नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोधी Gen-Z युवाओं के प्रदर्शन के दौरान हुई फायरिंग में 16 लोगों की मौत हो गई है। 100 से अधिक युवा घायल हुए हैं। नेपाल के इतिहास में यह पहला मौका है जब प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसपैठ की है।
प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट पर कब्जा किया, कर्फ्यू लगा
सोमवार सुबह 12,000 से अधिक युवा प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए। प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया। इसके बाद संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास के आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। काठमांडू प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन के खिलाफ उबला युवाओं का गुस्सा
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला किया था। इन प्लेटफॉर्मों ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। मंत्रालय ने 28 अगस्त से सात दिन की समय सीमा दी थी, जो 2 सितंबर को खत्म हो गई। इस फैसले के खिलाफ युवाओं में गुस्सा फूट पड़ा।
अस्पतालों में मौत के आंकड़े
· ट्रॉमा सेंटर 🏥: 6 मरीजों की मौत, 10 की हालत नाजुक, 20 से अधिक का इलाज जारी
· सिविल अस्पताल 🏥: 2 लोगों की मौत
· केएमसी और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल 🏥: 1-1 शख्स की मौत
सेलिब्रिटीज ने युवाओं को दिखाया समर्थन
नेपाल की कई मशहूर हस्तियों ने प्रदर्शनकारी युवाओं का समर्थन किया है। अभिनेता मदन कृष्ण श्रेष्ठ और हरि बंश आचार्य ने फेसबुक पर युवाओं की तारीफ की। आचार्य ने कहा, “युवा सिर्फ सोचते नहीं, सवाल पूछते हैं। यह क्यों टूटी? कैसे? कौन जिम्मेदार? यह एक उदाहरण है। युवा सिस्टम के खिलाफ नहीं, बल्कि नेताओं की गलतियों के खिलाफ हैं।”
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक
भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen-Z के विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई। यह बैठक बलुवाटार स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई। सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हैं।