श्नाइडर इलेक्ट्रिक भारत में टेमासेक की 35% हिस्सेदारी खरीदने की राह पर, शेयर में 1.80% उछाल
नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025: फ्रांसीसी औद्योगिक प्रौद्योगिकी कंपनी श्नाइडर इलेक्ट्रिक अपनी भारत इकाई, श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, में सिंगापुर की निवेश फर्म टेमासेक होल्डिंग्स की शेष 35% हिस्सेदारी को $1 बिलियन में खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। ब्लूमबर्ग न्यूज की 16 जुलाई 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे से भारत इकाई का मूल्यांकन $5 बिलियन (ऋण सहित) होने की संभावना है। इस खबर के बीच, श्नाइडर इलेक्ट्रिक के शेयर में मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में उल्लेखनीय हलचल देखी गई, जहां यह 1.80% की तेजी के साथ 886 रुपये पर बंद हुआ।
श्नाइडर इलेक्ट्रिक के लिए इस सौदे का महत्व!
भारत में औद्योगिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़ती मांग के बीच यह सौदा श्नाइडर इलेक्ट्रिक के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भारत सरकार की मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियों ने इस क्षेत्र में निवेश के अवसरों को बढ़ाया है। श्नाइडर इलेक्ट्रिक, जो ऊर्जा प्रबंधन, ऑटोमेशन, और स्मार्ट ग्रिड समाधानों में वैश्विक अग्रणी है, इस सौदे के जरिए भारत में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
2018 में, भारतीय बुनियादी ढांचा कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने अपनी इलेक्ट्रिकल और ऑटोमेशन व्यवसाय की हिस्सेदारी बेची थी, जिसके बाद श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने भारत इकाई में 65% हिस्सेदारी हासिल की थी। शेष 35% हिस्सेदारी टेमासेक होल्डिंग्स के पास थी। इस सौदे के पूरा होने पर श्नाइडर इलेक्ट्रिक भारत इकाई पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लेगी, जिससे कंपनी को अपनी रणनीतियों को और प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।
श्नाइडर इलेक्ट्रिक के शेयर में कल हुआ था जोरदार उतार-चढ़ाव
16 जुलाई 2025 को श्नाइडर इलेक्ट्रिक का शेयर भारतीय शेयर बाजार में 15.70 रुपये (1.80%) की बढ़त के साथ 886 रुपये पर बंद हुआ। दिन की शुरुआत में शेयर ने कमजोरी दिखाई और 855 रुपये का एकदिवसीय निचला स्तर बनाया। हालांकि, बाजार खुलने के कुछ समय बाद शेयर ने शानदार रिकवरी की और 899 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ। फिर भी, यह 899 रुपये के स्तर पर टिक नहीं सका और अंततः 886 रुपये पर बंद हुआ। यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के बीच सौदे की खबरों और बाजार की गतिशीलता को दर्शाता है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस सौदे की खबर ने निवेशकों का ध्यान श्नाइडर इलेक्ट्रिक की ओर खींचा है। शेयर की हालिया तेजी और इसकी मजबूत मांग इस बात का संकेत है कि बाजार इस सौदे को कंपनी के लिए सकारात्मक मान रहा है।
भारत में श्नाइडर इलेक्ट्रिक की स्थिति
श्नाइडर इलेक्ट्रिक भारत में ऊर्जा प्रबंधन, औद्योगिक स्वचालन, और डिजिटल समाधानों के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है। कंपनी स्मार्ट ग्रिड, नवीकरणीय ऊर्जा, और डेटा सेंटर समाधानों जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। भारत में बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिक विकास, और डिजिटल परिवर्तन ने श्नाइडर इलेक्ट्रिक की सेवाओं और उत्पादों की मांग को बढ़ाया है। इस सौदे के जरिए कंपनी भारत में अपने परिचालन को और विस्तार दे सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां डिजिटल और टिकाऊ समाधानों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
टेमासेक के लिए अवसर
टेमासेक होल्डिंग्स के लिए यह सौदा भारत में अपने निवेश से मुनाफा कमाने का एक सुनहरा अवसर हो सकता है। 2018 में हिस्सेदारी हासिल करने के बाद, टेमासेक ने भारत के औद्योगिक क्षेत्र में श्नाइडर इलेक्ट्रिक के विकास से लाभ उठाया है। इस सौदे के तहत $1 बिलियन की राशि टेमासेक को अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न प्रदान कर सकती है। हालांकि, टेमासेक और श्नाइडर इलेक्ट्रिक दोनों ने इस सौदे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
बाजार की नजर भविष्य पर
यह सौदा अभी बातचीत के चरण में है, और इसके पूरा होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि यह श्नाइडर इलेक्ट्रिक के लिए भारत में अपनी उपस्थिति को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। $5 बिलियन के मूल्यांकन के साथ, यह सौदा भारत के औद्योगिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विदेशी निवेश के बढ़ते आकर्षण को भी दर्शाता है।
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निवेशकों के लिए, श्नाइडर इलेक्ट्रिक का शेयर इस सौदे की प्रगति और बाजार की स्थिति के आधार पर और हलचल दिखा सकता है। शेयर की हालिया गतिविधियां और सौदे की खबरें इसे बाजार में चर्चा का विषय बना रही हैं।
आगे की राह
जैसे-जैसे इस सौदे पर और अपडेट सामने आएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह श्नाइडर इलेक्ट्रिक के लिए भारत में नए अवसर कैसे खोलेगा। कंपनी की रणनीति, भारत में बढ़ते प्रौद्योगिकी बाजार, और शेयर बाजार की गतिशीलता इस सौदे के प्रभाव को और स्पष्ट करेंगे। निवेशक और उद्योग विशेषज्ञ इस सौदे पर करीबी नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यह भारत के औद्योगिक क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है।