होली 2025: रंगों का त्योहार, भांग की मस्ती और फिल्मी धुनों की रंगीन कहानी

होली 2025: जब भी होली का जिक्र आता है, मन में सबसे पहले जो तस्वीर उभरती है, वो होती है- गुलाल से सजे चेहरे, ठंडाई का मजा और कानों में गूंजते होली के सदाबहार गीत। “रंग बरसे भीगे चुनर वाली…” से लेकर “होली के दिन दिल खिल जाते हैं…” तक, होली का हर रंग एक कहानी कहता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस त्योहार पर भांग पीने की परंपरा क्यों है? आइए, इस बार होली को एक अलग अंदाज में देखते हैं, जिसमें मस्ती भी होगी, इतिहास भी और ढेर सारी रंगीन यादें भी।

भांग और होली: आखिर ये परंपरा क्यों?

भांग और होली: आखिर ये परंपरा क्यों?

होली का त्योहार सिर्फ रंगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिलों को जोड़ने और जीवन में खुशियों का रंग भरने का मौका भी है। लेकिन इसके साथ एक और दिलचस्प परंपरा जुड़ी हुई है – भांग पीने की! भांग को लेकर कई मिथक और कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान शिव से जुड़ी है।

कहते हैं कि जब समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष निकला था, तो भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण कर लिया था, जिससे उनका गला नीला पड़ गया और वे ‘नीलकंठ’ कहलाए। इस विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन्हें भांग का सेवन कराया, जिससे वे शांत हुए। इसी कारण, शिव भक्तों ने भांग को प्रसाद के रूप में अपनाया और धीरे-धीरे यह होली का अभिन्न हिस्सा बन गई।

फिल्मों में होली: जब रंगों से सजी सिल्वर स्क्रीन

होली 2025: रंगों का त्योहार, भांग की मस्ती और फिल्मी धुनों की रंगीन कहानी

बॉलीवुड और होली का रिश्ता भी उतना ही पुराना है, जितना होली और भांग का। फिल्मों में होली के गीतों ने इस त्योहार की मस्ती को और भी यादगार बना दिया है।

रंग बरसे (सिलसिला, 1981) - अमिताभ बच्चन और रेखा की इस जोड़ी ने होली को रोमांस का नया रंग दे दिया। इस गाने के बिना होली अधूरी लगती है।

  1. रंग बरसे (सिलसिला, 1981) – अमिताभ बच्चन और रेखा की इस जोड़ी ने होली को रोमांस का नया रंग दे दिया। इस गाने के बिना होली अधूरी लगती है।
  2. होली के दिन (शोले, 1975) – गब्बर के डायलॉग “होली कब है? कब है होली?” से लेकर धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के बीच की नोक-झोंक तक, इस गाने ने होली को एक नया रूप दिया।
  3. बलम पिचकारी (ये जवानी है दीवानी, 2013) – रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की ये मस्तीभरी होली आज के युवाओं की पहली पसंद बन चुकी है।

होली 2025 पर मस्ती के साथ सावधानी भी जरूरी

होली खुशियों का त्योहार है, लेकिन इसके साथ कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। रंगों का इस्तेमाल करते वक्त सुनिश्चित करें कि वे हानिकारक न हों। प्राकृतिक और ऑर्गेनिक रंगों का उपयोग करें ताकि त्वचा को नुकसान न हो। साथ ही, अगर आप भांग का सेवन कर रहे हैं, तो इसे संयम में करें और सड़क पर लापरवाही से न निकलें।

2025 की होली को बनाए यादगार

इस बार होली को खास बनाने के लिए कुछ नया करने की कोशिश करें। अपने दोस्तों और परिवार के साथ सिर्फ रंग खेलने तक ही सीमित न रहें, बल्कि संगीत, डांस और पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लें।

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तो इस होली, “रंग बरसे भीगे चुनर वाली…” की धुन पर झूमें, लेकिन साथ ही अपनी सेहत और अपनों का भी ध्यान रखें। यही इस त्योहार की असली खूबसूरती है!

Avadhesh Yadav
Avadhesh Yadav
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