बाजार की अनिश्चितता में निवेश: बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विशेषज्ञों ने बताई जीत की रणनीति, इन 5 सुरक्षित विकल्पों में करें निवेश!
नई दिल्ली, 06 सितम्बर: वैश्विक तनाव, युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता के बीच शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों को निराश किया है। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-ईरान तनाव, भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है । ऐसे में अधिकांश निवेशकों का पोर्टफोलियो लाल निशान में है और वे भविष्य की रणनीति को लेकर चिंतित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की चाल समझकर और सही समय पर सही जगह निवेश करना ही आगे का रास्ता है ।
- क्या बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान भी मुनाफा कमाया जा सकता है?
हाँ, बिल्कुल! उतार-चढ़ाव का मतलब सिर्फ नुकसान नहीं होता। अस्थिर बाजार में अच्छे स्टॉक्स या फंड्स कम कीमत पर मिल सकते हैं। व्यवस्थित तरीके से निवेश जारी रखने से लंबे समय में औसत लागत घटती है और बेहतर रिटर्न का मौका मिलता है। शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव परेशान कर सकता है, लेकिन सोच-समझकर की गई एंट्री और धैर्य लंबे समय में निवेशकों को फायदा पहुंचाती है ।
- बाजार की अनिश्चितता के दौरान कहाँ निवेश करना सुरक्षित है?
विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित विकल्प सुरक्षित माने जाते हैं:
- सोना (Gold): अस्थिरता में भी अपनी वैल्यू बनाए रखता है ।
- बॉन्ड्स या सरकारी प्रतिभूतियाँ (Bonds/Govt Securities): स्थिर ब्याज और कम जोखिम के कारण भरोसेमंद ।
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): गारंटीड रिटर्न देने वाला सुरक्षित विकल्प, हालांकि ग्रोथ सीमित रहती है ।
- डेट म्यूचुअल फंड्स (Debt Mutual Funds): एफडी की तुलना में अधिक लिक्विड और टैक्स-फ्रेंडली ।
- इंडेक्स फंड्स (Index Funds): कम जोखिम वाले विकल्प जो बाजार के साथ बढ़ते हैं ।
- क्या पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है?
हाँ, बिल्कुल! उतार-चढ़ाव वाले समय में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन सबसे असरदार रणनीति है। इससे जोखिम कम होता है और अलग-अलग एसेट क्लासेस में निवेश करने से नुकसान की भरपाई हो सकती है । डाइवर्सिफिकेशन के फायदे:
- जोखिम का वितरण
- नुकसान की भरपाई
- स्थिर रिटर्न की संभावना ।
- घाटे वाले पोर्टफोलियो को तुरंत रिडीम करना चाहिए या धैर्य रखना चाहिए?
अधिकांश निवेशक घाटा देखकर तुरंत पैसे निकाल लेते हैं, लेकिन यह हमेशा सही नहीं होता। शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स का स्वभाव ही उतार-चढ़ाव वाला है। यदि आपका लक्ष्य लंबी अवधि का है, तो धैर्य रखना अधिक फायदेमंद है। समय के साथ कंपनियों की फंडामेंटल वैल्यू और बाजार की रिकवरी से घाटा धीरे-धीरे मुनाफे में बदल सकता है। हाँ, अगर किसी स्कीम या स्टॉक की फंडामेंटल वैल्यू कमजोर हो गई है या उसमें लगातार गिरावट की संभावना है, तभी रिडेम्प्शन पर विचार करना चाहिए ।
- निवेशकों के लिए विशेषज्ञ सलाह
- SIP जारी रखें: लंबी अवधि में SIP चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा देती है और औसत लागत को कम करती है ।
- वैल्यू इन्वेस्टिंग पर फोकस करें: कम कीमत वाले अच्छे शेयरों में निवेश करें जो लंबे समय में मूल्यवान हो सकते हैं ।
- भावनाओं से बचें: डर या लालच में आकर जल्दबाजी में निर्णय न लें ।
- वित्तीय सलाहकार से सलाह लें: निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें ।
धैर्य और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है
बाजार में उतार-चढ़ाव प्राकृतिक हैं और इतिहास गवाह है कि बाजार हमेशा रिकवर करता है। वर्तमान अनिश्चितता को अवसर के रूप में देखें और सही रणनीति के साथ आगे बढ़ें। धैर्य और अनुशासन हर निवेशक की असली ताकत है । निवेश का फल समय और सही रणनीति से ही मिलता है ।
नोट: यह जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करें।