शाहरुख खान की ‘जवान’ और विक्रांत मैसी की ’12वीं फेल’ ने 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में मचाया धमाल। रानी मुखर्जी ने ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ के लिए पहली बार जीता बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब।
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स: बॉलीवुड की धमक, शाहरुख-रानी-विक्रांत ने रचा इतिहास
नई दिल्ली की सड़कों पर शुक्रवार की शाम कुछ खास थी। नेशनल मीडिया सेंटर में 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा के साथ ही भारतीय सिनेमा के सितारों ने इतिहास रच दिया। इस बार का समारोह हिंदी सिनेमा के लिए यादगार रहा, जहां शाहरुख खान, विक्रांत मैसी और रानी मुखर्जी ने अपने दमदार अभिनय से पहली बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया।
एक ऐतिहासिक शाम: 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की चमक
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा नई दिल्ली में शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को हुई। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में 2023 में रिलीज हुई फिल्मों को सम्मानित किया गया। इस बार की जूरी में मशहूर फिल्ममेकर आशुतोष गोवारिकर और पी. शेषाद्रि जैसे दिग्गज शामिल थे, जिन्होंने कई हफ्तों की गहन समीक्षा के बाद विजेताओं का चयन किया।
इस समारोह ने हिंदी सिनेमा की विविधता को सामने लाया। जहां शाहरुख खान की एक्शन से भरपूर ‘जवान’ ने दर्शकों को थिएटर्स में बांधे रखा, वहीं विक्रांत मैसी की ’12वीं फेल’ ने सादगी और प्रेरणा की मिसाल कायम की। रानी मुखर्जी की ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ ने मां के संघर्ष को पर्दे पर जीवंत कर दिखाया। आइए, इस ऐतिहासिक पल की गहराई में उतरते हैं।
शाहरुख खान: 33 साल बाद पहला नेशनल अवॉर्ड
बॉलीवुड के ‘किंग खान’ शाहरुख खान के लिए यह पल किसी सपने से कम नहीं था। 33 साल के शानदार करियर में पहली बार उन्हें बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। उनकी फिल्म ‘जवान’, जो सितंबर 2023 में रिलीज हुई थी, एक एक्शन थ्रिलर थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। इस फिल्म में शाहरुख ने दोहरी भूमिका निभाई—एक जेलर और एक गुप्त निगरानीकर्ता की। एटली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ने न केवल कमाई के रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि शाहरुख के अभिनय की गहराई को भी सामने लाया।
सोशल मीडिया पर शाहरुख के फैन्स ने इस जीत को ‘इतिहास’ करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “33 साल की मेहनत और जुनून का फल। शाहरुख, तुम सही मायने में बादशाह हो!” इस जीत ने साबित कर दिया कि शाहरुख का जादू आज भी बरकरार है।
‘जवान’ की खासियत: एक्शन और इमोशन का कॉकटेल
‘जवान’ ने दर्शकों को एक्शन, ड्रामा और इमोशन का ऐसा मिश्रण दिया, जो लंबे समय तक याद रहेगा। फिल्म में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और सामाजिक मुद्दों को उठाने का साहस था। शाहरुख के डायलॉग्स और उनकी स्क्रीन प्रेजेंस ने फिल्म को नया मुकाम दिया। इस फिल्म की बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड शिल्पा राव को ‘चलेया’ गाने के लिए मिला, जिसने अवॉर्ड्स की चमक को और बढ़ाया।
विक्रांत मैसी: ’12वीं फेल’ के साथ प्रेरणा की मिसाल
विक्रांत मैसी का नाम आज हर जुबान पर है। उनकी फिल्म ’12वीं फेल’ ने न केवल बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता, बल्कि बेस्ट फीचर फिल्म का खिताब भी अपने नाम किया। यह फिल्म आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और उनकी पत्नी आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी के जीवन पर आधारित है। विक्रांत ने मनोज के किरदार को इस तरह जिया कि दर्शक उनकी मेहनत और जुनून के कायल हो गए।
विक्रांत ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं बचपन से राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने का सपना देखता था। यह मेरे लिए सम्मान से ज्यादा एक जिम्मेदारी है।” उनकी यह जीत छोटे शहरों के उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं।
’12वीं फेल’: सादगी की जीत
’12वीं फेल’ एक लो-बजट फिल्म थी, जिसने बिना किसी बड़े प्रमोशन के दर्शकों का दिल जीता। विधु विनोद चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म यूपीएससी की कठिन राह पर चलने वाले एक साधारण युवक की कहानी है। फिल्म की सादगी और विक्रांत की नैचुरल एक्टिंग ने इसे 2023 की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक बना दिया।
रानी मुखर्जी: मां के संघर्ष का सम्मान
