Varanasi Gangrape : पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र में हुई शर्मनाक गैंगरेप की घटना ने लोगो को झकझोर दिया है। पुलिस का दावा है कि 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि 14 की गिरफ्तारी के लिए धड़पकड़ तेज कर दी है।
वाराणसी, 8 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश (यूपी) के वाराणसी में 18 साल की एक युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पुलिस ने इस जघन्य अपराध में अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 14 अन्य संदिग्धों की तलाश के लिए छापेमारी तेज कर दी गई है। यह घटना 29 मार्च से 4 अप्रैल 2025 के बीच हुई, जब युवती को अगवा कर विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया और 23 लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
यूपी में हुई इस शर्मनाक घटना से एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार पर सवालियां निशान उठने लगे है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद में दोहरा हत्याकांड में मां-बेटी को हमलावरों ने मौत के घाट उतार दिया था। अभी यह मामला शांत भी नही हुआ कि प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में हुई इस खौफनाक वारदात, फतेहपुर में ट्रिपल मर्डर केस ने यूपी सरकार को कटघरे खड़ा कर दिया है।
Varanasi Gangrape – ड्रग्स देकर गैंगरेप किया
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीड़िता को ड्रग्स देकर एक हुक्का बार, होटल और गोदाम सहित कई जगहों पर ले जाया गया। अब तक मिली, ताज़ा जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के गहरे निशान मिले हैं।

पुलिस का खुलासा: वीडियो ब्लैकमेलिंग का एंगल
वरुणा जोन के डीसीपी चंद्रकांत मीना ने बताया कि पूछताछ में एक नया खुलासा हुआ है। मुख्य आरोपी राज विश्वकर्मा ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर एक कैफे में ले जाया, जहाँ से यह अपराध शुरू हुआ। इसके बाद अन्य आरोपियों ने मिलकर पीड़िता का वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल कर चुप रहने की धमकी दी। पुलिस अब इस वीडियो की तलाश में जुटी है, जो मामले में अहम सबूत हो सकता है।
9 गिरफ्तार, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता अभी फरार
गिरफ्तार 9 आरोपियों में राज विश्वकर्मा, समीर, आयुष और सोहेल शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, बाकी 14 संदिग्धों में कुछ ऐसे लोग हैं, जो इस अपराध के पीछे की साजिश में गहरे तक शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर संदिग्धों की पहचान शुरू कर दी है। डीसीपी मीना ने कहा, “हम हर कोने से सबूत जुटा रहे हैं। कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।”
पीड़िता के लिए न्याय की माँग
यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। मंगलवार शाम को पिशाचमोचन इलाके में सैकड़ों लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और पीड़िता के लिए त्वरित न्याय की माँग की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “अगर इन दरिंदों को सजा नहीं मिली, तो यह समाज के मुँह पर तमाचा होगा।” पुलिस पर भी दबाव बढ़ रहा है कि बाकी आरोपियों को जल्द पकड़ा जाए।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 12 नामजद और 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। नवीनतम अपडेट के अनुसार, कुछ संदिग्धों के वाराणसी से बाहर भागने की आशंका है, जिसके लिए पड़ोसी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही, पीड़िता को सुरक्षा और काउंसलिंग भी दी जा रही है ताकि वह इस सदमे से उबर सके।
पीड़िता के परिजनों ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता के परिजनों ने कहा कि, लड़की 29 मार्च को अचानक लापता हो गई। दोस्तों और रिश्तेदारी सब जगह ढूंढा। कही पता नही चला। इसके बाद लड़की के दोस्त दानिश और आयुष को भी फोन किए। अचानक 4 अप्रैल की सुबह पुलिस ने मेरी लड़की को को घर लेकर आई। उसकी हालत बहुत खराब थी।
कानून व्यवस्था पर उठा सवाल!
यूपी में हुई यह घटना जहाँ कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, वहीं यह भी माँग करती है कि पीड़िता को जल्द न्याय मिले। पुलिस की तेज़ कार्रवाई और साक्ष्यों की मज़बूती ही इस मामले में इंसाफ की राह खोल सकती है। जनता की नज़र अब इस बात पर है कि क्या बाकी 14 आरोपी जल्द पकड़े जाएँगे और क्या इस अपराध का पूरा सच सामने आएगा।