भारतीय शेयर बाजार में हर हफ्ते नए उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। बीते हफ्ते बाजार में मिला-जुला प्रदर्शन रहा, और अब निवेशकों की नजर 28 अप्रैल 2025 को सोमवार के कारोबारी सत्र पर टिकी है। इस लेख में हम सोमवार की संभावनाओं, बीते हफ्ते की प्रमुख घटनाओं और अगले हफ्ते बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों का सटीक एनालिसिस करेंगे।
बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का हाल
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने हफ्ते की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की, लेकिन बाद में वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण बाजार में अस्थिरता देखी गई।
- सोमवार (21 अप्रैल): सेंसेक्स 855 अंक चढ़कर 79,408.50 पर और निफ्टी 273.90 अंक ऊपर 24,125.55 पर बंद हुआ। ICICI बैंक और HDFC बैंक के Q4 नतीजों के बाद बैंकिंग शेयरों में जोरदार खरीदारी हुई।
- मंगलवार (22 अप्रैल): बाजार में शुरुआती तेजी के बाद गिरावट आई। सेंसेक्स 150 अंक नीचे 79,284 पर और निफ्टी 80 अंक नीचे कारोबार करता दिखा। अमेरिकी बाजारों में 2.36% की गिरावट का असर भारतीय बाजार पर पड़ा।
- बुधवार (23 अप्रैल): सेंसेक्स 122 अंक गिरकर 76,622 पर और निफ्टी 31 अंक नीचे 23,296 पर बंद हुआ। रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में कुछ तेजी दिखी।
- गुरुवार (24 अप्रैल): सेंसेक्स 315.06 अंक नीचे 79,801.43 पर और निफ्टी 82.25 अंक नीचे बंद हुआ, जो सात ट्रेडिंग सेशन की तेजी के बाद मुनाफावसूली का संकेत था।
- शुक्रवार (25 अप्रैल): सेंसेक्स 588.90 अंक गिरकर 79,212.53 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 24,039 पर रहा, जो 200-दिन के मूविंग एवरेज (24,050) से नीचे था।
कुल मिलाकर, निफ्टी IT इंडेक्स में 0.72% की बढ़त और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी ने बाजार को कुछ सपोर्ट दिया, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं और भारत-पाक तनाव ने निवेशकों का मनोबल प्रभावित किया।
सोमवार (28 अप्रैल 2025) को क्या हो सकता है?
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी। निफ्टी 50 वर्तमान में 24,039 पर है, जो टेक्निकली बियरिश है क्योंकि यह 200-दिन के मूविंग एवरेज (24,050) से नीचे है। लेकिन यहाँ कुछ संभावनाएँ भी हैं। आइये जानते है:
- तेजी की संभावना: अगर SGX निफ्टी में गैप-अप शुरुआत होती है और वैश्विक बाजार (विशेष रूप से S&P 500, जो हाल ही में 1.76% ऊपर 5,767.57 पर बंद हुआ) पॉजिटिव रहता हैं, तो निफ्टी 24,100 के रेजिस्टेंट स्तर को ब्रेक कर सकता है। IT सेक्टर (जैसे TCS, Infosys) और FMCG (जैसे HUL) में खरीदारी बाजार को सपोर्ट दे सकती है।
- मंदी की संभावना: भारत-पाक तनाव, विशेष रूप से पहलगाम हमले और अटारी चेकपोस्ट बंद होने की खबरों के कारण, बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। अगर निफ्टी 23,800 के सपोर्ट स्तर को तोड़ता है, तो यह 23,400 तक गिर सकता है।
- FII गतिविधि: गुरुवार को FII ने ₹8,250 करोड़ की खरीदारी की, जो सकारात्मक संकेत है। अगर यह रुझान जारी रहता है, तो बाजार में तेजी की संभावना बढ़ेगी।
