कानपुर, उत्तर प्रदेश 24 जुलाई: कानपुर की गलियों में एक बार फिर खून की कहानी लिखी गई। अरबाज खान मर्डर केस ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया।
कानपुर अरबाज खान मर्डर केस: खून से सनी रात का खौफनाक सच
कानपुर के जाजमऊ में 22 जुलाई 2025 की सुबह एक ऐसी खबर आई, जिसने हर किसी को सकते में डाल दिया। गंगा किनारे ऊँचा टीला क्षेत्र में 20 साल के अरबाज खान का शव पड़ा मिला। गला घोंटा गया, धारदार हथियार से रेत दिया गया, और हत्यारों ने खून से सनी लाश के साथ सेल्फी तक खींची। इस क्रूर हत्याकांड के पीछे पुरानी रंजिश और छेड़खानी का बदला सामने आया। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर दो हत्यारोपियों—शोएब और समीर—को गिरफ्तार कर लिया। आइए, इस मामले की तह तक जाते हैं और जानते हैं कि आखिर ये खौफनाक कहानी शुरू कैसे हुई।
क्या हुआ था उस रात?
22 जुलाई की रात करीब साढ़े बारह बजे अरबाज खान अपने घर से निकला। परिवार वालों के मुताबिक, वह फोन पर किसी से बात कर रहा था। शायद उसी कॉल ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया। सुबह 6:30 बजे जाजमऊ थाने को सूचना मिली कि गंगा किनारे एक युवक का शव पड़ा है। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि अरबाज का गला एल्यूमिनियम की तार से कसा गया था और धारदार हथियार से उसकी गर्दन रेत दी गई थी।
डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि शव के पास कुछ अहम साक्ष्य मिले, जिनमें खून से सना चाकू और एक मोबाइल फोन शामिल था। जांच में सामने आया कि हत्यारों ने न सिर्फ हत्या को अंजाम दिया, बल्कि लाश के साथ सेल्फी भी खींची। ये तस्वीरें मोबाइल से बरामद हुईं, जो इस केस की क्रूरता को और गहरा करती हैं।
कौन थे अरबाज खान?
अरबाज खान, उम्र 20 साल, जाजमऊ के बाजपेईनगर ऊँचा टीला का रहने वाला था। वह पेशे से लोडर चालक था और अपने परिवार—माता-पिता, दो छोटे भाइयों और तीन बहनों—के साथ रहता था। अरबाज का नाम कुछ समय पहले एक वायरल वीडियो की वजह से सुर्खियों में आया था। उसने जाजमऊ गंगापुल से गंगा में छलांग लगाने का वीडियो बनाया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। रविवार, 20 जुलाई 2025 को ही वह जेल से छूटकर बाहर आया था। लेकिन किसे पता था कि जेल से रिहाई के सिर्फ दो दिन बाद उसकी जिंदगी का आखिरी चैप्टर लिख दिया जाएगा।
हत्यारों की कहानी: रंजिश और बदले की आग
पुलिस की तफ्तीश में दो नाम सामने आए—शोएब और समीर। दोनों जाजमऊ के ही रहने वाले हैं और अरबाज के साथ उनकी पुरानी दुश्मनी थी। डीसीपी पूर्वी के मुताबिक, शोएब का अरबाज के साथ दो साल पुराना झगड़ा था। यह विवाद एक जमीन के टुकड़े और मुकदमेबाजी को लेकर शुरू हुआ था, जो समय के साथ रंजिश में बदल गया। दूसरी ओर, समीर का गुस्सा अरबाज की ओर इसलिए था, क्योंकि उसने समीर की गर्लफ्रेंड के साथ छेड़खानी की थी। इस छेड़खानी का बदला लेने के लिए समीर ने शोएब के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
पुलिस पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने अरबाज को फोन कर देर रात बुलाया। सुनसान जगह पर ले जाकर पहले उसका गला घोंटा, फिर चाकू से वार किया। लेकिन जो बात इस केस को और सनसनीखेज बनाती है, वह है हत्यारों का लाश के साथ सेल्फी लेना। पुलिस ने मोबाइल से बरामद तस्वीरों को सबूत के तौर पर पेश किया है, जो इस हत्याकांड की बर्बरता को दर्शाता है।
पुलिस की तेज कार्रवाई: 24 घंटे में खुलासा
कानपुर पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए 24 घंटे के भीतर दोनों हत्यारोपियों को धर दबोचा। जाजमऊ थाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए, जिसमें हत्या में इस्तेमाल चाकू, एल्यूमिनियम की तार और आरोपियों के कपड़े शामिल हैं। डीसीपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज ने जांच को तेज करने में अहम भूमिका निभाई।
दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस हत्याकांड में कोई तीसरा शख्स शामिल तो नहीं था। साथ ही, यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि सेल्फी लेने का मकसद क्या था और क्या इसे किसी को भेजा गया था।
कानपुर में बढ़ता अपराध: क्या कहते हैं आंकड़े?
कानपुर में हाल के महीनों में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। 2025 में अब तक दर्जनों हत्याकांड, छेड़खानी और रंजिश से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, कानपुर में 2024 की तुलना में 2025 में हिंसक अपराधों में 12% की वृद्धि हुई है। खासकर जाजमऊ, चकेरी और घाटमपुर जैसे इलाकों में रंजिश और प्रेम प्रसंग से जुड़े अपराध बढ़ रहे हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि जाजमऊ जैसे क्षेत्रों में पुरानी रंजिश और आपसी विवाद अक्सर हिंसक रूप ले लेते हैं। अरबाज खान मर्डर केस इसका ताजा उदाहरण है। समाजशास्त्रियों का मानना है कि बेरोजगारी, शिक्षा का अभाव और सामाजिक तनाव ऐसे अपराधों को और हवा दे रहे हैं।
परिवार का दर्द: एक मां की चीख
अरबाज के परिवार में मातम पसरा है। उसकी मां मिनाज का कहना है, “मेरा बेटा तो बस काम से घर आया था। उसे किसने बुलाया, क्यों मारा, हमें कुछ नहीं पता।” अरबाज के भाई सलमान ने बताया कि रात को फोन पर बात करने की आवाज सुनने के बाद वह अचानक घर से निकल गया। परिवार अब इंसाफ की मांग कर रहा है और चाहता है कि हत्यारों को सख्त से सख्त सजा मिले।
सेल्फी का सनसनीखेज कोण: क्या है हत्यारों की मानसिकता?
इस हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाली बात है लाश के साथ सेल्फी। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसी हरकतें अपराधियों में सनसनी फैलाने या डर पैदा करने की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। कुछ मामलों में अपराधी अपने कृत्य को “उपलब्धि” के तौर पर देखते हैं और उसे सोशल मीडिया या अपने गिरोह में शेयर करने की कोशिश करते हैं। हालांकि, इस मामले में पुलिस का कहना है कि सेल्फी को किसी के साथ शेयर करने के सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।
पुलिस की चुनौतियां और भविष्य की कार्रवाई
कानपुर पुलिस के सामने अब कई सवाल हैं। क्या यह हत्याकांड सिर्फ रंजिश और छेड़खानी तक सीमित था, या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? क्या शोएब और समीर ने अकेले इस वारदात को अंजाम दिया, या कोई तीसरा शख्स भी शामिल था? पुलिस इन सवालों के जवाब तलाश रही है। साथ ही, स्थानीय लोगों में बढ़ते अपराध को लेकर गुस्सा भी देखा जा रहा है। कई लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, खासकर तब जब अरबाज हाल ही में जेल से छूटा था।
क्या है इस हत्याकांड का सबक?
अरबाज खान मर्डर केस सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा और रंजिश का आईना है। पुरानी दुश्मनी और छोटे-छोटे विवादों का हिंसक रूप लेना चिंता का विषय है। कानपुर जैसे शहरों में पुलिस को और सख्ती बरतने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएं कम हो सकें। साथ ही, युवाओं को जागरूक करने और सामाजिक तनाव को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
अगर आप इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी रखते हैं या अपराध रोकने के लिए कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो अपनी राय जरूर साझा करें। आइए, मिलकर एक सुरक्षित समाज की ओर कदम बढ़ाएं।