मथुरा, 16 मार्च: हवाओं में प्यार की खुशबू थी, नजरें चुराकर मुस्कुराने की आदत थी, और फिर एक ऐसा मोड़ आया कि दो दिलों का मिलन परिवार की तबाही बन गया। मथुरा की गलियों से शुरू हुआ जीजा-साली का अफेयर अब हर किसी की जुबान पर है।
यह कहानी है एक शादीशुदा साली की, जिसने अपने जीजा के लिए सब कुछ छोड़ दिया—अपने बच्चों का भविष्य, बहन का सुहाग, और समाज की मर्यादा। प्यार की राह में दोनों इतने खो गए कि न कोई डर रहा, न कोई शर्मिंदगी। लेकिन क्या यह इश्क सच्चा था, या एक ऐसा गुनाह जो सब कुछ जलाकर राख कर देगा? आइए, जानते है इस पूरे मामले को।
जीजा-साली का अफेयर: जब नजरें मिलीं, दिल धड़के

यह सब तब शुरू हुआ, जब मथुरा के नौहझील थाना क्षेत्र की एक साधारण सी गृहिणी अपने जीजा के घर आई। वह दो बच्चों की मां थी, जिसकी शादी को 12 साल बीत चुके थे।
जीजा भी अपनी पत्नी—यानी उसकी बड़ी बहन—और दो बच्चों के साथ सुखी जीवन जी रहा था। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। घर की चौखट पर साली की हंसी और जीजा की नजरों का टकराना, फिर बातों का सिलसिला, और धीरे-धीरे एक अनकहा रिश्ता पनपने लगा।
शुरुआत में दोनों ने इसे छिपाया। साली जब बहन के घर आती, तो जीजा से नजरें चुराती। लेकिन प्यार की आग ऐसी थी कि छिपाए न छिपी। एक दिन मौका मिला, और दोनों ने अपने दिल की बात कह डाली। जीजा ने कहा, “तुम मेरे लिए वो हो, जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा।” साली ने जवाब दिया, “अब तुम ही मेरी दुनिया हो।” बस, यहीं से शुरू हुई एक ऐसी प्रेम कहानी, जो आगे चलकर हर रिश्ते को तोड़ने वाली बन गई।
चार महीने हुए फरार और बनाई एक नई दुनिया

प्यार को परवान चढ़ाने के लिए दोनों को घर की चौखट छोटी लगने लगी। समाज की नजरों से बचने के लिए चार महीने पहले एक रात दोनों चुपके से घर से निकल पड़े। हाथ में हाथ डाले, सपनों को संजोए, वे रायपुर रोड के एक ईंट भट्ठे पर जा पहुंचे। वहां मजदूरी शुरू की, लेकिन उनके लिए यह मजदूरी नहीं, एक नई जिंदगी थी। रात को भट्ठे की मिट्टी पर बैठकर वे एक-दूसरे के लिए कविताएं गढ़ते, दिन में मेहनत करते, और हर पल को प्यार में डुबोते।
साली कहती, “तुम मेरे साथ हो, तो ये मिट्टी का बिस्तर भी महल से कम नहीं।” जीजा जवाब देता, “तुम्हारी मुस्कान मेरे लिए सब कुछ है।” दोनों की दुनिया में न बच्चों की याद थी, न परिवार की चिंता। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन न चल सकी।
परिवार का टकराव और टूटते रिश्ते
उधर, घर पर हाहाकार मचा था। बड़ी बहन को पहले लगा कि उसका पति कहीं काम पर गया होगा। साली का पति भी अपनी पत्नी की गैरहाजिरी से परेशान था। फिर किसी ने खबर दी कि दोनों साथ देखे गए हैं। परिवार ने तलाश शुरू की और भट्ठे पर जा पहुंचा। वहां का मंजर देख सबके होश उड़ गए—जीजा-साली एक-दूसरे का हाथ थामे बैठे थे।
महिला का भाई गुस्से में उसे ले जाने लगा। लेकिन साली चीख पड़ी, “मैं कहीं नहीं जाऊंगी। ये अब मेरे हैं, मेरे पति हैं।” जीजा ने भी भाई को रोकने की कोशिश की। बात इतनी बढ़ी कि दोनों में मारपीट शुरू हो गई। भट्ठे के मुनीम ने पुलिस को फोन कर दिया, और यह रोमांटिक कहानी थाने की चारदीवारी में जा पहुंची।
बहन का दर्द और समाज का सवाल
थाने में बड़ी बहन रोते हुए बोली, “मैंने अपनी बहन को अपने बच्चों की तरह पाला। उसने मेरा सुहाग छीन लिया। मेरे बच्चे अपने पिता को ढूंढ रहे हैं, और मैं टूट चुकी हूं।” उसकी आंखों में आंसुओं के साथ-साथ गुस्सा भी था। साली का पति भी गम और गुस्से में डूबा था। वह कहता रहा, “मेरे बच्चों का क्या कसूर था?”
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पुलिस भी इस अनोखे मामले को देखकर हैरान थी। थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने कहा, “महिला जीजा के साथ रहने की जिद पर अड़ी है। मारपीट की शिकायत पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन यह रिश्ता हर किसी के लिए सवाल बन गया है।”
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प्यार की जीत या परिवार की हार?
बता दे, जीजा-साली का अफेयर का यह मामला मथुरा में चर्चा का विषय बन गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करनाल की रहने वाली एक महिला शादी बारह साल पहले नौहझील थाना अंतर्गत में हुई थी। शादी के बाद महिला ने दो बच्चे हुए। युवती की छोटी बहन की शादी 5 साल पहले हुई। छोटी बहन के भी दो बच्चे हुई।
छोटी बहन का आना-जाना बड़ी बहन के घर पर होता रहा। इसी दौरन छोटी बहन का दिल अपने बड़ी बहन के पति पर आ गया। यही से जीजा-साली का अफेयर की शुरुआत हुई। 4 महीने पहले जीजा के प्यार में पागल साली, इश्क में इतनी मदहोश हो गई कि अपनी ही बड़ी बहन का घर उजाड़ कर जीजा के साथ भाग गई। मिली जानकारी के अनुसार, दोनो रायपुर रोड स्थित ईंट भट्ठा पर आकर मजदूरी करने लगे।
इस दौरान दोनों की तलाश हुई और जब पता चला कि वह रायपुर में रह रहे है फिर मामला थाने में गया। जहां प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने बताया कि साली अपने जीजा के साथ रहने की जिद्द कर रही है। इस मामले में आगे क्या होता है। यह आने वाले समय मे पता चल जाएगा। फिलहाल मामला थाने तक पहुंच गया है।
यह जीजा-साली का अफेयर अब सिर्फ दो लोगों की कहानी नहीं रहा। यह समाज के सामने एक सवाल छोड़ गया है—क्या प्यार हर बंधन से ऊपर है? या यह एक ऐसा गुनाह है, जो मासूम बच्चों और टूटते परिवारों की कीमत पर लिखा गया? दोनों अपने प्यार में खोए हैं, लेकिन उनके पीछे छूटे आंसुओं का हिसाब कौन देगा? यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई—कानून, परिवार, और समाज का फैसला आना अभी बाकी है। बाकी अन्य खबरे के लिए यहां क्लिक करें।