ट्रम्प की दावत में मुनीर, मोदी की कूटनीति का मज़ाक़ उड़ा!

18 जून 2025 को जब डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर को लंच की दावत दी, तो भारत के ‘विश्वगुरु’ नरेंद्र मोदी की कथित कूटनीतिक चमक की पोल खुलकर सड़क पर आ गई। हमारे पीएम, जो हर वैश्विक मंच पर ‘मोदी-मोदी’ के नारों, फोटो-ऑप्स, और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के राग के साथ दुनिया को भारत का मसीहा बताते हैं, उस दिन शायद अपने X हैंडल पर ‘सब चंगा सी’ ट्वीट करने से पहले हजार बार हिचके होंगे। आखिर, ट्रम्प ने उनके ‘दोस्ती’ के ढोल को एक झटके में फाड़ दिया, और वह भी भारत के जानी दुश्मन को व्हाइट हाउस की मेज पर बुलाकर! यह क्या था, श्रीमान विश्वगुरु? आपकी कूटनीति का तमाशा, या बस एक और फोटोशूट का इंतज़ार?

दावत का मेन्यू: बिरयानी या भारत की बेइज्जती?

यह दावत कोई साधारण खाना-पीना नहीं थी, साहब! मुनीर ने वाशिंगटन में $1 ट्रिलियन के खनिज संसाधनों और क्रिप्टो माइनिंग का लालच डाला, और ट्रम्प ने फटाफट पाकिस्तान को ‘रणनीतिक साझेदार’ का तमगा चिपका दिया। मेज पर क्या परोसा गया, यह तो पता नहीं, लेकिन भारत की कूटनीति को तीखी मिर्ची का तड़का जरूर लगा। उधर, हमारे पीएम 11 साल से ‘मेक इन इंडिया’, ‘विकसित भारत 2047’, और ‘विश्वगुरु’ का ढोल पीट रहे हैं, लेकिन जब बात कूटनीति की आई, तो उनकी थाली में सिर्फ खाली वादों की हड्डियाँ और ट्विटर की रील्स बचीं। ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध रुकवाया, तो मोदी ने विदेश मंत्रालय के जरिए चिल्लाकर कहा, “नहीं, हमने रुकवाया!” लेकिन जनाब, जब दावत का न्योता मुनीर को मिला और आपकी ’35 मिनट की कॉल’ हवा-हवाई साबित हुई, तो यह विश्वगुरु का तमाशा नहीं तो और क्या है?

’35 मिनट की कॉल’ या कोरी हेकड़ी?

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 18 जून 2025 को प्रेस ब्रीफिंग में दावा किया कि मोदी और ट्रम्प के बीच 35 मिनट की टेलीफोन बातचीत हुई। सुनने में तो बड़ा अच्छा लगता है—’मोदी जी ने ट्रम्प को सेट कर दिया!’ लेकिन जरा ठहरिए। ट्रम्प ने इस कॉल की पुष्टि नहीं की। व्हाइट हाउस ने चुप्पी साध रखी है। X पर लोग पूछ रहे हैं, “अरे, अगर कॉल हुई थी, तो ट्रम्प क्यों खामोश है? क्या मोदी जी ने अपने स्टाफ से फोन मिलवाया और दूसरी तरफ कोई था ही नहीं?” मिसरी साहब कहते हैं कि कॉल में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) पर बात हुई, लेकिन सबूत? बस एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और कुछ न्यूज़ चैनलों की हेडलाइंस! हमारे पीएम, जो हर छोटी-बड़ी मुलाकात की तस्वीर X पर डालते हैं, इस बार चुप क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह ‘कॉल’ सिर्फ जनता को बहलाने की कहानी हो, और असल में ट्रम्प ने मुनीर की बिरयानी को प्राथमिकता दी?

ट्रम्प का खेल: हथियार, तेल, और परमाणु डर

अमेरिका को दुनिया का सबसे बड़ा हथियार सौदागर और तेल का भूखा गिद्ध कहना कोई नई बात नहीं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, अमेरिका वैश्विक हथियार व्यापार का 42% हिस्सा लेता है। ट्रम्प ने पाकिस्तान को F-16 और ड्रोन दिए, और अब मुनीर को दावत देकर शायद नया सौदा पक्का कर रहे हों। लेकिन यहाँ असल मसला तेल और परमाणु हथियारों का है। ट्रम्प को डर है कि कहीं पाकिस्तान अपनी परमाणु ताकत ईरान को न सौंप दे, खासकर जब इजरायल-ईरान तनाव चरम पर है। 17 जून 2025 को ट्रम्प ने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” मांगा, तो जाहिर है, वह पाकिस्तान को अपने पाले में रखना चाहता है। मुनीर ने वाशिंगटन में ईरान के साथ एकजुटता जताई, लेकिन ट्रम्प ने उसे नजरअंदाज कर दावत दी। यह क्या था? कूटनीति का मास्टरस्ट्रोक, या भारत को चिढ़ाने का ट्रम्प कार्ड?

