवाह करने का एक कारण यह भी था कि उनके पहले संतान होने की संभावना अधिक होती थी। यह वंशवादी सोच से जुड़ा हुआ था।
मनोवैज्ञानिक पहलू: क्यों है कुंवारी कन्याओं के प्रति आकर्षण?
मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से, कुंवारी कन्याओं के प्रति आकर्षण के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
1. अज्ञात का आकर्षण: कुंवारी कन्याओं के साथ संबंध बनाने में एक अज्ञात और रहस्यमय आकर्षण होता है।
2. स्वामित्व की भावना: कुंवारीपन को एक तरह से ‘स्वामित्व’ की भावना से जोड़कर देखा जाता है।
3. सामाजिक प्रभाव: समाज और संस्कृति ने कुंवारीपन को एक विशेष महत्व दिया है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के मनोविज्ञान पर पड़ता है।
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आधुनिक समय में सेल ऑफ वर्जिनिटी: एक विवाद

आधुनिक समय में, ‘सेल ऑफ वर्जिनिटी’ एक विवादास्पद प्रवृत्ति बन गई है। यह न केवल नैतिकता के सवाल खड़े करती है, बल्कि महिलाओं की गरिमा और अधिकारों पर भी सवाल उठाती है। कुछ लोग इसे महिलाओं की आजादी और शरीर पर अधिकार का प्रतीक मानते हैं, जबकि अन्य इसे महिलाओं के शोषण का एक रूप मानते हैं।
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अंत मे..
कुंवारीपन की बिक्री एक जटिल और संवेदनशील विषय है, जो समाज, संस्कृति और मनोविज्ञान के कई पहलुओं को छूता है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर क्यों कुंवारी कन्याओं के प्रति इतना आकर्षण है? क्या यह सामाजिक मान्यताओं का प्रभाव है या फिर मनोवैज्ञानिक कारण? इस विषय पर गहन चर्चा और विश्लेषण की आवश्यकता है।