Iran-Israel War: मनोवैज्ञानिक बढ़त के पीछे छिपा ईरान का “डिजिटल हथियार” क्यों बदल रहा है युद्ध का समीकरण?

Iran-Israel War: सोशल मीडिया की माने तो ईरान भारी दिखाई दे रहा है। ऐसे में जानना बेहद अहम है कि आखिर ईरान के पास ऐसा कौन सा हथियार है जो मनोवैज्ञानिक रूप से इस युद्ध मे उसे बढ़त हासिल हो गई। आज के इस खास आर्टीकल में हम इसी की पड़ताल करेंगे।

शुरुआत; Iran-Israel War में, ‘क्या झूठ है सबसे बड़ा हथियार?’

“जब तेल अवीव के आसमान में इंटरसेप्टर मिसाइलों की चमक दिखती है, तब ईरानी एआई जनरेटेड वीडियो दुनिया को दिखाते हैं कि कैसे पूरा शहर धुआं-धुआं हो रहा है!”

🌪️ झूठ का तूफ़ान: सोशल मीडिया पर ईरान की ‘डिजिटल जीत’

  • वायरल झूठ: BBC वेरिफाई के अनुसार, ईरान-समर्थित अकाउंट्स द्वारा शेयर किए गए एआई जनरेटेड वीडियो (तेल अवीव में ध्वस्त इमारतें, बेन गुरियन एयरपोर्ट का क्षतिग्रस्त होना) को 10 करोड़+ व्यूज मिले। इनमें से कुछ तो ईरानी स्टेट मीडिया ने भी शेयर किए!
  • रूस का हाथ: अमेरिकी एफ-35 जेट्स के डाउन होने के फेक वीडियो रूसी इन्फ्लुएंस नेटवर्क्स द्वारा बनाए गए, जो पश्चिमी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना चाहते हैं ।
  • मोनेटाइजेशन गेम: ‘डेली इरान मिलिट्री’ जैसे अकाउंट्स ने 1 हफ्ते में फॉलोअर्स 100% बढ़ाए। इन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से विज्ञापन राजस्व मिलता है ।

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💣 हथियारों का असली जखीरा: कौन किससे आगे?

पैरामीटरईरानइजराइल
मिसाइल अटैक्स (21 जून तक)450+ बैलिस्टिक मिसाइलें, 1000+ ड्रोन्सअज्ञात (फोकस एयर स्ट्राइक्स पर)
एयर डिफेंस सिस्टमरूसी S-300, घरेलू बवारआयरन डोम, डेविड्स स्लिंग, एरो 3
न्यूक्लियर क्षमता60% यूरेनियम एनरिचमेंट (हथियार ग्रेड से सिर्फ 30% कम)अनअधिकृत न्यूक्लियर आर्सेनल (90+ वॉरहेड्स)
कमांडर्स की हानिIRGC चीफ़ हुसैन सलामी सहित 15+ टॉप ऑफिसर्सजनरल स्टाफ के सदस्य (आधिकारिक डेटा नहीं)

☢️ ईरान की सबसे बड़ी ताकत: ‘अंडरग्राउंड न्यूक्लियर शील्टर’

  • फोर्डो साइट: क़ूम के पहाड़ों में 60 मीटर गहराई में बना यूरेनियम एनरिचमेंट प्लांट। अमेरिकी B-2 बॉम्बर के GBU-57 “बंकर बस्टर” (13,000 किलो) के बिना इसे नष्ट करना असंभव ।
  • बुशहर रिएक्टर: IAEA चीफ़ राफेल ग्रॉसी ने चेतावनी दी कि अगर यह हिट हुआ तो चेर्नोबिल जैसी रेडिएशन लीक होगी! इजराइल ने अब तक इसे नहीं छुआ ।
  • वैज्ञानिकों की शहादत: इजराइल ने 9 परमाणु वैज्ञानिकों को टार्गेट किया, मगर ईरान ने तुरंत उनकी जगह नए एक्सपर्ट्स तैनात कर दिए ।

⚔️ इजराइल की कमजोरियाँ: क्यों हार रहा है ‘साइकोलॉजिकल वॉर’?