मोदी की कूटनीति: फोटोशूट या फ्लॉपशो?

हमारे पीएम को फोटोशूट का बादशाह कहें या रील्स का रजिया, उनकी विदेश नीति अब तमाशा बन चुकी है। G7 शिखर सम्मेलन (16-17 जून 2025) में मोदी उस ग्रुप फोटो में भी नहीं थे, जिसमें ट्रम्प मौजूद थे। क्यों? क्योंकि हमारे विश्वगुरु देर से पहुँचे, और ट्रम्प पहले ही निकल लिए! फिर मिसरी साहब कहते हैं, “18 जून को कॉल हुई!” अरे भाई, अगर कॉल इतनी अहम थी, तो ट्रम्प ने एक ट्वीट भी क्यों नहीं किया? क्या मोदी जी ने ट्रम्प के वॉइसमेल पर अपनी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की स्पीच छोड़ दी?

और बात युद्धविराम की करें तो ट्रम्प ने 10 मई 2025 को दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध रुकवाया। हमारे पीएम ने जवाब दिया, “नहीं, हमने डीजीएमओ बातचीत से रुकवाया!” सच तो यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया, और पाकिस्तानी वायुसेना के 20% ठिकाने उड़ा दिए। पाकिस्तान ने घुटने टेके, लेकिन ट्रम्प ने इसका श्रेय लूटने की कोशिश की। और हमारे पीएम? वे इस दावत के बाद भी चुपचाप सोशल मीडिया पर ‘विकसित भारत’ की रील्स डाल रहे हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो!

सोशल मीडिया पर पर तमाशा और जनता का गुस्सा

सोशल मीडियापर जनता की आवाज़ गूँज रही है। कोई लिखता है, “मोदी जी, ट्रम्प ने मुनीर को दावत दी, और आपकी कूटनीति की धज्जियाँ उड़ गई!” (@RahulXUser123)। कोई कहता है, “विश्वगुरु बनने का सपना देखने वाले, पहले ट्रम्प की मेज पर कुर्सी तो पक्की कर लो!” (@DesiSarcasm007)। जब ट्रम्प-मुनीर की दावत की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, और लोग ‘मोदी नीति’ का मजाक उड़ा रहे हैं, तो हमारे पीएम की चुप्पी क्या कहती है? कि कूटनीति में फोटो-ऑप्स और रील्स से ज्यादा दिमाग चाहिए, या कि ‘सब चंगा सी’ का जादू अब फीका पड़ गया है?

विश्वगुरु का सपना: हकीकत या हवा-हवाई?

मोदी जी, आपने 11 साल में भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने का सपना दिखाया। G20 में ताल ठोकी, QUAD में जोश भरा, BRICS में रील्स बनाईं। लेकिन जब ट्रम्प ने मुनीर को दावत दी, तो आपकी कूटनीति की हवा निकल गई। अमेरिका, जो हथियार बेचता है, तेल पर नजर रखता है, और पाकिस्तान को परमाणु डर के नाम पर पालता है, उसने भारत को एक बार फिर चिढ़ाया। और आप? आपकी विदेश नीति अब सिर्फ X पर हैशटैग्स और फोटोशूट तक सिमट गई है।

तो, श्रीमान विश्वगुरु, अगली बार ट्रम्प से ‘दोस्ती’ का दावा करने से पहले उनकी मेज का मेन्यू चेक कर लीजिए। कहीं ऐसा न हो कि पाकिस्तान की बिरयानी और अमेरिका की डील्स के बीच आपकी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की थाली खाली रह जाए, और विश्व मंच पर भारत का मजाक बन जाए। जनता तो X पर पूछ ही रही है—’मोदी जी, दावत में बुलावा कब आएगा, या सिर्फ रील्स बनाते रहेंगे?’

ट्रम्प की दावत में मुनीर, उधर हमारे विश्व गुरु पूरे विश्व का चक्कर लगा रहे है। अपनी उपस्थिति हर जगह दर्ज कराने के लिए फोटोशूट करा रहे है।

मोदी जी, क्या मुँह दिखाइएगा देश की बेटियों को जिनका सिंदूर उजाड़ने वाला असीम मुनीर आज आपके दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प के यहाँ दावत उड़ा रहा है? आपकी विदेश नीति की तो धज्जियाँ उड़ चुकी हैं जो तथाकथित ‘खरीखोटी’ आपने ट्रम्प को फ़ोन पर सुनाई वो देश के सामने बोलने में क्या दिक्कत है? -सुप्रिया श्रीनेत

Avadhesh Yadav
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