Budget 2025 expectations: इनकम टैक्स सुधार से लेकर क्षेत्रीय आवंटन तक – भारत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्या चाहता है

Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025 पेश करने जा रही हैं। इस बजट का पूरे देश में उद्योगों और करदाताओं द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। यह बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2024 में गठित नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का दूसरा पूर्ण बजट होगा। टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर जीएसटी प्रक्रियाओं को सरल बनाने तक, आइए जानते हैं कि बजट 2025 से भारत क्या उम्मीदें रखता है।

Budget 2025 से जुड़ी प्रमुख उम्मीदें

इनकम टैक्स में सुधार : महंगाई और आर्थिक चुनौतियों के बीच करदाताओं को राहत देने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

कैपिटल गेन टैक्स में स्पष्टता

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) और शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। निवेशकों को उम्मीद है कि इन टैक्सों में कटौती की जाएगी और दिशा-निर्देशों को और स्पष्ट किया जाएगा।

शेयर बाजार में सुधार

सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में कटौती: शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों को उम्मीद है कि STT और अन्य लेनदेन से जुड़े टैक्स में कटौती की जाएगी, जिससे निवेश और ट्रेडिंग को बढ़ावा मिलेगा।

बाजार स्थिरता के उपाय

बजट पेश करने के लिए 1 फरवरी 2025 (शनिवार) को शेयर बाजार खुला रहेगा। निवेशकों को उम्मीद है कि बजट में बाजार स्थिरता और विकास को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

जीएसटी सरलीकरण

प्रक्रियाओं को सरल बनाना: व्यापारियों को उम्मीद है कि जीएसटी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा, जिससे अनुपालन का बोझ कम होगा और व्यापार करने में आसानी होगी।

दरों में समरूपता: जीएसटी दरों को और समरूप और कम जटिल बनाने की मांग की जा रही है।

क्षेत्रीय आवंटन

इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य और शिक्षा: महामारी के बाद की चुनौतियों को दूर करने और जीवन स्तर को सुधारने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में अधिक निवेश की उम्मीद है।

कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों को सहायता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण मांग और कृषि सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2025: बजट 2025 की पृष्ठभूमि

बजट पेश करने से पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी 2025 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश किया। इस सर्वेक्षण में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया।

जीडीपी ग्रोथ: वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3-6.8% के दायरे में रहने का अनुमान है।

मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: सर्वेक्षण में उम्मीद जताई गई है कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहेगी और खपत स्थिर रहेगी।

ग्रामीण मांग में सुधार: आने वाले समय में ग्रामीण मांग में तेजी आने की उम्मीद है, जो आर्थिक विकास को गति दे सकती है।

निर्मला सीतारमण का बजट लेगेसी

Nirmal sitaraman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां बजट पेश करेंगी। इससे पहले उन्होंने छह वार्षिक और दो अंतरिम बजट पेश किए हैं। उनकी अर्थव्यवस्था की समझ और अनुभव का प्रभाव इस बजट में देखने को मिल सकता है। यह बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस समय पेश किया जा रहा है जब भारत वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए निरंतर विकास की ओर अग्रसर है।

बजट दिवस पर शेयर बाजार खुला रहेगा

एक असामान्य कदम के तहत, भारतीय शेयर बाजार (BSE और NSE) 1 फरवरी 2025 को खुले रहेंगे, भले ही यह दिन शनिवार है। यह निर्णय निवेशकों को बजट घोषणाओं पर रीयल-टाइम प्रतिक्रिया देने के लिए लिया गया है। आमतौर पर, शेयर बाजार सप्ताहांत में बंद रहते हैं, लेकिन बजट प्रस्तुति के कारण इस बार अपवाद बनाया गया है।

निष्कर्ष: आगे क्या होगा?

जैसे-जैसे भारत केंद्रीय बजट 2025 का इंतजार कर रहा है, उम्मीदें इस बात को लेकर बहुत अधिक हैं कि यह बजट मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का समाधान करते हुए टिकाऊ विकास का रास्ता तैयार करेगा। टैक्स सुधार से लेकर क्षेत्रीय आवंटन तक, यह बजट भारत की आर्थिक दिशा को आकार देने की क्षमता रखता है। सभी की नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हुई हैं, जो 1 फरवरी 2025 को भारत के भविष्य के लिए अपनी दृष्टि पेश करेंगी।

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