  1. सिविलियन मोरल: तेल अवीव, बीयरशीबा में मिसाइल हमलों से 24 नागरिक मारे गए। सायरन की आवाज़ और बमबारी ने आम लोगों में डर पैदा कर दिया है ।
  2. अमेरिका पर निर्भरता: फोर्डो पर हमले के लिए अमेरिकी बंकर बस्टर बम जरूरी। ट्रंप ने कहा – “2 हफ्ते तक इंतजार करो” ।
  3. डिप्लोमेटिक आइसोलेशन: यूरोप की जेनेवा बैठक विफल। ईरान ने साफ किया: “जब तक इजराइल अटैक करेगा, बातचीत नहीं” ।

🌍 तेल, सत्ता और कूटनीति का खेल: कौन किसके पाले में?

  • ईरान की चाल:
  • इस्तांबुल में OIC बैठक बुलाकर 40 मुस्लिम देशों को एकजुट करने की कोशिश ।
  • इराक में मोक्तदा अल-सद्र के समर्थकों ने बगदाद में प्रदर्शन कर “अमेरिका-इजराइल मुर्दाबाद” के नारे लगाए ।
  • इजराइल की मजबूरी:
  • हाइफा बंदरगाह पर हमले से सैन्य आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित ।
  • यूएन में दानी डैनन ने कहा: “ईरान का परमाणु खतरा खत्म होने तक हमले जारी” ।

🔮 भविष्य का युद्ध: Iran-Israel War में किसकी जीत, किसकी हार?

ईरान जीतेगा अगर:

  • अमेरिका बंकर बस्टर बम न दे।
  • मुस्लिम देशों का सैन्य/आर्थिक समर्थन मिले।
  • परमाणु बम बनाने में सफल हो जाए (कुछ हफ्तों में संभव, ट्रंप का दावा)

इजराइल जीतेगा अगर:

  • अमेरिका सीधे युद्ध में शामिल हो।
  • ईरान की मिसाइल लॉन्चरों की 100% क्षमता नष्ट कर दे (पहले हफ्ते में 33% नष्ट हो चुकी) ।

सबसे अधिक खतरनाक हथियार किसके पास?

हथियारों से ज्यादा खतरनाक होता है झूठ का हथियार। ईरान ने एआई डीपफेक और सोशल मीडिया प्रोपागैंडा से दुनिया को यकीन दिला दिया कि वह जीत रहा है, जबकि हकीकत में दोनों देश खून बहा रहे हैं। इजराइल के पास तकनीकी बढ़त है, मगर ईरान के पास जमीन के नीचे छिपे परमाणु और सोशल मीडिया पर छाया डिजिटल आर्मी का जुनून।”

तेल, हथियार और सत्ता को हटा कर दूसरे चश्मे से देखे तो यहां हार रही है मानवता, यहां हार रहा है आम आदमी। वह आम आदमी जो धन-बल से कोसो दूर है। गाज़ा में इजराइल ने जो कुछ किया वह किसी से छिपा नही है। इजराइल ने गाज़ा में जो कुछ किया उसका परिणाम यह है कि मानवता की वहां रूह कांप गई। महिलाओं और बच्चों तक को नही छोड़ा। स्थिति यह है कि आज गाज़ा मे आम आदमी अपंग हो गया है लोग भूख से बिलबिला रहे है। हो सकता है इससे दुनिया के ताकतवर देशो को खुशी मिलें। लेकिन सच तो यह है, ‘तेल, हथियार और सत्ता के खेल में आज मानवता दम तोड़ रही है।

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स्रोत: रॉयटर्स, एपी, बीबीसी, अलजजीरा, फ्रांस 24 के ताज़ा डेटा के आधार पर विश्लेषण।
© स्मार्टखबरी.कॉम | अवधेश यादव | 21 जून 2025

Avadhesh Yadav
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