पीलीभीत | उत्तर प्रदेश, 03 सितम्बर: यूपी के पीलीभीत ज़िलें में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है। सड़क पर पानी होने के कारण ज़िलें के एसपी अभिषेक यादव ट्रैक्टर पर सवार होकर ऑफिस पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, टनकपुर हाईवे पर जगह-जगह 4 से 5 फीट तक पानी भर गया है, जिससे आम वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो गई है। हमने प्रभावित इलाकों के लोगों से बात की, तो पता चला कि ये बाढ़ न सिर्फ सड़कों को लील रही है, बल्कि घरों, खेतों और बाजारों को भी तबाह कर रही है। उत्तर प्रदेश के इस जिले में मानसून की भारी बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है, और अब राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
बाढ़ का बढ़ता कहर: सड़कें डूबीं, जनजीवन ठप
पीलीभीत में बाढ़ की शुरुआत पिछले हफ्ते से हुई, जब शारदा और घाघरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगीं। पिछले दो दिनों से स्थिति और विकराल हो गई है, जहां पुलिस ऑफिस का मुख्य रास्ता पूरी तरह जलमग्न है। एसपी अभिषेक यादव का ट्रैक्टर पर ऑफिस पहुंचना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो प्रशासन की चुनौतियों को बयां करता है।
ग्रामीणों ने बताया कि टनकपुर हाईवे, जो पीलीभीत को नेपाल बॉर्डर से जोड़ता है, अब मौत का कुआं बन चुका है। यहां 4-5 फीट पानी होने से ट्रक, कार और बाइक फंस रही हैं, और कई हादसे हो चुके हैं। स्थानीय राम नरेश ने कहा, “भाई साहब, बाढ़ हर साल आती है, लेकिन इस बार तो हद हो गई। घर में पानी घुस आया है, खाना बनाना मुश्किल हो गया।” भारी पानी ने राहत टीमों को भी परेशान कर दिया है, क्योंकि नावों से सामान पहुंचाना पड़ रहा है।
पीलीभीत जिले के निचले इलाकों जैसे बिलसंडा, पूरनपुर और अमरिया ब्लॉक सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, और लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बाढ़ के पानी से जलजनित बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है, और कई गांवों में दवा पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
जिला प्रशासन ने बताया कि 50 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं, और राहत कैंप लगाए गए हैं। लेकिन बारिश जारी रहने से हालात सुधरने के बजाय बिगड़ रहे हैं। पीलीभीत में बाढ़ की ये स्थिति पिछले साल की तुलना में ज्यादा गंभीर है, जहां 2024 में भी इसी तरह का कहर देखा गया था।
जिला मजिस्ट्रेट और एसपी अभिषेक यादव ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जहां उन्होंने ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया। एसपी ने कहा, “हमारी टीम दिन-रात काम कर रही है, लेकिन पानी का स्तर ऊंचा होने से चुनौतियां हैं। NDRF की टीमें बुलाई गई हैं।”
प्रशासन ने टनकपुर हाईवे पर ट्रैफिक रोक दिया है, और वैकल्पिक रूट सुझाए हैं। राहत सामग्री जैसे खाना, पानी और दवाएं वितरित की जा रही हैं, लेकिन कई गांव अभी भी अलग-थलग हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीलीभीत समेत बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 10 करोड़ की राहत राशि जारी की है, और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। लेकिन स्थानीय लोग शिकायत करते हैं कि बाढ़ नियंत्रण के लिए पहले से कोई ठोस योजना नहीं थी, जिससे हर साल ये समस्या दोहराई जाती है।
जल संसाधन विभाग का कहना है कि नदियों की ड्रेजिंग और बांध मजबूत करने का काम चल रहा है, लेकिन मानसून में ये नाकाफी साबित हो रहा है।