US News: ट्रंप प्रशासन ने 60 अरब डॉलर की विदेशी सहायता ख़त्म की

US News in Hindi: ट्रंप प्रशासन द्वारा 60 अरब डॉलर की विदेशी सहायता को समाप्त करने की घोषणा के बाद वैश्विक स्तर पर इसका क्या प्रभाव होगा, यह तो आने वाले समय ही बता पायेगा। लेकिन इतना तो हम कह सकते है कि शासन में आने के बाद ट्रंप प्रशासन एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रहा है।

इसी क्रम में बुधवार को सरकार ने ऐलान किया कि वह अंतरराष्ट्रीय विकास (International Development) के लिए अमेरिकी एजेंसी (USAID) के 90% से अधिक विदेशी सहायता अनुबंधों को समाप्त कर रहा है। इसके तहत कुल 60 अरब डॉलर की अमेरिकी सहायता बंद की जाएगी।

विदेशी सहायता पर ऐतिहासिक फैसला

इस कटौती के बाद केवल कुछ ही यूएसएआईडी परियोजनाएं (USAID Projects) बचेंगी। इस कदम के पीछे प्रशासन का तर्क है कि विदेशों में सहायता पर होने वाला खर्च अमेरिकी करदाताओं के धन की बर्बादी है। संघीय अदालत (Federal Court) में पेश दस्तावेजों के अनुसार, प्रशासन ने 6,200 यूएसएआईडी अनुबंधों में से 5,800 को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने दी सफाई, एलन मस्क ने किया समर्थन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके सहयोगी एलन मस्क (Elon Musk) का मानना है कि यूएसएआईडी की परियोजनाएं अमेरिकी हितों के खिलाफ हैं और इनमें धन की बर्बादी होती है। ट्रंप प्रशासन ने सभी विदेशी सहायता निधियों को 90 दिनों की समीक्षा अवधि के तहत फ्रीज कर दिया है।

यूरोपीय संघ से आयात पर 25% टैरिफ लगाने की तैयारी

ट्रंप प्रशासन ने यूरोपीय संघ से आने वाले आयात पर 25% टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यूरोपियन यूनियन अमेरिकी कारों पर 10% टैरिफ लगाता है, जो अमेरिका के 2.5% टैरिफ से चार गुना अधिक है। इसलिए अमेरिकी बाजार की सुरक्षा के लिए यह कदम जरूरी है।

वेनेजुएला को तेल निर्यात की अनुमति समाप्त

ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला (Venezuela) से तेल आयात की अनुमति देने वाले परमिट को समाप्त कर दिया है। इसमें तर्क दिया गया है कि, राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (Nicolas Maduro) की सरकार द्वारा लोकतांत्रिक सुधार न किए जाने के चलते यह निर्णय लिया गया है।

गोल्ड कार्ड स्कीम: अमीरों को अमेरिकी नागरिकता!

अमेरिकी सरकार ने एक नई गोल्ड कार्ड (Gold Card) स्कीम लॉन्च की है, जिसके तहत 5 मिलियन डॉलर देकर अमीर लोग अमेरिकी नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे। यह स्कीम सफल और अमीर निवेशकों को अमेरिका में बसने का न सिर्फ सुनहरा अवसर देगी बल्कि इससे अमेरिका आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत होगा।

भारतीयों नागरिकों को जंजीरों में बाधकर सैन्य विमान से वापिस भेजा

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हाल में ही एक-एक करके तीन विमान भरकर भारतियों नागरिको को वापिस भेज दिया। इस दौरान इंडियन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दरअसल इन्हें जंजीरों में जकड़ कर भारत में भेजा गया।

वही इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार का कहना है कि यह लोग अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। फिलहाल भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम पर कोई बड़ी प्रतिक्रिया नही देते हुए, इसे एक सामान्य घटना बताया है। बता दे, जंजीरों में बांधे गए इन भारतीय नागरिकों में महिलाऐं व बच्चें भी शामिल थे।

वही इस मुद्दे पर भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी सत्ता दल भाजपा पर हमलावर हुई, लेकिन भारत की अग्रणी मिडिया ने इस न्यूज़ को नजर अंदाज कर दिया। मालुम हो यह पहली बार हुआ है जब भारतीय नागरिको को जंजीरों में बाधकर सैन्य विमान से भारत वापिस भेजा गया है।

ट्रंप प्रशासन के ये फैसले अंतरराष्ट्रीय स्तर (International Baccalaureate) पर अमेरिका की भूमिका को प्रभावित कर सकते हैं। विदेशी सहायता (Foreign Aid) में कटौती और नए टैरिफ नियमों से वैश्विक व्यापार पर भी असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि इन नीतियों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US economy) और वैश्विक संबंधों (Global Relations) पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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