अंतरिक्ष की दुनिया में हर नया कदम हमें आश्चर्यचकित करता है, और Axiom Mission 4 (Ax-4) ने भारत सहित पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस मिशन ने शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भेजकर भारत का नाम रोशन किया और स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान को एक बार फिर सुर्खियों में लाया। आइए, इस लेख में Axiom Mission 4 और Crew Dragon के बारे में विस्तार से जानते हैं, और समझते हैं कि यह मिशन इतना खास क्यों है।
Axiom Mission 4: एक नजर में
Axiom Mission 4 एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जिसे अमेरिकी कंपनी Axiom Space ने नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से आयोजित किया। यह मिशन 25 जून 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च हुआ। इसका लक्ष्य चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ले जाना है, जहां वे करीब 14 दिनों तक वैज्ञानिक शोध, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और आउटरीच गतिविधियां करेंगे।
इस मिशन की खासियत है इसका अंतरराष्ट्रीय सहयोग। इसमें भारत, पोलैंड, और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जो इन देशों के लिए 40 साल बाद पहला सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष मिशन है। भारत से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं, जिन्होंने इसे भारत के लिए ऐतिहासिक बनाया।
Crew Dragon: अंतरिक्ष यात्रा का नया सितारा

Crew Dragon स्पेसएक्स द्वारा निर्मित एक अत्याधुनिक, पुन: उपयोग होने वाला अंतरिक्ष यान है, जो मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। Axiom Mission 4 में उपयोग हुआ क्रू ड्रैगन, जिसका टेल नंबर C213 है, इस मिशन के लिए पहली बार उड़ा और इसे चालक दल ने “Grace” नाम दिया। यह स्पेसएक्स का पांचवां और अंतिम क्रू ड्रैगन कैप्सूल है, जो अपने उन्नत डिज़ाइन और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है।
Crew Dragon की खासियतें
- मानव-केंद्रित डिज़ाइन: क्रू ड्रैगन में चार से सात यात्रियों को ले जाने की क्षमता है। इसमें टचस्क्रीन इंटरफेस, आरामदायक सीटें, और आपातकाल के लिए उन्नत सुरक्षा प्रणालियां हैं।
- पुन: उपयोग की क्षमता: यह यान कई उड़ानों के लिए बनाया गया है। C213 भले ही नया था, लेकिन अन्य क्रू ड्रैगन जैसे Endeavour और Resilience कई मिशनों में कामयाब रहे हैं।
- स्वायत्त डॉकिंग: क्रू ड्रैगन बिना मानव हस्तक्षेप के ISS के साथ डॉक कर सकता है। Ax-4 में यह 26 जून 2025 को सुबह 7:00 बजे EDT (4:30 बजे IST) पर ISS के हार्मनी मॉड्यूल से जुड़ा।
- ज़ीरो-जी इंडिकेटर: हर मिशन में एक अनोखा “ज़ीरो-जी इंडिकेटर” होता है। Ax-4 में यह एक प्लश बेबी स्वान था, जिसका नाम “Joy” रखा गया, जो भारत, पोलैंड, और हंगरी के सहयोग का प्रतीक है।
- उन्नत प्रणोदन: क्रू ड्रैगन में शक्तिशाली प्रणोदन प्रणालियां हैं, जो इसे अंतरिक्ष में गति और नियंत्रण प्रदान करती हैं। Ax-4 से पहले C213 में प्रणोदन से जुड़ी कुछ समस्याएं थीं, जिन्हें ठीक किया गया।
Crew Dragon और Ax-4 का संबंध
Axiom Mission 4 में क्रू ड्रैगन का उपयोग निजी अंतरिक्ष उड़ानों के युग को दर्शाता है। Axiom Space भविष्य में अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन (Axiom Station) बनाना चाहता है, और क्रू ड्रैगन इस लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन में क्रू ड्रैगन ने 31 देशों की ओर से 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों को सुगम बनाया।
Ax-4 का चालक दल: अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक
Ax-4 का चालक दल चार सदस्यों का है:
- पेगी व्हिटसन (अमेरिका): मिशन कमांडर, नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री।
- शुभांशु शुक्ला (भारत): मिशन पायलट, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन।
- स्लावोस उज़नांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड): ESA के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री।
- टिबोर कपु (हंगरी): HUNOR कार्यक्रम का हिस्सा।
शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन को “1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं की उड़ान” बताया। वे ISS पर योग सहित कई प्रयोगों में हिस्सा लेंगे।
मिशन की चुनौतियां और तैयारी
Ax-4 का लॉन्च कई बार टला। फाल्कन 9 में प्रणोदक रिसाव, ISS के ज़्वेज़दा मॉड्यूल में दबाव रिसाव, और मौसम, और मौसम की स्थिति के कारण इसे 25 जून 2025 तक स्थगित किया गया। चालक दल ने जर्मनी, जापान, और अमेरिका में गहन प्रशिक्षण लिया, जिसमें क्रू ड्रैगन के संचालन और आपातकालीन प्रक्रियाएं शामिल थीं।
वैज्ञानिक योगदान और भारत की भूमिका
Ax-4 में 60 से अधिक प्रयोग हैं, जिनमें से सात ISRO और भारतीय संस्थानों के हैं। शुभांशु माइक्रोग्रैविटी में फसल, मांसपेशियों की क्षति, और माइक्रोबियल अनुकूलन जैसे प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग गगनयान के लिए भी महत्वपूर्ण डेटा देंगे।
Crew Dragon का भविष्य
क्रू ड्रैगन ने 2020 में Demo-2 के साथ शुरुआत की और अब तक 66 से अधिक अंतरिक्ष यात्रियों को ले जा चुका है। Ax-4 इसका 18वां मानव मिशन है। भविष्य में यह निजी अंतरिक्ष स्टेशनों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
निष्कर्ष
Axiom Mission 4 और Crew Dragon ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निजी अंतरिक्ष उड़ानों का नया अध्याय लिखा। भारत के लिए यह मिशन शुभांशु शुक्ला के जरिए खास है, जो देश की अंतरिक्ष आकांक्षाओं को उड़ान दे रहे है। कुछ माह पहले भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स लंबा समय अंतरिक्ष मे गुजार कर सफलतापूर्वक धरती प्रा गई है। आज से 41 वर्ष पहले राकेश शर्मा पहले ऐसे भारतीय है जो स्पेस में सोवियत संघ के सहयोग से गये थे। बता दे, क्रू ड्रैगन की तकनीक और Ax-4 की उपलब्धियां भविष्य के मिशनों, जैसे गगनयान, के लिए प्रेरणा का स्रोत होंगी।
Axiom Mission 4 और Crew Dragon: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. आउटरीच किसे कहते हैं?
