आज होम मिनिस्ट्री और चुनाव आयोग ने EPIC and Aadhaar linking की घोषणा की है। मालूम हो, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने EPIC को लेकर सरकार व चुनाव आयोग पर पिछले दिनों जोरदार प्रहार किया था। माना जा रहा है कि, इसी के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने बड़ा पैसला लेते हुए आज इस पर अंतिम मोहर लगा दी।
जानिए, EPIC and Aadhaar linking घोषणा के बाद क्या होगा बदलाव!
आज, 18 मार्च 2025 को, भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जो वोटर कार्ड (Electors Photo Identity Card – EPIC) और Aadhaar कार्ड को लिंक करने की दिशा में एक नया अध्याय है।
नोट – “EPIC का पूरा नाम Electors Photo Identity Card है। यह हर वोटर आईडी कार्ड का अलग- अलग होता है। ऐसे में हम कह सकते है कि आधार कार्ड के यूनिक नंबर की तरह ही हर-एक वोटर कार्ड का अपना एक यूनिक EPIC होता है।”
यह कदम ऐसे वक्त में आया है जब विभिन्न विपक्षी दलों, ने वोटर सूची में कथित हेरफेर और डुप्लिकेट EPIC नंबरों के मुद्दे पर चुनाव आयोग व सरकार को जबरजस्त तरीके से उठाया। हालांकि, इस घोषणा के पीछे का मकसद मतदाता सूची को साफ-सुथरा और विश्वसनीय बनाना है, लेकिन साथ ही यह कई अहम सवाल भी खड़े कर रहा है। आइए, इस कदम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
घोषणा की पृष्ठभूमि
हाल के दिनों में, विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कुछ ऐसे साक्ष्य मीडिया के सामने पेश किया। जिससे यह साफ हो गया कि एक ही EPIC नंबर से कई वोटर आईडी कार्ड बने हुए है। हालांकि चुनाव आयोग ने भी इसे माना लेकिन कोई प्रभावी कदम नही उठाया।
मालूम हो,कांग्रेस के अलावा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति को अलग-अलग जगहों पर डुप्लिकेट वोटर आईडी जारी की गई हैं। इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी संसद में चर्चा की मांग की।
इन आरोपों के जवाब में, चुनाव आयोग ने 18 मार्च 2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, और UIDAI के CEO शामिल हुए। इस बैठक में EPIC और Aadhaar को लिंक करने की प्रक्रिया पर चर्चा हुई और तकनीकी परामर्श शुरू करने का फैसला लिया गया।
जानिए, ईपिक और आधार लिंकिंग (EPIC and Aadhaar linking) का कानूनी आधार
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह लिंकिंग भारतीय संविधान के Article 326 और Representation of the People Act, 1950 की धाराओं 23(4), 23(5), और 23(6) के तहत की जाएगी। आयोग का कहना है कि, सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले (WP(civil) No. 177/2023) का भी पालन होगा।
ECI ने आगे कहा कि, आधार कार्ड केवल पहचान स्थापित करता है, जबकि मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकता के आधार पर दिया जाता है। इसलिए, यह प्रक्रिया स्वैच्छिक होगी, और किसी भी मतदाता का नाम Aadhaar न देने की वजह से हटाया नहीं जाएगा।
प्रक्रिया कैसे होगी?
UIDAI और ECI के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द शुरू होने वाली परामर्श प्रक्रिया के बाद, मतदाताओं को अपनी EPIC को Aadhaar से जोड़ने के लिए कई विकल्प हैं:
- ऑनलाइन: Voter Helpline ऐप या NVSP पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) के जरिए Form 6B भरकर।
- ऑफलाइन: अपने Booth Level Officer (BLO) को Aadhaar और EPIC की सेल्फ-अटेस्टेड कॉपियां सौंपकर।
- एसएमएस/कॉल: 1950 नंबर पर कॉल करके या 166/51969 पर SMS के जरिए।
बताते चले, यह प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त होगी, और इसके लिए कोई अंतिम तारीख भी तय नहीं की गई है।
फायदे और संभावित प्रभाव
1. डुप्लिकेट हटाना: Aadhaar की बायोमेट्रिक सत्यापन से डुप्लिकेट वोटर कार्ड्स की पहचान और हटाने में मदद मिलेगी।
2. पारदर्शिता: मतदाता सूची की सटीकता बढ़ेगी, जिससे चुनावों की विश्वसनीयता मजबूत होगी।
3. माइग्रेंट वोटर्स: प्रवासी मतदाताओं के लिए वोटिंग आसान हो सकती है, अगर उनका पता Aadhaar में अपडेट हो।
4. चुनौतियां: निजता (privacy) को लेकर चिंताएं हैं, क्योंकि Aadhaar डेटा का दुरुपयोग का खतरा हो सकता है। साथ ही, जिनके पास Aadhaar नहीं है, उन्हें परेशानी हो सकती है।
5. तकनीकी सीमाएं: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और जागरूकता की कमी इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
जाने, EPIC विवाद और जनता की राय
पिछले प्रयासों, जैसे 2015 में National Electoral Rolls Purification and Authentication Programme (NERPAP), में 3 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने Aadhaar लिंकिंग पर रोक लगा दी थी।
अब फिर से इस कदम पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोग इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हैं, जबकि अन्य इसे धोखाधड़ी रोकने का जरूरी कदम। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ी है, जहां कुछ इसे पारदर्शिता का जरिया बता रहे हैं, तो कुछ इसे सरकारी निगरानी का हिस्सा।
जनता की राय बेहद अहम।
EPIC और Aadhaar लिंकिंग (EPIC and Aadhaar linking) की घोषणा तो सरकार और भारतीय चुनाव आयोग ने कर दी है। लेकिन जनता की राय अगर निजता के अधिकार पर हमला है? तो ऐसे में सरकार और इलेक्शन कमीशन को जनता को केंद्र में रखकर यह फैसला लेना चाहिए था। खैर आज घोषित “EPIC and Aadhaar linking” पर अपनी राय आप कमेंट में बॉक्स में जरूर लिखे।
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क्या हालिया विवाद के बाद दबाब में उठाया गया कदम है?
- चुनाव आयोग का मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड जोड़ने (EPIC and Aadhaar linking) का यह कदम वोटर कार्ड विवाद के बाद एक महत्वपूर्ण सुधार की कोशिश है।
- अगर EPIC and Aadhaar linking की यह प्रक्रिया सही तरीके से लागू होती है, तो यह डुप्लिकेट वोटर हटाने और मतदाता सत्यापन में आगे चलकर मदद कर सकती है।
- लेकिन इसके लिए निजता की सुरक्षा और हर नागरिक तक पहुंच सुनिश्चित करना जरूरी होगा। हमारी हमारी वेबसाइट पर इस विषय पर नियमित अपडेट्स के लिए जुड़े रहे।