HDB Financial IPO: 7 साल बाद एचडीएफसी समूह की पब्लिक लिस्टिंग ने मचाया तहलका!
HDB Financial IPO | आईपीओ पर दांव लगाने वालों की नजर इस 13,300 करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाली कंपनी पर। जानिए क्या है इस IPO में खास?
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 3 जून 2025 को HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ को मंजूरी दे दी है। यह आईपीओ न सिर्फ ₹12,500 करोड़ के विशाल आकार के लिए चर्चा में है, बल्कि यह एचडीएफसी समूह की 7 साल बाद पहली पब्लिक लिस्टिंग भी है।
क्यों है खास? 3 मुख्य कारण
- RBI का अनिवार्य आदेश: सितंबर 2023 में RBI ने शीर्ष-परत वाली एनबीएफसी कंपनियों को सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने का निर्देश दिया था। HDB इसी डेडलाइन को पूरा कर रहा है।
- पेरेंट कंपनी का भरोसा: HDFC बैंक की 94.64% हिस्सेदारी वाली यह सब्सिडियरी भारत के 1,700+ शहरों में फाइनेंस सर्विसेज पहुँचाती है।
- बाज़ार पर प्रभाव: लिस्टिंग के बाद HDB का मार्केट कैप ~₹1.01 लाख करोड़ होगा, जो इसे भारत की टॉप 5 फाइनेंस कंपनियों में शामिल कर देगा।
आईपीओ संरचना: कहाँ जाएगा पैसा?
घटक | राशि (₹ करोड़) | उद्देश्य |
---|---|---|
ताज़ा इश्यू (नए शेयर) | 2,500 | कारोबार विस्तार व पूँजी मजबूती |
OFS (प्रमोटर बिक्री) | 10,000 | HDFC बैंक द्वारा शेयरों की बिक्री |
कुल आकार | 12,500 |
नोट: OFS से मिले 10,000 करोड़ HDFC बैंक को जाएँगे, न कि कंपनी को।
HDB फाइनेंशियल: एक नज़र में
- स्थापना: 2007 (HDFC बैंक की सहायक कंपनी)
- नेटवर्थ: जून 2024 तक ₹13,300 करोड़
- ब्रांच नेटवर्क: 1,680+ (80% टियर-2/3 शहरों में)
- मुख्य उत्पाद:
- गोल्ड लोन 💰
- पर्सनल/बिज़नेस लोन 📑
- कमर्शियल व्हीकल फाइनेंस 🚚
वित्तीय परफॉर्मेंस: तेज़ी से बढ़ता मुनाफ़ा
पैरामीटर | FY2023 | FY2024 | वृद्धि |
---|---|---|---|
कुल आय | ₹12,403 Cr | ₹14,171 Cr | 14.3% |
शुद्ध लाभ | ₹1,959 Cr | ₹2,461 Cr | 25.6% |
ऋण पोर्टफोलियो | ₹70,084 Cr | ₹92,556 Cr | 32.1% |
आईपीओ से पहले की 5 अहम बातें
- ग्रे मार्केट में शेयर कीमत: ₹1,275–1,280 प्रति शेयर (52-वीक रेंज: ₹960–1,630)
- न्यूनतम निवेश: अलिस्टेड शेयरों में ₹57,000–70,000
- लॉक-इन पीरियड: लिस्टिंग के बाद 6 महीने (रिटेल निवेशकों के लिए)
- बुक रनिंग लीड मैनेजर: मॉर्गन स्टेनली, बैंक ऑफ अमेरिका, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
- कमज़ोरियाँ: 60%+ लोन अनसिक्योर्ड, बजाज फाइनेंस जैसे मजबूत प्रतिस्पर्धी
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क्या आप जानते हैं?
- HDB फाइनेंशियल CRISIL और CARE दोनों से AAA/स्टेबल रेटिंग हासिल कर चुका है।
- कंपनी की 140,000+ डीलर नेटवर्क के ज़रिए ग्राहक पहुँच।
- आईपीओ के बाद HDFC बैंक की हिस्सेदारी घटेगी, लेकिन वह सब्सिडियरी कंट्रोल बनाए रखेगा।
निवेशकों के लिए सलाह
- शॉर्ट-टर्म गेन (<24 महीने): आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लागू।
- लॉन्ग-टर्म गेन (>24 महीने): 12.5% टैक्स (बिना इंडेक्सेशन)।
ध्यान रहे: लिस्टिंग के बाद LTCG पर 12 महीने बाद 12.5% टैक्स + ₹1.25 लाख छूट मिलती है।
अगला कदम? आईपीओ टाइमलाइन
- प्राइस बैंड: जुलाई 2025 तक घोषणा की उम्मीद।
- एंकर निवेश: ग्लोबल फंड्स के लिए बुकिंग।
- बिडिंग डेट्स: BSE/NSE पर घोषणा होगी।
भारतीय वित्त क्षेत्र का गेम-चेंजर
HDB फाइनेंशियल का आईपीओ सिर्फ़ एक कंपनी की लिस्टिंग नहीं, बल्कि RBI के नए नियमों के तहत 50+ शीर्ष-परत एनबीएफसी कंपनियों के लिए एक मिसाल है। भारत के गैर-बैंकिंग वित्त क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक पल है। जैसे ही आईपीओ डेट आएगा, यह निवेशकों को HDFC बैंक की सफलता की कहानी में हिस्सा लेने का मौका देगा।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। निवेश से पहले SEBI-पंजीकृत सलाहकार से सलाह लें।
स्रोत: सेबी फाइलिंग्स, HDB फाइनेंशियल के DRHP, RBI गाइडलाइंस व मार्केट रिपोर्ट्स पर आधारित।
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