रानी मुखर्जी ने अपने 25 साल के करियर में पहली बार बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड जीता। उनकी फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ एक सच्ची कहानी पर आधारित है, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर सागरिका चक्रवर्ती की जिंदगी से प्रेरित है। इस फिल्म में रानी ने एक ऐसी मां का किरदार निभाया, जो अपने बच्चों की कस्टडी के लिए नॉर्वे सरकार से कानूनी लड़ाई लड़ती है।
रानी की परफॉर्मेंस को समीक्षकों ने ‘दमदार’ और ‘इमोशनल’ करार दिया। आशिमा छिब्बर के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ा। रानी ने अवॉर्ड जीतने के बाद कहा, “यह मेरे लिए सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि हर उस मां को सम्मान है, जो अपने बच्चों के लिए लड़ती है।”
‘मिसेज चटर्जी’: सच्चाई का आलम
‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ ने 2011 की उस घटना को पर्दे पर उतारा, जब नॉर्वेजियन चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज ने सागरिका के बच्चों को उनसे अलग कर दिया था। रानी ने इस किरदार में जान डाल दी, और उनकी एक्टिंग ने दर्शकों को रुला दिया। यह फिल्म न केवल एक लीगल ड्रामा थी, बल्कि मातृत्व की ताकत का प्रतीक भी बनी।
‘कटहल’: बेस्ट हिंदी फिल्म की चमक
सान्या मल्होत्रा, राजपाल यादव और विजय राज जैसे सितारों से सजी ‘कटहल-ए जैकफ्रूट मिस्ट्री’ ने बेस्ट हिंदी फिल्म का अवॉर्ड अपने नाम किया। यह फिल्म सामाजिक मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करती है, जिसने दर्शकों और समीक्षकों का दिल जीता। प्रोड्यूसर एकता कपूर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह जीत हमारी पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है। ‘कटहल’ एक ऐसी कहानी है, जो समाज की सच्चाई को हास्य के साथ जोड़ती है।”
अन्य विजेता: हिंदी सिनेमा की विविधता
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स ने हिंदी सिनेमा की विविधता को खूबसूरती से दर्शाया। दीपक किंगरानी को ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ के लिए बेस्ट डायलॉग राइटर का अवॉर्ड मिला। यह फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है, जो एक आम आदमी की कानूनी लड़ाई को दर्शाती है।
- बेस्ट सिनेमेटोग्राफी: ‘द केरल स्टोरी’ ने इस कैटेगरी में बाजी मारी।
- बेस्ट मेकअप और कॉस्ट्यूम: विक्की कौशल की ‘सैम बहादुर’ ने इन दो कैटेगरी में अवॉर्ड जीते।
- बेस्ट साउंड डिजाइन: रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ ने इस श्रेणी में अपनी धाक जमाई।
क्षेत्रीय सिनेमा का जलवा
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में क्षेत्रीय सिनेमा ने भी अपनी छाप छोड़ी। तेलुगु फिल्म ‘भगवंत केसरी’, तमिल फिल्म ‘पार्किंग’ और पंजाबी फिल्म ‘गोद्दे गोद्दे चा’ ने अपनी-अपनी श्रेणियों में अवॉर्ड जीते। इन फिल्मों ने साबित किया कि भारतीय सिनेमा की ताकत उसकी विविधता में है।
क्यों खास हैं नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स?
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारत में सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान हैं। 1954 में शुरू हुए इन पुरस्कारों का आयोजन डायरेक्टोरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स (DFF) द्वारा किया जाता है। विजेताओं को स्वर्ण कमल, रजत कमल और नकद पुरस्कार दिए जाते हैं। इस बार के अवॉर्ड्स में 2023 की उन फिल्मों को सम्मानित किया गया, जिन्हें सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से प्रमाणन मिला था।
कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ सालों में अवॉर्ड्स की घोषणा में देरी हुई थी। 2024 में 70वें अवॉर्ड्स 2022 की फिल्मों के लिए दिए गए थे, और इस बार 2023 की फिल्मों को यह सम्मान मिला।
सोशल मीडिया पर उत्साह
अवॉर्ड्स की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया। शाहरुख, विक्रांत और रानी के फैन्स ने अपनी खुशी जाहिर की। एक यूजर ने लिखा, “शाहरुख, रानी और विक्रांत—तीनों ने साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।” ‘कटहल’ की जीत पर भी फैन्स ने खुशी जताई, इसे ‘सच्चाई और हास्य का शानदार मेल’ बताया।
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भारतीय सिनेमा का सुनहरा भविष्य
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय सिनेमा कहानी, अभिनय और तकनीकी उत्कृष्टता के मामले में बेजोड़ है। शाहरुख खान की कमर्शियल सक्सेस, विक्रांत मैसी की प्रेरणादायक कहानी और रानी मुखर्जी के इमोशनल परफॉर्मेंस ने दिखाया कि सिनेमा हर रूप में दर्शकों को जोड़ सकता है।
आगे क्या?
ये अवॉर्ड्स न केवल विजेताओं के लिए गर्व का पल हैं, बल्कि नए फिल्ममेकर्स और कलाकारों के लिए प्रेरणा भी हैं। क्या आपने इन अवॉर्ड विनिंग फिल्मों को देखा है? अपनी राय कमेंट में जरूर शेयर करें, और भारतीय सिनेमा की इस चमक को सेलिब्रेट करें!