निवेशकों को चाहिए कि वह टेक्निकल लेवल (सपोर्ट: 23,800, रेजिस्टेंट: 24,100) पर नजर रखें और IT, FMCG जैसे डिफेंसिव सेक्टरों पर फोकस करें।
अगले हफ्ते बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
28 अप्रैल से शुरू होने वाला हफ्ता कई घरेलू और ग्लोबल कारकों से प्रभावित होगा। यहाँ प्रमुख कारक हैं जो भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे:
- भारत-पाक भू-राजनीतिक तनाव: हाल के आतंकी हमले और सीमा पर तनाव बाजार में अनिश्चितता बढ़ा सकते हैं। अगर स्थिति बिगड़ती है, तो निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों (जैसे गोल्ड) की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे बाजार में गिरावट आ सकती है।
- वैश्विक बाजारों का रुख: अमेरिकी बाजारों (S&P 500, Nasdaq) और एशियाई बाजारों (निक्केई, हैंग सेंग) का प्रदर्शन भारतीय बाजार को प्रभावित करेगा। अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर ट्रंप प्रशासन के फैसले भी महत्वपूर्ण होंगे।
- FII और DII गतिविधि: FII की खरीदारी (जैसे गुरुवार को ₹8,250 करोड़) बाजार को सपोर्ट दे सकती है, जबकि बिकवाली से गिरावट आ सकती है। DII ने भी हाल ही में खरीदारी बढ़ाई है, जो स्थिरता का संकेत है।
- कॉर्पोरेट आय: Q4 नतीजे, विशेष रूप से ऑटो (जैसे मारुति, टाटा मोटर्स) और IT (जैसे विप्रो) सेक्टरों से, बाजार की दिशा तय करेंगे। IREDA जैसे PSU शेयरों ने हाल ही में मजबूत नतीजे दिखाए हैं।
- मैक्रो-इकनॉमिक डेटा: अप्रैल के ऑटो बिक्री आंकड़े, IIP डेटा, और WPI/CPI जैसे महंगाई के आंकड़े बाजार पर असर डालेंगे। RBI की नीतिगत दरों पर भी नजर रहेगी।
- रुपए की स्थिति: डॉलर के मुकाबले रुपया हाल ही में 84.65 के निचले स्तर पर था। अगर रुपया और कमजोर होता है, तो FII निवेश प्रभावित हो सकते है।
इन कारकों के आधार पर, बाजार शॉर्ट-टर्म में कंसोलिडेशन मोड रह सकता है, लेकिन लॉन्ग-टर्म में भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और कॉर्पोरेट आय बाजार को सपोर्ट दे सकती हैं।
निवेशकों के लिए विशेष
निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइ बना कर रखते हुए जोखिम प्रबंधन पर भी ध्यान देना चाहिए। यहाँ कुछ प्रो- टिप्स हैं:
- IT और FMCG जैसे रक्षात्मक सेक्टरों में निवेश करें। उदाहरण: TCS, HUL।
- गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 5-10% आवंटन करें।
- निफ्टी के सपोर्ट (23,800) और रेजिस्टेंट (24,100) स्तरों पर नजर रखें।
- छोटी राशि से SIP शुरू करें और लंबी अवधि के लिए निवेश करें।
अंतिम शब्द
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को वैश्विक संकेत, FII गतिविधि, और भू-राजनीतिक घटनाएँ प्रमुख भूमिका निभाएँगी। बीते हफ्ते की अस्थिरता के बाद निवेशकों को सतर्क रहते हुए मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों पर फोकस करना चाहिए। अगले हफ्ते के कारक, जैसे कॉर्पोरेट आय और मैक्रो-इकनॉमिक डेटा, बाजार की दिशा को और स्पष्ट करेंगे।
नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। आर्टीकल केवल एजुकेशन और इन्फॉर्मेशन के उद्देश्य के लिए है। हम सेबी रजिस्टर वित्तीय सलाहकार नही है।