बिहार के पूर्णिया में राक्षसी वहशीपन का खूनी तांडव देखने को मिला। यहां आरोपियों ने 5 जिंदगियां को जिंदा जला डाला। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना ने बिहार ही नही पूरे देश को झकझोर दिया।
जानिए, राक्षसी वहशीपन का खूनी तांडव किस कदर 5 लोगो को लील गया।
पूर्णिया, (बिहार) 07 जुलाई 2025: बिहार के पूर्णिया में इंसानियत को कुचलने वाला ऐसा खौफनाक हत्याकांड हुआ, जिसने नीतीश कुमार के “सुशासन” के झूठे ढोल को फाड़कर रख दिया। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजीगंज पंचायत, टेटगामा वार्ड-10 में बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां, बहू और बेटे को डायन के इल्जाम में पहले राक्षसों की तरह पीटा गया, फिर डीजल उड़ेलकर जिंदा भस्म कर दिया गया।
रविवार रात से गायब इस परिवार की जली-झुलसी लाशें सोमवार शाम तालाब में बोरों में ठूंसी मिलीं, जलकुंभियों के बीच छिपाई गईं, 80% से ज्यादा राख में तब्दील। यह बर्बरता बिहार में कानून के कफन और नीतीश की नाकामी का काला सच है, जहां अंधविश्वास और जंगलराज का शैतानी गठजोड़ खून की होली खेल रहा है।
अंधविश्वास या जंगलराज का नंगा नाच?
पुलिस के अनुसार, बाबूलाल का परिवार झाड़-फूंक करता था। तीन दिन पहले गांव में एक बच्चे की मौत ने ग्रामीणों को हैवान बना दिया। सीता देवी को डायन ठहराकर पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया गया। मृतक का 15 साल का बेटा सोनू, जो इस नरसंहार से चमत्कारिक ढंग से बच निकला, चीख-चीखकर सच उगलता है: “रात 10 बजे 50 शैतानों की भीड़ घर पर टूट पड़ी। मेरी मां को डायन कहकर बांस से कुचल दिया। मेरे सामने मेरे परिवार को मार डाला।” सोनू ने देखा कि लाशों को 150-200 मीटर दूर घसीटा गया, लेकिन खौफ के मारे वह नानी के घर भागा।
सोनू ने पुलिस को बताया- ‘घर से 150-200 मीटर दूर लाशों को ले जाया गया था। मैंने खुद देखा। इसके बाद मैं वहां से भाग गया था। फिर लाश कहां ठिकाने लगाया ये मैंने नहीं देखा।’
हैवानों का बेशर्म कबूलनामा
पुलिस ने तीन दरिंदों को पकड़ा, जिनमें नकुल ने बे-हया अंदाज में कबूल किया, “मारपीट के बाद डीजल छिड़ककर जिंदा जलाया।” पूरा गांव इस राक्षसी कांड में शामिल होने की आशंका से नीतीश के “सुशासन” की कब्र खोद रहा है। सदर DSPO पंकज शर्मा ने कहा, “SIT बनाई गई है। जांच चल रही है कि जिंदा जलाया या मारने के बाद।” लेकिन जब पूरा गांव ही हत्यारा हो, तो पुलिस का यह ढोंग कितना रंग लाएगा? बिहार में कानून की रीढ़ टूटी पड़ी है।
तेजस्वी का तल्ख तमाचा: “DK का राक्षस राज, नीतीश की नींद”
RJD नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को ललकारते हुए X पर गरजा, “पूर्णिया में 5 जिंदगियां जला दीं। DK टैक्स ने बिहार को राक्षस राज में धकेल दिया। DGP/CS लाचार, कानून व्यवस्था कब्र में। सीवान, बक्सर, भोजपुर में नरसंहार, अपराधी बेलगाम, मुख्यमंत्री कोमा में, भ्रष्ट भूंजा पार्टी मौज में। DK ही सुप्रीम बॉस!” तेजस्वी का यह तीखा हमला बिहार में सड़ते सिस्टम पर चोट है, जहां हैवान बेखौफ खून बहा रहे हैं।
सोशल मिडिया पर जनता का उबाल: “बिहार जल रहा, नीतीश सो रहा”
जनता का गुस्सा लावे की तरह सोशल मीडिया पर फट रहा है। एक यूजर ने लिखा, “यह अंधविश्वास नहीं, नीतीश का राक्षस राज है। पूर्णिया की घटना बिहार की हकीकत है—पुलिस पिट रही, सरकार मजे में।” एक अन्य ने चेताया, “सोनू बड़ा होकर हथियार उठाए तो उसे आतंकी कहोगे, लेकिन इन हैवानों को छोड़ दोगे।” यह जन-आक्रोश नीतीश को चेतावनी है कि अब कुर्सी की खुमारी तोड़नी होगी, वरना जनता हिसाब मांगेगी।
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नीतीश का जंगलराज: बिहार खून में डूबा
यह हत्याकांड बिहार में अंधविश्वास और अपराध के शैतानी गठजोड़ का खुलासा है। सीवान में 6, बक्सर और भोजपुर में 3-3 हत्याएं—बिहार खून से तरबतर है। विपक्ष चीख रहा है कि नीतीश सरकार दरिंदों को पनाह दे रही है। जब 50 शैतान एक परिवार को भस्म कर दें और पुलिस सिर्फ तीन को पकड़े, तो क्या यह “सुशासन” नहीं, बल्कि राक्षस राज का खुला तमाशा है?
क्या बचेगा बिहार में इंसाफ का नाम?
पुलिस ने डॉग स्क्वॉड बुलाकर शव बरामद किए, लेकिन यह नौटंकी कब तक? पूर्णिया का यह कांड बिहार की सड़ी-गली सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था का काला आइना है। नीतीश सरकार को अब जवाब देना होगा—क्या वह इस राक्षसी अंधविश्वास और अपराध के चक्र को तोड़ पाएगी? या 2025 का चुनाव बिहार की जनता के गुस्से का शिकार बनेगा? यह हत्याकांड सिर्फ एक परिवार का कत्ल नहीं, बल्कि नीतीश के “सुशासन” की लाश पर लिखा अंतिम फरमान है। बिहार की जनता अब चुप नहीं रहेगी—वक्त आ गया है, नीतीश सरकार को जगाने का!
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