आउटरीच अंतरिक्ष मिशनों में उन गतिविधियों को कहते हैं, जिनका उद्देश्य जनता, विशेष रूप से युवाओं और छात्रों, को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूक और प्रेरित करना होता है। Ax-4 में शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्री ISS से लाइव सत्र, शैक्षिक वीडियो, और सोशल मीडिया के जरिए आउटरीच गतिविधियां कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, शुभांशु ने ISS से योग सत्र आयोजित किया, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है और विज्ञान को लोकप्रिय बनाता है।
2. टेल नंबर C213 क्या है?
टेल नंबर C213 क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान की विशिष्ट पहचान है, जो Ax-4 मिशन में इस्तेमाल हुआ। स्पेसएक्स अपने प्रत्येक क्रू ड्रैगन कैप्सूल को एक यूनिक कोड देता है, जैसे हवाई जहाजों में टेल नंबर होता है। C213 स्पेसएक्स का पांचवां और नवीनतम क्रू ड्रैगन है, जिसे Ax-4 के लिए पहली बार उड़ाया गया और चालक दल ने इसे “Grace” नाम दिया।
3. स्वायत्त डॉकिंग क्या है?
स्वायत्त डॉकिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें अंतरिक्ष यान बिना मानव हस्तक्षेप के स्वचालित रूप से किसी अंतरिक्ष स्टेशन, जैसे ISS, से जुड़ता है। क्रू ड्रैगन में उन्नत सेंसर, कैमरे, और सॉफ्टवेयर हैं, जो इसे स्वायत्त डॉकिंग करने में सक्षम बनाते हैं। Ax-4 में क्रू ड्रैगन ने 26 जून 2025 को ISS के हार्मनी मॉड्यूल के साथ स्वचालित रूप से डॉक किया, जिससे मिशन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ी।
4. डॉक किसे कहते हैं?
डॉक अंतरिक्ष में उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें एक अंतरिक्ष यान किसी अंतरिक्ष स्टेशन या अन्य यान से भौतिक रूप से जुड़ता है। यह जुड़ाव एक विशेष पोर्ट के जरिए होता है, जो हवा और बिजली के आदान-प्रदान को संभव बनाता है। Ax-4 में क्रू ड्रैगन ने ISS के साथ डॉक करके चालक दल को स्टेशन में प्रवेश करने और प्रयोग शुरू करने की अनुमति दी।
5. प्रणोदन किसे कहते हैं?
प्रणोदन अंतरिक्ष यान की वह प्रणाली है, जो इसे अंतरिक्ष में गति, दिशा, और नियंत्रण प्रदान करती है। क्रू ड्रैगन में प्रणोदन के लिए ड्रैको और सुपरड्रैको थ्रस्टर का उपयोग होता है, जो रॉकेट ईंधन से संचालित होते हैं। ये थ्रस्टर यान को कक्षा में स्थिर करने, ISS तक पहुंचने, और पृथ्वी पर वापसी के लिए जरूरी हैं। Ax-4 से पहले C213 में प्रणोदन प्रणाली में कुछ समस्याएं थीं, जिन्हें ठीक किया गया।
6. फाल्कन 9 क्या है?
फाल्कन 9 स्पेसएक्स द्वारा निर्मित एक शक्तिशाली, पुन: उपयोग होने वाला रॉकेट है, जो अंतरिक्ष यानों और उपग्रहों को कक्षा में ले जाता है। Ax-4 में फाल्कन 9 ने क्रू ड्रैगन को पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया। इसका पहला चरण पृथ्वी पर वापस लैंड कर सकता है, जिससे लॉन्च लागत कम होती है। Ax-4 के लिए फाल्कन 9 ने 25 जून 2025 को कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी।
स्रोत:
- www.space.com
- www.nasaspaceflight.com
- en.wikipedia.org
- www.axiomspace.com
- www.nasa.gov
- www.tindiatimes.com