राजीव गांधी: राष्ट्रहित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने ‘वीर भूमि’ जाकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान राहुल ने कहा कि, राजीव गांधी जी द्वारा राष्ट्रहित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के राष्ट्र के प्रति योगदान व उनसे जुड़े विवाद के बारे में विस्तार से जानने के लिए एक आर्टीकल को अंत तक पढ़े।

राजीव गांधी: परिचय

राजीव गांधी, भारत के छठे प्रधानमंत्री, एक ऐसे नेता थे जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी ने 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी पुण्यतिथि, 21 मई, प्रत्येक वर्ष देशभर में उनके योगदान को याद करने का अवसर प्रदान करती है।

राजीव गांधी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजीव गांधी का जन्म मुंबई में हुआ था। वे भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पुत्र थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल में हुई। इसके बाद, उन्होंने लंदन के इंपीरियल कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद, राजीव ने पायलट के रूप में करियर चुना और भारतीय वायुसेना में काम किया।

हालांकि, राजीव गांधी का शुरूआती जीवन राजनीति से दूर रहा, लेकिन मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में उन्हें राजनीति में प्रवेश करना पड़ा। उन्होंने अपनी मां की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजीव गांधी का राजनीतिक सफर

राजीव गांधी ने 1981 में अपने भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता और राजनीति में कदम रखा। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, मात्र 40 वर्ष की आयु में, वे भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो आज भी भारत के विकास में मील का पत्थर माने जाते हैं।

राजीव गांधी के प्रमुख योगदान

rajeev gandhi
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  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्रांति: राजीव गांधी को भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति का जनक माना जाता है। उन्होंने कंप्यूटर और टेलीकॉम क्षेत्र में आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया। C-DOT (Centre for Development of Telematics) की स्थापना और MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited) की शुरुआत उनके कार्यकाल की देन है। इन पहलों ने भारत को वैश्विक IT हब बनाने की नींव रखी।
  • पंचायती राज व्यवस्था: राजीव गांधी ने स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के लिए पंचायती राज व्यवस्था को बढ़ावा दिया। उनके प्रयासों से 1992 में 73वां और 74वां संविधान संशोधन पारित हुआ, जिसने ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों को अधिक शक्ति प्रदान की।
  • शिक्षा का विस्तार: राजीव गांधी ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति 1986 लागू की। इस नीति ने प्राथमिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, और दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा दिया। जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना भी उनके कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
  • शांति प्रयास और विदेश नीति: राजीव गांधी ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने श्रीलंका में तमिल-सिंहली संघर्ष को सुलझाने के लिए भारत-श्रीलंका समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण और वैश्विक शांति के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष रखा।
  • महिला सशक्तिकरण: राजीव गांधी ने महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। उनकी नीतियों ने ग्रामीण महिलाओं को पंचायती राज में भागीदारी के अवसर प्रदान किए।

राजीव गांधी की पुण्यतिथि और उनकी विरासत

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। उनकी पुण्यतिथि पर, देशभर में लोग उन्हें ‘वीर भूमि’ और अन्य स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 2025 में उनकी पुण्यतिथि पर, नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में ‘वीर भूमि’ पर अपने पिता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उनके राष्ट्रहित में किए गए कार्यों को याद किया।

राजीव गांधी की विरासत आज भी भारत के विकास में जीवंत है। उनके द्वारा शुरू की गई IT क्रांति ने भारत को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाया। उनकी शांति और समावेशी विकास की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं।

राजीव गांधी से जुड़े विवाद

राजीव गांधी का कार्यकाल विवादों से भी घिरा रहा। बोफोर्स घोटाला उनके कार्यकाल का एक प्रमुख विवाद था, जिसमें उन पर और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। हालांकि, ये आरोप कभी पूरी तरह सिद्ध नहीं हुए, लेकिन इसने उनकी छवि को प्रभावित किया। इसके बावजूद, उनके समर्थक उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद करते हैं।

राजीव गांधी के सम्मान और पुरस्कार

राजीव गांधी को उनके योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए। उनकी मृत्यु के बाद, भारत सरकार ने उनके सम्मान में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार) और राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की। ये पुरस्कार उनके खेल और सामाजिक सद्भाव के प्रति योगदान को दर्शाते हैं।

आधुनिक भारत के निर्माता

राजीव गांधी एक ऐसे नेता थे जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी। उनकी दूरदर्शिता और नवाचार ने भारत को तकनीकी और सामाजिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी पुण्यतिथि पर, हमें उनके योगदान को याद करना चाहिए और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए।राहुल गांधी ने अपनी श्रद्धांजलि में कहा, “राजीव गांधी जी द्वारा राष्ट्रहित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।” यह कथन उनकी विरासत की महत्ता को रेखांकित करता है।

FAQs

राजीव गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति और पंचायती राज व्यवस्था को बढ़ावा देकर भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को मनाई जाती है।

उनके सम्मान में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार स्थापित किए गए।

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