चगई/काबुल, 15 सितंबर 2024: अफ़गानिस्तान के हेलमंद प्रांत और पाकिस्तान के चगई जिले की सीमा पर स्थित बहराम चह चेकपोस्ट एक बार फिर भीषण सशस्त्र संघर्ष का केंद्र बन गया है। ताज़ा खुफिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि तालिबान को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) का सक्रिय समर्थन मिल रहा है, जिससे संघर्ष ने नया मोड़ ले लिया है।
⚡️ तात्कालिक अपडेट्स (15 सितंबर तक):
- पाकिस्तानी चौकियों पर कब्ज़ा: तालिबान ने गोंशोरो पास सहित 4 पाकिस्तानी चौकियों पर नियंत्रण कर लिया है। पाक सेना मोर्टार हमलों के बाद पीछे हटी।
- BLA की घातक भूमिका: BLA ने ‘ऑपरेशन हीरोफ 2.0’ के तहत पिछले 72 घंटों में चगई में 3 नए हमले किए, जिससे पाकिस्तानी सैनिकों को दोहरी चुनौती मिल रही है।
- नागरिक संकट गहराया: चगई के 2.5 लाख से अधिक निवासी सीमा से दूर शिविरों में पलायन कर चुके हैं। अफ़गान नागरिकों को भी हेलमंद से हटने का निर्देश दिया गया।
💥 क्यों भड़का संघर्ष?
- तालिबान का चौकी निर्माण: तालिबान द्वारा डूरंड लाइन पर नई चौकी बनाने के प्रयास को पाकिस्तान ने “सीमा समझौते का उल्लंघन” बताया।
- पहली गोलीबारी: पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा 3 फरवरी को शुरू की गई गोलीबारी के जवाब में तालिबान ने बहराम चह चेकपोस्ट को मोर्टार से ध्वस्त कर दिया।
🎯 रणनीतिक महत्व:
पैरामीटर | विवरण |
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नार्कोटिक्स रूट | विश्व के 75% अफीम की तस्करी का गलियारा |
सैन्य नियंत्रण | चगई-हेलमंड कॉरिडोर पर नियंत्रण से पूरे बलूचिस्तान तक पहुंच |
BLA का लक्ष्य | पाकिस्तानी दबाव कम कर बलूचिस्तान को स्वतंत्र कराना |
🔥 सैन्य तैनाती में तेजी:
- तालिबान: कंधार की 205वीं कोर तैनात, जिसमें 50 आत्मघाती हमलावरों का विशेष दस्ता शामिल।
- पाकिस्तान: सीमा पर टैंकों की तैनाती, फ्रंटियर कोर बलूचिस्तान को रीइनफोर्स किया गया।
😢 मानवीय पीड़ा:
- चगई में सभी स्कूल-कॉलेज बंद, अस्पताल हाई अलर्ट पर।
- स्थानीय नागरिक बम शेल्टर ढूंढ रहे हैं: “2023 के डेरा इस्माइल खान हमले की याद दिला रहा है” – एक विस्थापित का बयान।
🔮 भविष्य की आशंकाएं:
- क्षेत्रीय अस्थिरता: विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि तुरंत राजनयिक हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो संघर्ष ईरान तक फैल सकता है।
- आर्थिक प्रभाव: हेलमंद में बाढ़ (हाल ही में 6 मौतें) से पहले से बिगड़े हालात और खराब।
📢 एक्सपर्ट व्यू:
“तालिबान और BLA का गठजोड़ पाकिस्तान के लिए गेम-चेंजर है। इस्लामाबाद को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की तुरंत आवश्यकता है” – डॉ. अमीर रिज़वी, सुरक्षा विश्लेषक।
तालिबान और पाकिस्तानी सेना में भीषण गोलाबारी की स्थिति के बाद अब वैश्विक स्तर पर इन दोनों देशों के तनाव को लेकर बहस तेज हो गई है। वही तालिबान को बलूचिस्तान ने सीधा समर्थन देने से स्थिति और ज्यादा खराब हो गई।
मालूम हो इसके पहले पाकिस्तान और भारत मे बीते दिनों संघर्ष देखने को मिला था। पाकिस्तान अभी इससे उबर नही पाया कि तालिबान से जंग के बाद पाक की हालत खस्ता हो गई है वही पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति भी बढ़ती जा रही है।
बड़े स्तर पर बलूचिस्तान को आजादी के लिए संघर्ष जारी है तथा लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे है। अब आगे देखना होगा कि पाकिस्तान इन सब से उबर पाता है या एक नया मुल्क बलूचिस्तान के रूप में उदय होता है। तालिबान और पाकिस्तानी सेना में भीषण गोलाबारी की खबरों की ताजा अपडेट्स के लिए वेबसाइट पर बने रहे।