लखनऊ: राजधानी के गौतमपल्ली स्थित समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यालय के बाहर एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश कर अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। युवक ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली, जिससे वह 80 फीसदी तक झुलस गया। घटना का कारण 6 लाख रुपये का वित्तीय विवाद बताया जा रहा है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उसे पैसे वापसी की मांग पर लगातार धमकाया जा रहा था और पुलिस ने उसकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
🔥 क्या है पूरा मामला? | सपा कार्यालय के बाहर आत्मदाह
पीड़ित युवक की पहचान अलीगढ़ के रहने वाले 48 वर्षीय योगेंद्र उर्फ बॉबी के रूप में हुई है। बुधवार दोपहर करीब 3 बजे वह अपने भाई गुड्डू और परिचित सबा परवीन के साथ सपा कार्यालय पहुंचा था। सबा और अन्य लोग अंदर अखिलेश यादव से मिलने गए, जबकि योगेंद्र बाहर ही रुका रहा। इसी दौरान उसने अपने साथ लाई पेट्रोल की बोतल से खुद पर ज्वलनशील द्रव्य छिड़का और आग लगा ली।
“मोहल्ले के दानिश, वसीम, नाजिम और मास्टर ने मुझसे 6 लाख रुपये उधार लिए थे। पैसे मांगने पर वे झगड़ा करते हैं और गालियां देते हैं।” – योगेंद्र (पीड़ित)
🚑 अस्पताल पहुंचा, हालत गंभीर | सपा कार्यालय आत्मदाह
मौके पर मौजूद लोगों और पुलिस ने कंबल ओढ़ाकर योगेंद्र की जान बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह 80% जल चुका था。 उसे ई-रिक्शा से सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई। सिविल अस्पताल के CMS डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि योगेंद्र का लगभग पूरा शरीर झुलस गया है और सिर्फ सीने व चेहरे का कुछ हिस्सा ही बचा है। जरूरत पड़ने पर उसे KGMU रेफर किया जाएगा।
👮 पुलिस नहीं ले रही थी कोई एक्शन?
योगेंद्र ने अस्पताल में बताया कि उसने स्थानीय पुलिस से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई。 उसका कहना है कि दबंग उसे लगातार परेशान कर रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे। हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
🏛️ अखिलेश यादव ने उड़ाए सरकार पर तंज | सपा कार्यालय के बाहर आत्मदाह
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना का इस्तेमाल योगी सरकार पर हमला बोलने के लिए किया। उन्होंने कहा, “निर्मम भाजपा सरकार से हताश होकर एक युवा ने आत्मदाह के द्वारा सरकार को जगाने की जो कोशिश की है, वो बेहद दर्दनाक है। भाजपा सरकार घायल युवक को अच्छे से अच्छा इलाज सुनिश्चित करे और युवक को न्याय दे। नाइंसाफी, नाउम्मीदी और निराशा भाजपा सरकार की पहचान बन गई है।”
📍 पूर्व में भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब लखनऊ में किसी राजनीतिक कार्यालय के बाहर आत्मदाह की कोशिश की गई हो। मार्च 2025 में एक सपा कार्यकर्ता ने विधान भवन के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी。 इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक सपा समर्थक ने बीजेपी कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था。
⚖️ क्या है आगे की कार्रवाई?
पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है, लेकिन योगेंद्र के बयान के आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। सपा की ओर से भी मांग की जा रही है कि पीड़ित को तत्काल न्याय दिलाया जाए और उसका इलाज सरकारी खर्चे पर कराया जाए।
नोट: यह खबर पीड़ित के बयान और आधिकारिक सूत्रों पर आधारित है। पुलिस जांच जारी है और आगे की कार्रवाई जांच के नतीजों पर निर्भर करेगी।