बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आया जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दरभंगा में एक विशाल चुनावी रैली को संबोधित किया। अपने तीखे और धारदार अंदाज में अखिलेश ने राज्य की रूलिंग एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘चुनावी दूल्हा’ करार देते हुए साफ कहा कि उन्हें खुद पता है कि इस बार वह सीएम नहीं बनने वाले हैं। अखिलेश यादव ने दरभंगा सभा में कहा, “वे सिर्फ दूसरों को माला पहना रहे हैं, असली फैसले दिल्ली से हो रहे हैं।”
यह रैली बिहार में महागठबंधन के प्रचार का एक अहम हिस्सा है, जहां सपा मुखिया ने भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ जमकर जहर उगला। उनके इस भाषण ने चुनावी माहौल को नया मोड़ दे दिया है।
‘महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश जैसा हशिया, बिहार में भी दोहराएंगे धोखा’
अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में भाजपा पर चुनावी धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, “आप लोगों ने देखा होगा कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में जिन्हें लेकर चुनाव लड़ा, उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया। बिहार में भी ऐसा ही होने वाला है।” उन्होंने भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाते हुए जनता को सचेत रहने की चेतावनी दी।
उन्होंने भाजपा की ‘ए, बी और पी टीम’ का जिक्र करते हुए एक रहस्यमयी इशारा किया। यह ‘पी टीम’ का जिक्र बिना नाम लिए पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर की ओर इशारा माना जा रहा है, जिनकी पार्टी जन सुराज इस चुनाव में मैदान में है।
महंगाई और बेरोजगारी पर केन्द्र सरकार को घेरा
सपा प्रमुख ने आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार की किरकिरी करते हुए कहा कि आज महंगाई चरम पर है और इसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “गरीब परिवार आज सोना नहीं खरीद पाएगा। हमारे बहन-बेटी की शादी हो तो कोई सोना का कुछ खरीद पाएगा? इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है।”
अखिलेश ने एनडीए द्वारा एक करोड़ नौकरियों के वादे को भी निशाने पर लिया। उन्होंने मजाक उड़ाते हुए कहा, “चुनाव पास आया है तो लोगों को नौकरी बांटने निकले हैं। अरे, इतने सालों से आप लोग क्या कर रहे थे?” उन्होंने आगे कहा, “भाजपा कह रही है कि एक करोड़ नौकरी देंगे, दिल्ली में केंद्र में भाजपा की सरकार है, बताओ कितने नौजवानों को भाजपा ने नौकरी दी है।”
मोकामा हत्याकांड पर कही ये बात, ‘जंगलराज’ का लगाया आरोप
अखिलेश यादव ने मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के मुद्दे को उठाते हुए बिहार की लॉ और सिचुएशन पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “जहां पर प्रधानमंत्री हों, जहां पर केंद्रीय गृह मंत्री प्रचार कर रहे हों, वहां पर ऐसी हत्या हो जाए तो वह खुद बताता है कि ये जंगलराज है या मंगलराज है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। यह आरोप एनडीए सरकार के ‘सुशासन’ के दावों पर सवाल खड़े करते हैं, जबकि जदयू नेता के.सी. त्यागी ने हाल ही में दावा किया था कि नीतीश सरकार ने 55,000 अपराधियों को जेल भेजकर सुशासन का परिचय दिया है .
‘अवध में हराया, अब मगध में हराएंगे’
अपने संबोधन का समापन करते हुए अखिलेश यादव ने एक जोरदार नारे के साथ महागठबंधन के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने कहा, “भाजपा और उसके सहयोगी समझ ले कि इस बार महागठबंधन सभी का पलायन कराने जा रहे हैं। तेजस्वी की सरकार आएगी तो नौकरियों की बहार होगी।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा, “यूपी का चुनाव आप लोगों ने देखा होगा… मुझे खुशी है कि जनता ने अवध में भाजपा को हराया था, अब मुझे लग रहा है कि मगध में भी जनता भाजपा को हराएगी।” उन्होंने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने का मतलब दिल्ली में भाजपा की सत्ता का अंत होगा।
बिहार की सियासत में नया मोड़
अखिलेश यादव का यह भाषण बिहार के चुनावी महासमर में एक अहम पड़ाव की तरह है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का बिहार में सक्रिय प्रचार में उतरना महागठबंधन की रणनीति का हिस्सा है। समाजवादी पार्टी इस बार बिहार में चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन अखिलेश यादव एक नवंबर से राज्य में छह जनसभाएं करेंगे, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ एक संयुक्त रैली भी शामिल है . दरभंगा में दागे गए ये तीर चुनावी नतीजों पर क्या असर डालते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।