कैराना, उत्तर प्रदेश, 21 जुलाई 2025: करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी की कैराना सांसद इकरा हसन पर की गई अभद्र और सांप्रदायिक टिप्पणी ने उत्तर प्रदेश में तीखा विवाद पैदा कर दिया है। राणा ने एक वायरल सोशल मीडिया वीडियो में इकरा हसन से “निकाह कबूल” करने की बात कही और उनकी निजी जिंदगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
विवाद का केंद्र: क्या हुआ था?
राणा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो और पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने इकरा हसन के धर्म और निजी जीवन को निशाना बनाया। समाजवादी पार्टी ने इसे “महिला विरोधी” और “सांप्रदायिक” करार देते हुए तीव्र निंदा की। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा, “यह न केवल इकरा हसन का अपमान है, बल्कि संसद और मुस्लिम समुदाय की गरिमा पर हमला है।”
- सोशल मीडिया प्रतिक्रिया: एक्स पर यूजर्स ने राणा की टिप्पणी को “शर्मनाक” बताया। @SP_Supporter ने लिखा, “महिलाओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं।”
- वायरल प्रभाव: वीडियो को लाखों लोगों ने देखा, जिसके बाद राणा ने इसे हटा लिया और उनका मोबाइल बंद पाया गया।
कानूनी कार्रवाई: क्या हो रहा है?
मुरादाबाद के कटघर थाने में राणा के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67, 79 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन राणा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार से त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
विशेषज्ञ उद्धरण: सामाजिक प्रभाव
सामाजिक कार्यकर्ता और लैंगिक समानता विशेषज्ञ डॉ. रुचि गुप्ता ने इस मामले पर कहा, “ऐसी टिप्पणियां न केवल व्यक्तिगत अपमान हैं, बल्कि पितृसत्तात्मक और सांप्रदायिक मानसिकता को दर्शाती हैं। यह महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में भाग लेने से रोकने का प्रयास है।”
वहीं, साइबर अपराध विशेषज्ञ अंकित मेहता ने बताया, “ऑनलाइन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं। 2022 में NCRB ने 24% अधिक साइबर अपराध दर्ज किए, जिनमें महिलाएं मुख्य शिकार थीं।”
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना भारत में महिलाओं की सुरक्षा, विशेष रूप से सार्वजनिक जीवन में उनकी स्थिति, पर सवाल उठाती है। NCRB के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 65,743 थी, जो देश में सबसे अधिक है। ऑनलाइन उत्पीड़न और ट्रोलिंग की बढ़ती घटनाएं भी चिंता का विषय हैं।
- आंकड़े: 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 4% की वृद्धि दर्ज की गई।
- प्रमुख मुद्दे: घरेलू हिंसा (30%), यौन उत्पीड़न, और साइबर अपराध।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
समाजवादी पार्टी ने इस मामले को संसद में उठाने का ऐलान किया है, ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों और सांप्रदायिक टिप्पणियों पर चर्चा हो सके। एक्स पर यूजर्स ने सरकार से कठोर कानूनी सुधारों की मांग की है। @WomenRightsIndia ने लिखा, “महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून और जागरूकता जरूरी है।”
आगे की राह
इस विवाद ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम जरूरी हैं:
- कठोर कानूनी कार्रवाई: ऑनलाइन उत्पीड़न के लिए तेजी से दंड सुनिश्चित करें।
- जागरूकता अभियान: लैंगिक संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देना।
- साइबर सुरक्षा: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी।
लेखक: अवधेश यादव, एक स्वतंत्र पत्रकार, जो सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। संपर्क: smartkhabariup@gmail.com