यूपी के मानसून में दिखी दोहरी तस्वीर, देवरिया सूखे की कगार पर तो एटा में उफनाई नदियां
लखनऊ (उत्तर प्रदेश), 28 सितंबर: मानसून 2025 ने उत्तर प्रदेश को एक अजीब विरोधाभास की स्थिति में छोड़ा है। जहां पूर्वांचल का देवरिया जिला सूखे की मार झेल रहा है, वहीं पश्चिमी यूपी का एटा जिला बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहा है। इस साल देवरिया में महज 97 मिमी बारिश ने इसे देश का सबसे सूखा जिला बना दिया है, जबकि एटा में 880 मिमी बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं .
देवरिया में सूखे ने तोड़ी कमर, 87% कम बारिश से किसान मायूस
पूर्वांचल का देवरिया जिला इस वर्ष मानसून में सबसे बड़ा झटका झेल रहा है। 25 सितंबर तक यहां केवल 97.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि जिले का सामान्य औसत 759.4 मिमी है। यह आंकड़ा सामान्य से 87 प्रतिशत कम है और देवरिया को इस साल देश का सबसे सूखा जिला बना गया है .
लगातार चौथा साल बारिश की कमी
यह कोई अचानक की घटना नहीं है। देवरिया में लगातार चौथा साल बारिश की कमी दर्ज की गई है। 2023 में 46% और 2024 में 43% कम बारिश हुई थी। देवरिया कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक मांधाता सिंह इसे जलवायु परिवर्तन का सीधा असर मानते हैं और कहते हैं कि उन्होंने जिले में इतनी कम बारिश कभी नहीं देखी .
किसानों की बढ़ती मुश्किलें
बारिश की इस भारी कमी का सीधा असर किसानों पर पड़ा है। धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है और किसान संगठनों ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। हालांकि प्रशासन का तर्क है कि जिले की अधिकांश कृषि भूमि सिंचित है, इसलिए सूखे जैसे हालात नहीं बने हैं .
यूपी के इन 10 जिलों में सबसे कम हुई बारिश
देवरिया अकेला जिला नहीं है जो बारिश की कमी से जूझ रहा है। पूर्वांचल के कई और जिलों में भी स्थिति चिंताजनक है .
जिला (District) | कितनी बारिश हुई (Rainfall) | अनुमान से कितना कम (Deficit %) |
---|---|---|
देवरिया | 97 मिमी | 87% |
कुशीनगर | 261 मिमी | 65% |
पीलीभीत | 313 मिमी | 63% |
नोएडा | 205 मिमी | 55% |
मऊ | 362 मिमी | 54% |
गाजियाबाद | 208 मिमी | 54% |
संत कबीर नगर | 463 मिमी | 53% |
हापुड़ | 362 मिमी | 46% |
गोरखपुर | 684 मिमी | 45% |
जौनपुर | 396 मिमी | 45% |
एटा में बारिश का उफान, 75% अधिक पानी से लबालब हुई नदियां
जहां देवरिया पानी के लिए तरस रहा है, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एटा जिला बारिश के उफान का सामना कर रहा है। यहां 27 सितंबर तक 880 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मौसम विभाग के अनुमान 503.6 मिमी से 75 प्रतिशत अधिक है। इस भारी बारिश ने जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
यूपी के इन 10 जिलों में जमकर बरसे बादल
एटा अकेला जिला नहीं है जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों ने इस साल बारिश के नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
जिला (District) | कितनी बारिश हुई (Rainfall) | अनुमान से ज्यादा (Excess %) |
---|---|---|
एटा | 880 मिमी | 75% |
संभल | 1055 मिमी | 61% |
हमीरपुर | 1065 मिमी | 52% |
महोबा | 872 मिमी | 48% |
हाथरस | 801 मिमी | 46% |
बिजनौर | 1308 मिमी | 45% |
फिरोजाबाद | 839 मिमी | 45% |
मेरठ | 930 मिमी | 44% |
ललितपुर | 1146 मिमी | 43% |
बाँदा | 1083 मिमी | 42% |
क्यों बारिश ने दिखाया ऐसा असमान व्यवहार? मौसम वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस असमान वितरण के पीछे जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख कारण है। देवरिया कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक मांधाता सिंह बताते हैं कि पिछले चार साल से एक प्रवृत्ति देखी जा रही है जहां मानसून पूर्वांचल के जिलों को “बाईपास” कर रहा है .
कुशीनगर जिले के एक मौसम प्रेमी राजकुमार सिंह, जो मानसून की गतिविधियों पर नजर रखते हैं, के अनुसार “हम देख रहे हैं कि मानसून पूर्वांचल के जिलों को छोड़ता हुआ आगे बढ़ जा रहा है” . इससे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच बारिश का यह बड़ा अंतर पैदा हुआ है।
दशहरे तक क्या दिखेगी राहत? हथिया नक्षत्र में बारिश की उम्मीद
मानसून की विदाई के साथ ही अब सभी की निगाहें हथिया नक्षत्र पर टिकी हैं। मौसम विभाग ने पूर्वांचल के जिलों – देवरिया, कुशीनगर, जौनपुर, गोरखपुर, मऊ, संत कबीरनगर और महाराजगंज में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा, मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24-48 घंटों के दौरान देवरिया समेत पूर्वांचल के कई जिलों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है .
यदि इस दौरान अच्छी बारिश हो जाती है तो खरीफ फसलों को कुछ राहत मिल सकती है और जल संकट में भी कमी आ सकती है। हालांकि, लंबे समय तक जारी इस सूखे और अतिवृष्टि के चक्र से निपटने के लिए राज्य को जल प्रबंधन और जल संरक्षण पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
यूपी के मानसून के इस अद्भुत खेल पर आपकी क्या राय है? कमेंट में बताएं और इस रिपोर्ट को शेयर करके दूसरों तक यह जानकारी पहुंचाएं।