नई दिल्ली, 14 सितंबर: निवेशकों की नजरें इस हफ्ते सिर्फ दो तारीखों पर टिकी हैं – 18 और 19 सितंबर। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ये दो दिन शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकते हैं, जहां या तो जबरदस्त तेजी दिखेगी या फिर मंदी का दौर शुरू होगा। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक, इन तारीखों पर बाजार में बड़ा मोमेंटम दिख सकता है।
शेयर बाजार में अगले हफ्ते कई बड़े आर्थिक संकेत और वैश्विक घटनाक्रम बाजार की चाल तय करेंगे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक, घरेलू थोक महंगाई के आंकड़े, वैश्विक बाजारों का रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां निवेशकों के लिए अहम साबित होंगी। आइए विस्तार से समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या-क्या होने वाला है और निवेशकों के लिए कौन-से मौके और चुनौतियां हैं।
18-19 सितंबर: क्यों हैं ये तारीखें इतनी अहम?
वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह का कहना है कि 18 और 19 सितंबर को बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है। टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक, इन दिनों में टाइम क्लस्टर बन रहे हैं, जो बाजार में तेजी या मंदी की बड़ी शुरुआत का संकेत दे सकते हैं। ट्रेडर्स को इन तारीखों पर खास तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है।
- 18 सितंबर: इस दिन सुबह 9:30 बजे, 11:45 बजे, दोपहर 1:50 बजे और 2:35 बजे बाजार में बड़े मूवमेंट की संभावना है।
- 19 सितंबर: इस दिन सुबह 10:20 बजे, 11:15 बजे और दोपहर 2:10 बजे बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
ट्रेडर्स इन समय पर बाजार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें, क्योंकि यहां से नई ट्रेंड की शुरुआत हो सकती है।
वैश्विक संकेत: फेड की बैठक और यूएस मार्केट का रुख
इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) की दो दिनों की मौद्रिक नीति बैठक है, जिसके नतीजे 17 सितंबर को आएंगे। ज्यादातर विशेषज्ञों को उम्मीद है कि फेड ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर सकता है । अगर ऐसा होता है, तो इसका सकारात्मक असर वैश्विक बाजारों पर पड़ेगा और भारतीय बाजारों में भी तेजी आ सकती है। हालांकि, अगर फेड ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया या फिर कोई नरम रुख अपनाया, तो इससे निराशा भी फैल सकती है।
अमेरिकी बाजारों का रुख भी भारतीय बाजारों को प्रभावित करेगा। अगर अमेरिकी बाजारों में तेजी बनी रहती है, तो इससे भारतीय बाजारों को भी सपोर्ट मिलेगा।
घरेलू आंकड़े: WPI महंगाई दर पर नजर
15 सितंबर को अगस्त महीने के थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े जारी होंगे। जुलाई में WPI -0.58% पर आ गई थी, जो पिछले दो साल का सबसे निचला स्तर है। हालांकि, रिटेल महंगाई (CPI) बढ़कर 2.07% हो गई है । WPI के आंकड़े बाजार के लिए अहम साबित होंगे, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था में मांग और आपूर्ति की स्थिति का पता चलता है। अगर WPI निचले स्तर पर बनी रहती है, तो इससे RBI को ब्याज दरें कम रखने में मदद मिल सकती है, जो बाजार के लिए अच्छी खबर होगी।
FII/DII एक्शन: विदेशी निवेशकों का रुख बदला?
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) का रवैया बाजार के लिए अहम है। शुक्रवार को FIIs ने 129.6 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो एक सकारात्मक संकेत है । हालांकि, 2025 में अब तक FIIs ने 1,41,417 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं और सिर्फ अगस्त में ही 10,782 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली की थी। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार खरीदारी कर रहे हैं और उन्होंने शुक्रवार को 1,556 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की। FIIs की खरीदारी अगर जारी रहती है, तो बाजार में तेजी का रुख और मजबूत हो सकता है।
टेक्निकल नजरिया: सपोर्ट और रेजिस्टेंस के ये हैं अहम स्तर
टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक, निफ्टी अब अपने पिछले स्विंग हाई 25,150 के करीब पहुंच रहा है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-रिसर्च अजित मिश्रा का कहना है कि इंडेक्स 25,250-25,500 के जोन में जाने से पहले कुछ समेटने (कंसोलिडेशन) का दौर दिखा सकता है
- सपोर्ट लेवल (खरीदारी का मौका): 25,080 | 25,035 | 24,980 | 24,850 | 24,806 | 24,670 | 24,540
- रेजिस्टेंस लेवल (बिकवाली का दबाव): 25,145 | 25,322 | 25,434 | 25,566
अगर निफ्टी सपोर्ट लेवल को तोड़ता है, तो नीचे की ओर जाने का रास्ता बन सकता है। वहीं, अगर रेजिस्टेंस लेवल को तोड़ता है, तो नई तेजी की शुरुआत हो सकती है।
ट्रेडर्स के लिए स्ट्रैटजी: क्या करें, क्या न करें?
मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें, तो ट्रेडर्स को इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए:
- 18-19 सितंबर पर फोकस: इन तारीखों पर बाजार में बड़े मूवमेंट की संभावना है, इसलिए ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए।
- सपोर्ट-रेजिस्टेंस का इस्तेमाल: निफ्टी के बताए गए लेवल्स पर नजर रखें। सपोर्ट लेवल पर खरीदारी और रेजिस्टेंस लेवल पर बिकवाली के मौके मिल सकते हैं।
- सेक्टरल चयन: मेटल्स, ऑटो और फार्मा सेक्टर में मजबूती बनी हुई है, जबकि डिफेंस और रेलवे जैसे सेक्टर्स में सिलेक्टिव अप्रोच अपनाएं।
- रिस्क मैनेजमेंट: बाजार में कभी भी उतार-चढ़ाव तेज हो सकता है, इसलिए स्टॉप-लॉस का इस्तेमाल जरूर करें और पोजीशन साइज को कंट्रोल में रखें।
निवेशकों के लिए बड़ा सवाल: क्या इस हफ्ते बन सकता है नया रिकॉर्ड?
पिछले हफ्ते सेंसेक्स 355 अंक चढ़कर 81,904 के स्तर पर और निफ्टी 108 अंक की तेजी के साथ 25,114 पर बंद हुआ था । फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, फार्मा, ऑटो और आईटी शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। अगर इस हफ्ते वैश्विक और घरेलू संकेत अनुकूल रहते हैं, तो निफ्टी 25,500 के स्तर को छू सकता है। हालांकि, निवेशकों को लगातार FIIs के रुख, फेड के फैसले और महंगाई के आंकड़ों पर नजर बनाए रखनी होगी।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सिर्फ सूचना और शिक्षा के उद्देश्य से है। किसी भी निवेश या ट्रेडिंग के फैसले से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। बाजार जोखिमों के अधीन है, पास्ट परफॉर्मेंस भविष्य के नतीजों का संकेत नहीं है।