वाराणसी: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य विवाद के बीच अब महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। ‘लड़कियां मुंह मारती हैं’ जैसे नारी विरोधी बयान को लेकर वाराणसी में महिलाओं ने मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने अनिरुद्धाचार्य के पुतले को चप्पलों से पीटा, जमीन पर पटका और फिर लातों से कुचल डाला। पुलिस के पुतला छीनने पर महिलाओं से नोकझोंक भी हुई और अंतत: पुलिस को हाथ जोड़कर मामला शांत कराना पड़ा।
क्या है पूरा मामला? | अनिरुद्धाचार्य विवाद
यह विवाद अनिरुद्धाचार्य के एक पुराने वीडियो से शुरू हुआ, जो करीब एक महीने पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में वह लिव-इन रिलेशनशिप पर बात करते हुए कहते नजर आए, “25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है… वो 25 साल की जब तक आती है तो पूरी जवान हो कर आएगी। स्वाभाविक है कि उसकी जवानी कहीं न कहीं फिसल जाएगी।” हालांकि, यह वीडियो दो साल पुराना बताया जा रहा है।
पुतले को चप्पलों से पीटकर किया प्रदर्शन | अनिरुद्धाचार्य विवाद
शंकर सेना महिला विंग की अध्यक्ष प्रियंका द्विवेदी के नेतृत्व में करीब 200 महिलाओं ने करौली आश्रम से जुलूस निकाला। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर ‘अनिरुद्धाचार्य माफी मांगो’ जैसे नारे लिखे थे। महिलाएं कलेक्ट्रेट जाकर ज्ञापन देना चाहती थीं, लेकिन दीनदयाल संकुल गेट पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद ही महिलाओं का गुस्सा फूटा और उन्होंने अनिरुद्धाचार्य के पुतले को चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया।
पुलिस से हुई नोकझोंक
जैसे ही महिलाओं ने पुतला जलाने की कोशिश की, पुलिस ने उनसे जबरन पुतला छीन लिया। इस पर महिलाएं और भड़क गईं और उनकी पुलिस से नोकझोंक होने लगी। आखिरकार पुलिसकर्मियों को हाथ जोड़कर महिलाओं से शांत रहने की गुजारिश करनी पड़ी। इसके बाद महिलाओं ने पुतले को सड़क पर फेंक दिया और उसे पैरों तले कुचल डाला।
‘नारी समाज का अपमान’, महिलाओं ने लगाए ये आरोप
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने अनिरुद्धाचार्य पर नारी विरोधी बयान देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कथावाचक लगातार महिलाओं और बच्चियों के कपड़ों और निजी जीवन पर अशोभनीय टिप्पणियां करते हैं, जिससे पूरा नारी समाज आहत और अपमानित महसूस कर रहा है। महिलाओं ने यह भी कहा कि अनिरुद्धाचार्य के बयानों से बच्चियों और महिलाओं का अपने ही परिवार के बीच विश्वास का संकट पैदा हो गया है।
बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले बयान का भी जिक्र
महिला प्रदर्शनकारियों ने अनिरुद्धाचार्य के एक और बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने बाल विवाह को बढ़ावा देते हुए कहा था कि बच्चियों का विवाह 16 साल की उम्र में ही कर देना चाहिए। उन्होंने इन बयानों को अमानवीय, घृणित और संविधान विरोधी बताया। साथ ही, प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। महिलाओं ने मांग की कि अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए।
अनिरुद्धाचार्य ने मांगी थी माफी
इस विवाद के बाद अनिरुद्धाचार्य ने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि उनकी बात को आधा-अधूरा सुनकर लोग नाराज हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कुछ लड़कियों के बारे में कहा था, पूरी महिला जाति के बारे में नहीं। साथ ही यह भी कहा कि अगर किसी का दिल दुखा हो तो वह क्षमा मांगते हैं।
महिला आयोग भी हो चुका है एक्टिव
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बविता चौहान ने भी अनिरुद्धाचार्य के बयानों की आलोचना करते हुए कहा था कि या तो उनमें बुद्धि नहीं है या फिर कम उम्र में मिली शोहरत को वह संभाल नहीं पा रहे हैं। आयोग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का ऐलान किया था।
महिला प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो वे दूसरे इलाकों में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगी।