अलीगढ़, उत्तर प्रदेश 25 जुलाई: किसी ने सपनों में भी नहीं सोचा था कि नाली की खुदाई में सोने के सिक्के का खजाना निकलेगा। अलीगढ़ के बरहेती गांव में एक ऐसी घटना ने सबको चौंका दिया, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के थाना क्वार्सी क्षेत्र में बरहेती गांव में नाली निर्माण के लिए चल रही सामान्य सी खुदाई ने उस वक्त सबको हैरान कर दिया, जब मिट्टी के ढेर से चमकते हुए सोने के सिक्के और कुछ प्राचीन वस्तुएं निकलीं। यह खबर जंगल की आग की तरह फैली और गांव में उत्साह के साथ-साथ उत्सुकता का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने बताया कि खुदाई के दौरान 11 सोने के सिक्के मिले, जिन्हें ग्राम प्रधान ने पुलिस को सौंप दिया। लेकिन अफवाहें हैं कि कुछ और सिक्के भी मिले, जिन्हें मजदूरों ने आपस में बांट लिया। आइए, इस अनोखी घटना की पूरी कहानी जानते हैं।
नाली की खुदाई और खजाने की खोज
कैसे शुरू हुई यह कहानी?
बरहेती गांव में जल निकासी की समस्या को हल करने के लिए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर सड़क किनारे नाली निर्माण का काम शुरू किया था। इसके लिए एक प्लाट में लगभग 2 फीट गहरा गड्ढा खोदा जा रहा था। दोपहर करीब एक बजे, जब मजदूर मिट्टी हटा रहे थे, तभी उनकी कुदाल से कुछ चमकदार चीजें टकराईं। पहले तो लगा कि कोई साधारण धातु होगी, लेकिन जब मिट्टी हटाकर देखा गया, तो वहां सोने के सिक्के और सुरमेदानी जैसी प्राचीन वस्तुएं थीं। यह खबर सुनते ही गांव में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों में मची अफरातफरी
जैसे ही सोने के सिक्के मिलने की बात फैली, गांव के लोग खुदाई स्थल की ओर दौड़ पड़े। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ लोग तो सिक्के ढूंढने में जुट गए, जबकि कुछ ने मौके पर ही कुछ सिक्के छिपा लिए। ग्राम प्रधान सतीश कुमार ने तुरंत स्थिति को संभाला और बरामद हुए 11 सिक्कों को थाना क्वार्सी की पुलिस को सौंप दिया। हालांकि, ग्रामीणों का दावा है कि और भी सिक्के मिले थे, जो मजदूरों ने आपस में बांट लिए। एक मजदूर ने तो यह भी बताया कि वह खुदाई शुरू होते ही बेहोश हो गया था और उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ।
पुलिस और पुरातत्व विभाग की कार्रवाई
पुलिस ने संभाला मोर्चा
सूचना मिलते ही थाना क्वार्सी की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बरामद सिक्कों को सील कर सुरक्षित रख लिया और खुदाई को तत्काल रोक दिया। सुरक्षा के लिए मौके पर दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि सिक्कों को पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा, ताकि उनकी ऐतिहासिकता और मूल्य का आकलन हो सके। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या और सिक्के मिले थे और क्या कुछ लोग उन्हें छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुरातत्व विभाग की भूमिका
सोने के सिक्कों के मिलने की खबर ने पुरातत्व विभाग को भी सक्रिय कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि ये सिक्के मुगल काल या नवाबों के समय के हो सकते हैं। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि ये सिक्के किसी प्राचीन खजाने का हिस्सा हो सकते हैं, जो वर्षों से जमीन में दबा था। पुरातत्व विभाग की टीम जल्द ही मौके पर पहुंचकर सिक्कों की जांच करेगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या ये सिक्के ऐतिहासिक महत्व के हैं और क्या इन्हें संग्रहालय में रखा जाएगा।
सिक्कों की कीमत और ऐतिहासिक महत्व
एक सिक्के की कीमत 1.5 लाख?
स्थानीय बाजार में चर्चा है कि एक सोने के सिक्के की कीमत करीब 1.5 लाख रुपये हो सकती है। हालांकि, यह अनुमानित मूल्य है और सिक्कों की असली कीमत का पता पुरातत्व विभाग की जांच के बाद ही चलेगा। अगर ये सिक्के वाकई मुगलकालीन या नवाबी दौर के हैं, तो इनका ऐतिहासिक और आर्थिक मूल्य कई गुना बढ़ सकता है।
ऐतिहासिक खजाने की संभावना
बरहेती गांव के इस खजाने ने इतिहासकारों और पुरातत्वविदों का ध्यान खींचा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अलीगढ़ का यह इलाका मुगलकाल में महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा होगा। उस समय लोग अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए जमीन में गाड़ देते थे। ऐसे में, यह संभव है कि ये सिक्के किसी धनी व्यापारी या नवाब के खजाने का हिस्सा हों। पुरातत्व विभाग की जांच से यह भी स्पष्ट हो सकता है कि क्या इस इलाके में और भी खजाना दबा हो सकता है।
ग्रामीणों के बीच उत्साह और अफवाहें
गांव में क्या चल रही है चर्चा?
बरहेती गांव में इस घटना ने लोगों के बीच एक नई उम्मीद जगा दी है। कुछ लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं, तो कुछ इसे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद बता रहे हैं। लेकिन साथ ही, कुछ ग्रामीणों के बीच यह अफवाह भी फैल रही है कि मजदूरों ने और सिक्के छिपा लिए हैं। एक स्थानीय निवासी, रामू ने बताया, “जब पहला सिक्का मिला, तो लोग इतने उत्साहित हो गए कि खुदाई छोड़कर सिक्के ढूंढने में जुट गए। लेकिन अब सब लोग एक-दूसरे पर शक कर रहे हैं।”
बेहोश मजदूर का रहस्य
खुदाई में शामिल एक मजदूर की कहानी ने इस घटना को और रहस्यमयी बना दिया है। मजदूर ने दावा किया कि जैसे ही खुदाई शुरू हुई, वह बेहोश हो गया और उसे नहीं पता कि क्या हुआ। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि यह उसकी बनाई हुई कहानी हो सकती है, ताकि वह सिक्कों के बंटवारे से बच सके। पुलिस इस मजदूर से भी पूछताछ कर रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
ऐसी घटनाओं का इतिहास
भारत में पहले भी मिले हैं खजाने
यह पहली बार नहीं है जब भारत में खुदाई के दौरान खजाना मिला हो। उत्तर प्रदेश के बक्सर में 2022 में एक खेत से सोने के सिक्के मिले थे, जिन्हें चेरो खरवार राजवंश से जोड़ा गया। इसी तरह, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में असीरगढ़ किले के पास 2025 में सोने और चांदी के सिक्कों की अफवाह ने लोगों को रातभर खुदाई करने पर मजबूर कर दिया। इन घटनाओं से साफ है कि भारत की धरती में अभी भी कई खजाने छिपे हो सकते हैं, जो समय-समय पर सामने आते रहते हैं।
कानूनी पहलू और नियम
भारत में पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं मिलने पर उन्हें सरकारी खजाने में जमा करना अनिवार्य है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के नियमों के अनुसार, ऐसे सिक्के या खजाने को निजी तौर पर रखना गैरकानूनी है। बरहेती गांव के मामले में भी ग्राम प्रधान ने सही कदम उठाते हुए सिक्कों को पुलिस को सौंपा। लेकिन अगर कुछ सिक्के छिपाए गए हैं, तो यह कानूनी उल्लंघन माना जाएगा।
अब आगे क्या?
जांच में क्या हो सकता है?
पुलिस और पुरातत्व विभाग की जांच से कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं। क्या ये सिक्के वाकई मुगलकालीन हैं? क्या इस खजाने का कोई ऐतिहासिक महत्व है? और सबसे बड़ा सवाल, क्या और सिक्के अभी भी जमीन में दबे हैं? इन सवालों के जवाब के लिए पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है।
ग्रामीणों की उम्मीदें
बरहेती गांव के लोग इस खोज से उत्साहित हैं। कुछ लोग मानते हैं कि अगर और खजाना मिला, तो गांव की तस्वीर बदल सकती है। लेकिन साथ ही, कुछ लोग डर रहे हैं कि कहीं यह खजाना विवाद का कारण न बन जाए। ग्राम प्रधान सतीश कुमार ने कहा, “हम चाहते हैं कि जो भी मिला है, वह सरकार को सौंपा जाए। हमारा गांव चर्चा में है, लेकिन हम नहीं चाहते कि कोई गलत काम हो।”
इस खजाने का भविष्य
बरहेती गांव की इस घटना ने न केवल अलीगढ़, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में लोगों का ध्यान खींचा है। सोने के सिक्के मिलने की खबर ने इतिहास, पुरातत्व, और सामान्य लोगों की जिज्ञासा को हवा दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुरातत्व विभाग की जांच में क्या सामने आता है। क्या यह खजाना किसी बड़े ऐतिहासिक रहस्य को उजागर करेगा? या फिर यह बस एक संयोग था?
अगर आप भी इस खजाने के रहस्य को और जानना चाहते हैं, तो हमारे साथ बने रहें। क्या आपको लगता है कि बरहेती गांव में और खजाना छिपा हो सकता है? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं। और हां, ऐसी रोमांचक खबरों के लिए हमारे न्यूज पोर्टल को फॉलो करना न भूलें!